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UN News/Ben Dotsei Malor

साक्षात्कार: समान और न्यायपूर्ण दुनिया ही वक़्त की ज़रूरत - यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन न्यूज़ के साथ एक ख़ास बातचीत में कोविड-19 के प्रसार पर चिन्ता जताई है और महामारी के बाद बेहतर पुनर्निर्माण, सतत पुनर्बहाली, समानता व बहुपक्षवाद बढ़ाने पर ज़ोर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगाँठ और महासभा के 75वें सत्र के मौक़े पर दिये इस साक्षात्कार में महासचिव ने एक समान व न्यायपूर्ण व टिकाऊ दुनिया के निर्माण का आहवान किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र (2020-2021) के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर, 74वें सत्र के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बाँडे को विदाई सम्बोधन के दौरान.
UN Photo/ Rick Bajornas

यूएन महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष चुने गए तुर्की के राजनयिक वोल्कान बोज़किर ऐसे अभूतपूर्व समय में यह ज़िम्मेदारी उठा रहे हैं, जब संगठन अप्रत्याशित महामारी से जूझ रहा है और उसके भविष्य की दिशा को लेकर अनेक भी सवाल मुँह-बाएँ खड़े हैं. वोल्कान बोज़किर के साथ एक ख़ास बातचीत...

2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा का 74वाँ सत्र.
UN Photo/Cia Pak

यूएन महासभा का 75वाँ ऐतिहासिक सत्र

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना को 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा का वार्षिक सितम्बर होता है और वर्ष 2020 का ये सत्र कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में पहली बार वर्चुअल होगा. इस ऐतिहासिक सत्र में वैश्विक महामारी, जलवायु संकट और बढ़ती असमानता के परिपेक्ष्य में, दुनिया भर के नेता, वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए वर्चुअल चर्चा में भाग लेंगे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख तिजानी मोहम्मद-बाँडे.
UN Photo/Eskinder Debebe

यूएन महासभा: 'अभूतपूर्व हालात' में लोगों की सेवा के लिये निरन्तर प्रयासरत

कोविड-19 महामारी के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अभूतपूर्व परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वहन और ज़रूरी सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिये अपने प्रयास निरन्तर जारी रखे हैं. यूएन महासभा अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद-बाँडे ने 74वें सत्र के समापन पर मंगलवार को मौजूदा सत्र के अहम कार्यक्रमों का उल्लेख किया और आगामी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी है. 

कॉक्सेस बाज़ार के शरणार्थी शिविर में शेफ़ुका घर से ही अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रखने का प्रयास कर रही हैं.
© UNICEF/UNI340770/

कोविड-19: शरणार्थी बच्चों की शिक्षा पर विनाशकारी प्रभाव

शरणार्थी मामलों की संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने अपनी एक नई रिपोर्ट ‘Coming Together for Refugee Education’ में आशंका जताई है कि स्कूल बन्द होने, ज़्यादा फ़ीस होने या दूरस्थ शिक्षा के लिए तकनीक तक पहुँच ना होने के कारण बड़ी संख्या में शरणार्थी बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ होंगे. एक वीडियो रिपोर्ट...

 

सूर्योदय का एक दृश्य. पृथ्वी की सलामती के लिये इन्सानों को बहुत ज़िम्मेदारी दिखानी होगी.
WMO/Boris Palma

नीले व चमकीले आकाश की ख़ातिर

सोमवार, सात सितम्बर को दुनिया भर में प्रथम “नीले आसमानों के लिये स्वच्छ वायु का अन्तरराष्ट्रीय दिवस” मनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी इनसानों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी और स्वास्थ्य के लिये स्वच्छ वायु की अहमियत को ध्यान में रखते हुए ये दिवस मनाए जाने की मंज़ूरी दी है. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में सफ़ाई करता एक कर्मचारी. हर वर्ष सितम्बर में इस हॉल में विश्व नेताओं व प्रतिनिधियों का जमावड़ा लगता रहा है.
UN Photo/Manuel Elias

