वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वीरान गलियारे, मगर व्यस्त कार्यक्रम, महासभा का 75वाँ सत्र वर्चुअल 

संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में सफ़ाई करता एक कर्मचारी. हर वर्ष सितम्बर में इस हॉल में विश्व नेताओं व प्रतिनिधियों का जमावड़ा लगता रहा है.
UN Photo/Manuel Elias
संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में सफ़ाई करता एक कर्मचारी. हर वर्ष सितम्बर में इस हॉल में विश्व नेताओं व प्रतिनिधियों का जमावड़ा लगता रहा है.

वीरान गलियारे, मगर व्यस्त कार्यक्रम, महासभा का 75वाँ सत्र वर्चुअल 

यूएन मामले

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की इमारत के गलियारों में इस वर्ष किसी राष्ट्राध्यक्ष से अनजाने में टकरा जाने का मौक़ा नहीं मिलेगा, या फिर दुनिया भर की मशहूर और प्रमुख हस्तियों का जमावड़ा देखने की ख़्वाहिश अधूरी ही रह जाएगी, ना ही मुख्यालय के समानान्तर गुज़रने वाली सड़क प्रथम एवेन्यू पर अमरीकी राष्ट्रपति का बेहद लम्बा काफ़िला इस वर्ष नज़र आएगा...

... महासभा हॉल में “केवल खड़े होने के लिये” की तख़्तियों वाले स्थान भी नज़र नहीं आएँगे, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का साल भर में व्यस्ततम समय कोविड-19 का मुक़ाबला करने के लिये उठाए गए क़दमों के माहौल में बिल्कुल नई तरह से आयोजित किया जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 75 वाँ सत्र 15 सितम्बर से शुरू हो रहा है, और इस वर्ष कोविड-19 के कारण, ये सत्र इस विश्व संगठन के 75 वर्ष के इतिहास में बिल्कुल अलग तरह से होगा.

अधिकतर देशों के नेतागण इस सत्र में निजी रूप में शिरकत नहीं कर सकेंगे और तमाम बैठकें डिजिटल व वर्चुअल चैनलों के ज़रिये होंगी.

लेकिन इस सन्दर्भ में ये कहना भी ठीक नहीं होगा कि वैश्विक कूटनीति और टिकाऊ विकास के पहिये जाम हो जाएंगे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में ये पाँच प्रमुख ख़ास बातें होंगी... 

1)    राष्ट्रपतियों व राष्ट्राध्यक्षों के भाषण

संयुक्त राष्ट्र में हंगरी की स्थाई प्रतिनिधि कैटलिन बोगयेय महासभा हॉल में चुनावों के लिये अपनी मत तैयार करते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
संयुक्त राष्ट्र में हंगरी की स्थाई प्रतिनिधि कैटलिन बोगयेय महासभा हॉल में चुनावों के लिये अपनी मत तैयार करते हुए.

महासभा के किसी भी नए सत्र का मुख्य आकर्षण, निसन्देह जनरल डीबेट यानि आम चर्चा होती है जो इस वर्ष 2020 में 22 सितम्बर को शुरू होगी. ये आमतौर पर महासभा का का वार्षिक सत्र शुरू होने के एक सप्ताह बाद शुरू होती है. ये एक ऐसा वैश्विक अनोखा मौक़ा होता है जहाँ देशों के राष्ट्रपति और राष्ट्राध्यक्ष ( कभी-कभी उनके मनोनीत प्रतिनिधि) यूएन मुख्यालय स्थित महासभा के मुख्य वक्ता स्थल (डायस) पर जाते हं और वहाँ से दुनिया भर को अपने चुने हुए मुद्दों पर सम्बोधित करते हैं.

इस वर्ष, कोरोनावायरस महामारी के कारण, विश्व नेता इस वार्षिक सत्र में शिरकत करने के लिये यूएन मुख्यालय नहीं पहुँचेंगे. इस वर्ष कोविड-19 के कारण विश्व नेताओं को अपना वीडियो सन्देश पहले से ही भेज देने का न्यौता भेजा गया है और ये सन्देश महासभा के सभागार में सबके सामने सुनाया जाएगा. राष्ट्राध्यक्षों के ये भाषण न्यूयॉर्क स्थित उन देशों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किये जाएंगे जोकि सभागार में ख़ुद मौजूद रहेंगे.

अलबत्ता, किसी भी विश्व नेता को अपना भाषण ख़ुद प्रस्तुत करने के लिये यूएन मुख्यालय पहुँचने का अधिकार है, और यह एक ऐसा अवसर हो जो कम से कम एक राष्ट्रपति के लिये अनुकूल बैठ सकता है जो इस वर्ष अपने पद के लिये फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.
महासभा के वर्चुअल सत्र के बारे कुछ और जानिये...

