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हॉलोकॉस्ट: मानव इतिहास की अभूतपूर्व भयावहता और सुनियोजित क्रूरता के पीड़ितों का स्मरण

पोलैण्ड में ऑशवित्ज़-बर्कनाउ यातना शिविर में सूर्यास्त का एक दृश्य.
UN Photo/Evan Schneider
पोलैण्ड में ऑशवित्ज़-बर्कनाउ यातना शिविर में सूर्यास्त का एक दृश्य.

हॉलोकॉस्ट: मानव इतिहास की अभूतपूर्व भयावहता और सुनियोजित क्रूरता के पीड़ितों का स्मरण

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को हॉलोकॉस्ट स्मरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को अपने सम्बोधन के दौरान, यहूदी जनसंहार की अभूतपूर्व भयावहता और क्रूरता के पीड़ितों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए, भरोसा दिलाया है कि धार्मिक कट्टरता, भेदभाव और नस्लवाद के सभी रूपों के विरुद्ध लड़ाई में, संयुक्त राष्ट्र अग्रिम मोर्चे पर मौजूद है. 

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों ने 60 लाख से ज़्यादा यहूदियों और उनके साथ रोमा, सिन्ती समूहों के के लोगों का जनसंहार किया था, और अन्य अनगिनता पीड़ितों को अभूतपूर्व भयावहता व क्रूरता के दौर से गुज़रना पड़ा. 

यहूदी जनसंहार – हॉलोकॉस्ट – के पीड़ितों की स्मृति में 27 जनवरी को यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है.

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महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि नाज़ी शासन और उसके साथी देशों के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले गठबन्धन की व्याख्या करने के लिये संयुक्त राष्ट्र नाम दिया गया.

यूएन प्रमुख ने गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र, यहूदी-विरोधवाद और धार्मिक कट्टरता व नस्लवाद के सभी रूपों के विरुद्ध लड़ाई में हमेशा अग्रिम मोर्चे पर रहेगा.”

उन्होंने क्षोभ जताया कि मौजूदा दौर में विदेशियों के प्रति नापसन्दगी व भय और नफ़रत चिन्ताजनक ढंग से बढ़ी है.

बढ़ता यहूदी-विरोधवाद, असहिष्णुता और हॉलोकॉस्ट को नकारे जाने की भावना फैल रही है, और इससे कोई भी समाज अछूता नहीं है.

“हमें यह कभी नहीं भुलाना होगा कि हॉलोकॉस्ट को रोका जा सकता था. पीड़ितों द्वारा लगाई गई गुहार अनसुनी कर दी गई.”

“बहुत कम लोगों ने अपनी बात कही, बहुत कम ने सुनी – उससे भी कम एकजुटता में खड़े हुए.”

भविष्य को सहेजना

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि भविष्य की रक्षा के लिये अतीत को याद किया जाना आवश्यक है और नफ़रत के सामने मौन रह जाना, अपराध में भागीदार होने के समान है.

उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अन्य लोगों की पीड़ा के प्रति उदासीनता से हमेशा बचना होगा.

और यह भी नहीं भूलना होगा कि मृत्यु-शिविरों में क्या हुआ था. साथ ही अन्य लोगों को भी इसे नहीं भूलने देना होगा.

“आइये, हम हमेशा सतर्कता और सर्वजन के लिये मानवाधिकार और गरिमा क़ायम रखने का संकल्प लें.”

मानव इतिहास की बदतरीन क्रूरता

यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने अपने सम्बोधन के दौरान, मानव इतिहास के इस क्रूरतापूर्ण दौर में जान गँवाने वाले लाखों महिलाओं, पुरुषों व बच्चों के प्रति अपनी सम्वेदना व्यक्त की.

“हम उन सभी का सम्मान करते हैं, जिनका जीवन कट्टरता, यहूदी-विरोधवाद और नफ़रत के ईंधन से पोषित बर्बर और असहनीय कृत्यों से ख़त्म कर दिया गया.”

महासभा प्रमुख ने कहा कि इतिहास को फिर दोहराएये जाने से रोकने के लिये यह ज़रूरी है कि इस व्यथा-कथा को निरन्तर बताया जाए. 

“हम स्वयं को मानवता के इस बदतर लम्हों के प्रति ध्यान दिलाते हैं, और साल-दर-साल यह शपथ लेते हैं: फिर कभी नहीं.”

“चूँकि ऐसा करना, हॉलोकॉस्ट को नकारे जाने के दावों के विरुद्ध खड़ा होना है.”

सत्य के लिये एकजुटता

अमेरिका में हॉलोकॉस्ट स्मारक संग्रहालय में पीड़ितों की तस्वीरें.
U.S. Holocaust Memorial Museum
अमेरिका में हॉलोकॉस्ट स्मारक संग्रहालय में पीड़ितों की तस्वीरें.

महासभा अध्यक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वालों को ख़ारिज किया जाना होगा और नई पीढ़ियों में जागरूकता का प्रसार करना होगा. 

उनके मुताबिक़, सत्य को सर्वोपरि रखने, समानता अपनाए जाने और सर्वाधिक निर्बल समूहों के अधिकारों की रक्षा के लिये यह बेहद अहम है.

अब्दुल्ला शाहिद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उन प्रस्तावों को अपना समर्थन व मज़बूती प्रदान करने का भरोसा दिलाया है, जिनसे दुनिया भर में लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनका सशक्तिकरण सम्भव हो.

“यह देखना हृदय-विदारक है कि वैश्विक महामारी की कठिनाइयों के बीच, नफ़रत, असहिष्णुता और यहूदी-विरोधवाद फिर से एक बार, आधुनिक हिंसा, टकराव और भेदभाव को हवा दे रहा है.”

“हॉलोकॉस्ट पीड़ितों की स्मृति में, और जीवित बच गए लोगों के सम्मान के तौर पर, आइये, हम यह कभी ना भूलें. आइये, हम सर्वजन के लिये सत्य, शान्ति और न्याय के लिये एकजुट हों.” 

भ्रामक सूचना प्रसार से मुक़ाबला

इस बीच, ऑनलाइन माध्यमों पर हॉलोकॉस्ट से जुड़ी झूठी जानकारी निरन्तर फैल रही है, जिसमें नात्ज़ी शासन के दौर में हुई घटनाओं के सम्बन्ध में सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के आँकड़े दर्शाते हैं कि लोकप्रिय ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म टिक-टॉक पर हॉलोकॉस्ट से सम्बन्धित 17 प्रतिशत सामग्री में या तो इससे नकारा गया है, या फिर जनसंहार को दूसरे ढंग से पेश किया गया है.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने कहा कि हॉलोकॉस्ट से जुड़ी सच्चाई को नकारना, तोड़ना-मरोड़ना या फिर उसे तुच्छ बताना, समकालीन यहूदी-विरोधवाद का ही एक चिन्ताजनक रूप है. 

इस समस्या से निपटने के लिये, यूनेस्को और विश्व यहूदी कांग्रेस ने टिक-टॉक के साथ एक नई साझेदारी की शुरुआत की है, ताकि हॉलोकॉस्ट से जुड़ी जानकारी की खोज करने वाले लोगों को सत्यापित स्रोतों तक पहुँचाया जा सके.