वीरान गलियारे, मगर व्यस्त कार्यक्रम, महासभा का 75वाँ सत्र वर्चुअल 

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की इमारत के गलियारों में इस वर्ष किसी राष्ट्राध्यक्ष से अनजाने में टकरा जाने का मौक़ा नहीं मिलेगा, या फिर दुनिया भर की मशहूर और प्रमुख हस्तियों का जमावड़ा देखने की ख़्वाहिश अधूरी ही रह जाएगी, ना ही मुख्यालय के समानान्तर गुज़रने वाली सड़क प्रथम एवेन्यू पर अमरीकी राष्ट्रपति का बेहद लम्बा काफ़िला इस वर्ष नज़र आएगा...

इस वर्ष तालाबन्दी के कारण कार्बन उत्सर्जन में नाटकीय कमी हुई है, जिससे बहुत से नगरों में स्वच्छ वायु की झलक मिली है.
UNDP Cuba

प्रदूषणरहित भविष्य के लिये अपील

दुनिया भर में, हर दस में से नौ लोग प्रदूषित हवा में साँस लेते हैं. वायु प्रदूषण हृदय की बीमारियों, आघात, फेफड़ों का कैंसर और साँस लेने की अन्य बीमारियों में सहायक बनता है. वायु प्रदूषण के कारण हर साल दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है, ये मौतें मुख्य रूप से निम्न – और मध्य आय वाले देशों में होती हैं.

वायु प्रदूषण से अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण के लिये भी ख़तरा पैदा होता है.

“नीले आसमानों की ख़ातिर स्वच्छ वायु पर अन्तरराष्ट्रीय दिवस” पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश ने अपने  सन्देश में सभी देशों से स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ परिवहन अपनाने की अपील की...

 

कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही यूनिफ़िल देश के दक्षिणी हिस्से में ब्लू लाइन के नज़दीक अपना अभियान जारी रखे हुए है.
UNIFIL

कोविड19: यूनिफ़िल की मुस्तैदी

यूनिफ़िल ने लेबनान के दक्षिणी हिस्से में कोविड-19 से बचाव के ऐहतियाती उपायों के तहत अपने शान्तिरक्षकौों के लिये सख़्त नियमों वाली रोटेशन व्यवस्था लागू की है. इसका मक़सद है – शान्तिरक्षकों और मेज़बान समुदाय को कोरोनावयरस के संक्रमण से बचाना. देखिये एक वीडियो रिपोर्ट...

कोयले पर दक्षिण अफ्रीका की निर्भरता साफ़ नज़र आती है. कोयला खदान प्रक्रिया के कारण पानी सिंचाई, उद्योग और पीने के योग्य नहीं बचता. पानी केवल गन्दा नहीं, बल्कि ज़हरीला हो गया है.
UN Photo/Gill Fickling

स्वच्छ, कुशल ऊर्जा में भारत की अहम भूमिका

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को 19वें दरबारी सेठ स्मारक व्याख्यान को सम्बोधित किया. ये व्याख्यान ऊर्जा व शोधन संस्थान (टैरी) भारत, ने अपने संस्थापक और जलवायु कार्रवाई के प्रणेता, दरबारी सेठ के सम्मान में आयोजित किया था. इस व्याख्यान में महासचिव ने कोविड-19 पुनर्बहाली में जलवायु कार्रवाई को प्रमुखता देते हुए ज़ोर देकर कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा बढ़ाकर अपनी दो शीर्ष प्राथमिकताएँ प्राप्त कर सकता है - ग़रीबी उन्मूलन और ऊर्जा की सार्वभौमिक पहुँच की गारण्टी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन की बजाय अक्षय ऊर्जा में निवेश करने से तीन गुना अधिक रोज़गार उत्पन्न हो सकते हैं.