2)    75 वीं वर्षगाँठ

अक्टूबर 1955 में खींची गई इस तस्वीर में यूएन मुख्यालय इमारत और न्यूयॉर्क शहर के मैनहैटन इलाक़े की गगनचुम्बी इमारतें नज़र आ रही हैं. (24 अक्टूबर 1955)
UN Photo
अक्टूबर 1955 में खींची गई इस तस्वीर में यूएन मुख्यालय इमारत और न्यूयॉर्क शहर के मैनहैटन इलाक़े की गगनचुम्बी इमारतें नज़र आ रही हैं. (24 अक्टूबर 1955)

संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 1945 में हुई थी और वर्ष 2020 में ये विश्व संगठन अपनी स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ मना रहा है. महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस अवसर को आमजन की चर्चा क़रार दिया है जो सभी की पसन्द वाला भवष्य बनाने के लिये अभी तक का सबसे बड़ा और दीर्घकालीन वैश्विक लक्ष्यों पर नज़र रखने का सबसे बड़ा अवसर है.

75वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये 21 सितम्बर को मुख्यालय में एक आयोजन किया जाएगा जो डिजिटल व वर्चुअल माध्यमों पर भी उपलब्ध रहेगा. इसमें बहुपक्षवाद के लिये समर्थन ताज़ा करने का भी लक्ष्य है जोकि एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में बहुत से लोग ये सोचते हैं कि कोविड-19 से विश्व के सामने उत्पन्न चुनौती के मद्देनज़र बहुपक्षवाद और भी ज़्यादा प्रासंगिक व ज़रूरी हो गया है.

ऐसी सम्भावना है कि 75वीं वर्षगाँठ के सिलसिले में महासभा सभागार में आयोजित इस आयोजन को महासचिव निजी रूप में सम्बोधित करेंगे.

3)    टिकाऊ विकास के ज़रिये विश्व का कायापलट

केनया में एक महिला किसान एक सहकारी खेत में अपनी फ़सल की देखभाल करते हुए.
© FAO/Fredrik Lerneryd
केनया में एक महिला किसान एक सहकारी खेत में अपनी फ़सल की देखभाल करते हुए.

पृथ्वी की संरक्षा करने के साथ-साथ दुनिया भर में ग़रीबी का उन्मूलन करने और शान्ति क़ायम करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) वर्ष 2020 के दौरान भी संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख एजेण्डा रहे हैं. बहुत से लोगों की ये दलील भी है कि कोविड-19 महामारी ने और भी ज़्यादा स्पष्टता व ताक़त के साथ ये अहसास करा दिया है कि ये लक्ष्य कितने महत्वपूर्ण हैं, और ऐसा कहने वालों में उपमहासचिव आमिना जे मोहम्मद की आवाज़ भी शामिल है.

महासभा के 75वें सत्र के दौरान टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर ख़ास ध्यान रहेगा जिस दौरान 30 मिनट का एक वैश्विक प्रसारण भी किया जाएगा जोकि अपनी तरह का पहला आयोजन होगा. इसमें दुनिया भर से लोगों की बात सुनी जाएगी जिसमें हमारे मौजूदा समय, हमारे पृथ्वी ग्रह के सामने दरपेश अनेक चुनौतियों और हमारी दुनीया को 2030 तक बदलने वाले उपायों की गतिशील पड़ताल की जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल कर लिये जाएँगे.

इस बीच, वैश्विक टिकाऊ विकास एजेण्डा को, बीते वर्षों में, यूएन मुख्यालय में प्रोत्साहन देने के लिये एक मंच मुहैया करने वाला एसडीजी एक्शन ज़ोन इस वर्ष वर्चुअल आयोजित किया जाएगा. इस ज़ोन में मशहूर और प्रभावशाली हस्तियाँ शामिल होकर टिकाऊ विकास एजेण्डा को अपना समर्थन व प्रोत्साहन देती हैं. टिकाऊ विकास लक्ष्यों के इर्द-गिर्द चर्चा की श्रंखला प्रसारित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र और अल जज़ीरा के बीच एक साझेदारी भी हुई है.

4)    वैश्विक जैव-विविधता के लुप्त होने का जोखिम

मिस्र के तटीय इलाक़ों के लाल सागर में इस तरह की प्रवाल भित्ति को देखने बहुत से सैलानी आते हैं जिससे आय अर्जित होती है.
Coral Reef Image Bank/Fabrice Du
मिस्र के तटीय इलाक़ों के लाल सागर में इस तरह की प्रवाल भित्ति को देखने बहुत से सैलानी आते हैं जिससे आय अर्जित होती है.

