यमन: पिछले सप्ताह गठबन्धन के हमले में 91 की मौत और सैकड़ों घायल

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को कहा है कि यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबन्धन ने पिछले सप्ताह उत्तरी शहर – साआदा में एक बन्दीगृह पर जो हवाई हमले किये थे, उनमें, आरम्भिक ख़बरों के अनुसार 91 लोग मारे गए और अनेक अन्य घायल हुए हैं.
वो कारावास सुविधा अन्सार अल्लाह आन्दोलन संचालित करता है जिन्हें हूथी भी कहा जाता है.
Amid 🇾🇪#Yemen’s escalating conflict, which saw deadly airstrikes by the Saudi-led coalition on 21 January, we call for a transparent, independent and impartial investigation to ensure accountability for any breaches of international humanitarian law.https://t.co/pt3cg0urY5 pic.twitter.com/ZNtCEqXY8A
UNHumanRights
हूथी लड़ाके, यमन में अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के ख़िलाफ़ पिछले सात वर्षों से युद्धरत हैं. सरकार को सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबन्धन का समर्थन भी हासिल है.
समझा जाता है कि जब 21 जनवरी को उस बन्दीगृह पर लगातार तीन हवाई हमले किये गए तो वहाँ 1300 ऐसे बन्दियों को रखा गया था जिन पर मुक़दमा चलाया जाना है. साथ ही, वहाँ 700 आप्रवासी भी मौजूद थे.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविल ने शुक्रवार को जिनीवा में बताया कि यमन में मानवाधिकार कर्मचारी एक अन्तर-एजेंसी के मिशन के तहत इस सप्ताह अल साआदा में थे, और उन्होंने जो जानकारी व सबूत इकट्ठे किये हैं उनसे हवाई हमलों के बाद, अफ़रा-तफ़री मचने व घबराहट वाले हालात का पता चलता है.
प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया कि हताहत हुए आम लोगों की संख्या की पुष्टि करने के प्रयास किये जा रहे हैं, मगर आरम्भिक ख़बरों के अनुसार, लगभग 91 बन्दी मारे गए हैं और 236 घायल हुए हैं. इमारत की ऊपरी मंज़िल पूरी तरह ध्वस्त हो गई.
गम्भीर रूप से घायल बन्दियों को शहर के ही, अल जोमहोरी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ तत्काल और जीवन रक्षक उपचार के ज़रूरतमन्द मरीज़ों की भारी संख्या को देखते हुए, उन्हें संभाल पाना मुश्किल था.
मानवाधिकार प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया ख़बरों के अनुसार, सऊदी नेतृत्व वाले गठबन्धन ने गुरूवार को कहा था कि वो उन हवाई हमलों की जाँच कर रहा है, यह सन्देश शुक्रवार को भी दोहराया गया है.
प्रवक्ता ने कहा, “हम उनसे आग्रह करते हैं कि कोई भी जाँच-पड़ताल अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप, पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष हो, जिसमें ये जाँच की जाए कि कारावास को हमले का निशाना क्यों बनाया गया.”
“अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के उल्लंघन के लिये निजी जवाबदेही निर्धारित हो, और भविष्य में, ऐसी घटनाएँ नहीं होने देने के लिये उपाय और प्रक्रिया निर्धारित किये जाएँ.”
प्रवक्ता ने बताया कि मानवाधिकार दल ने इस स्थल की हाल ही में यात्रा की है और इस स्थल में कोई सैन्य गतिविधि संचालित होने के संकेत नज़र नहीं आते हैं. अलबत्ता, अतीत में यहाँ बैरकें होती थीं.
इस सन्दर्भ में, गठबन्धन से जानकारी साझा करने को कहा गया है.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने अपनी यह मांग भी दोहराई है कि अन्सार अल्लाह, उन दो यूएन कर्मचारियों को तुरन्त रिहा करे, जिन्हें राजधानी सना में, नवम्बर 2021 से अस्वीकार्य रूप से बन्दी बनाकर रखा गया है.
ये कर्मचारी यूएन मानवाधिकार कार्यालय और यूनेस्को के लिये काम करते हैं.
मानवाधिकार प्रवक्ता ने कहा कि इन यूएन कर्मचारियों को बन्दी बनाए जाने के बारे में किसी क़ानूनी आधार या परिस्थितियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मुहैया कराई गई है, साथ ही उनके परिवारों के साथ भी उनका कोई सम्पर्क नहीं कराया गया है.