पृथ्वी की जैव-विविधता यानि इसकी समृद्ध जीवन विविधता, इतनी तेज़ गति से लुप्त हो रही है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने असाधारण दर क़रार दिया है. दस लाख से भी ज़्यादा प्रजातियाँ लुप्त होने के कगार पर हैं, इस समय दो अरब हैक्टेयर भूमि बेकार हो चुका है. समुद्रों का लगभग 66 प्रतिशत हिस्सा, 50 फ़ीसदी प्रवाल भित्ति और 85 प्रतिशत आद्र स्थल मानवीय गतिविधियों के कारण नकारात्मक रूप में और बहुत बड़े पैमाने पर बदले जा चुके हैं.

प्राकृतिक वातावरण के ख़राब होने की तेज़ी को रोकने और जिस तरह ये इन्सानों की ज़िन्दगी को प्रभावित कर रहा है, इन मुद्दों पर विचार करने के लेय इस वर्ष एक प्रमुख अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन चीन के कुनमिन्ग में होने वाला था, मगर अब इसे मई 2021 तक टाल दिया गया है. इस बीच, एक दिवसीय वर्चुअल बैठकें 30 सितम्बर को महासभा की अगुवाई में आयोजित की जाएँगी.

5)    लैंगिक मुद्दा: बीजिंग के बाद 25 वर्ष

जॉर्डन के उत्तरी शोउनेह इलाक़े में एक महिला एक री-सायकलिंग कारख़ाने में सामान उठाने वाले छोटे ट्रक के माध्यम से काम करते हुए.
UNDP/Sumaya Agha
जॉर्डन के उत्तरी शोउनेह इलाक़े में एक महिला एक री-सायकलिंग कारख़ाने में सामान उठाने वाले छोटे ट्रक के माध्यम से काम करते हुए.

लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों पर प्रगति कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है. महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के अनुसार महिलाओं और लड़कियों को ग़ैर-आनुपातिक रूप में सामाजिक व आर्थिक तकलीफ़ें उठानी पड़ी हैं. 1 अक्तूबर को, लैंगिक समानता व महिलाओं के सशक्तिकरण के सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर यूएन मुख्यालय में चर्चा होगी. इनका सन्दर्भ अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत बीजिंग कार्रवाई मंच की 25वीं वर्षगाँठ होगा. बीजिंग घोषणा-पत्र महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिये बहुत व्यापक व प्रगतिशील योजना है जिसे बहुत व्यापक स्वीकृति मिली हुई है.

एक और... न्यूयॉर्क वासियों की प्रसन्नता

न्यूयॉर्क सिटी में स्थित लाल रौशनी से प्रकाशमान एम्पायर स्टेट इमारत विश्वव्यापी महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर जुटे स्वास्थ्य व राहतकर्मियों को श्रृद्धांजलि का प्रतीक है.
UN Photo/Evan Schneider
न्यूयॉर्क सिटी में स्थित लाल रौशनी से प्रकाशमान एम्पायर स्टेट इमारत विश्वव्यापी महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर जुटे स्वास्थ्य व राहतकर्मियों को श्रृद्धांजलि का प्रतीक है.

ये घटनाक्रम वैसे तो संयुक्त राष्ट्र महासभा की गतिविधियों का हिस्सा नहीं है, मगर उससे जुड़ा हुआ ज़रूर नज़र आता है. न्यूयॉर्क में रहने वाले बहुत से लोग हर साल सितम्बर में महासभा का सत्र शुरू होने पर बहुत नाक-भौं सिकोड़ते हैं क्योंकि उन्हें भारी परेशानियों का सामना पड़ता है. महासभा के सत्र के लिये सुरक्षा प्रबन्धों के तहत बहुत सी सड़कें बन्द कर दी जाती हैं, अमरीकी राष्ट्रपति के साथ चलने वाला कारों का बहुत लम्बा काफ़िला प्रथम एवेन्यू और आसपास के इलाक़ों को बिल्कुल जाम कर देता है, जिससे आम जीवन गहराई से प्रभावित होता है.

अलबत्ता, इस वर्ष विश्व नेता महासभा सत्र में शिरकत करने के लिये निजी रूप में यूएन मुख्यालय नहीं पहुँचेंगे, न्यूयॉर्क के लोगों को, कोविड-19 के कारण उत्पन्न भीषण चुनौतियों के बावजूद, कुछ राहत तो मिलेगी. न्यूयॉर्क शहर को कोविड-19 की वजह से सैलानियों और भ्रमणकारियों के नहीं आने से अरबों डॉलर की रक़म का नुक़सान हुआ है फिर भी यहाँ के निवासी, बेशक उस लगभग एक सप्ताह या दस दिनों में कुछ राहत अवश्य महसूस करेंगे जब ये वैश्विक नगरी पूरी तरह से राष्ट्रपतियों व राष्ट्राध्यक्षों की यात्राओं में मगन होती रही है.