वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों और महिलाओं पर बड़े पैमाने पर पाबन्दियाँ हैं, और अक्सर महिलाओं को, कोड़े मारकर दंड दिया जाता है.
© UNICEF/Mukhtar Neikrawa

अफ़ग़ानिस्तान में शारीरिक दंड के बढ़ते प्रयोग पर गहरी चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने बुधवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में सत्ताधीन अधिकारियों द्वारा शारीरिक दंड के व्यापक प्रयोग पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.

अफ़ग़ानिस्तान में हाल के समय में अत्यन्त चरम मौसम की घटनाओं से लोग निरन्तर प्रभावित हैं, जिनमें वर्ष 2023 में पड़ा सूखा और 2024 में आए बाढ़ व भूकम्प शामिल हैं.
© UNICEF/Osman Khayyam

अफ़ग़ानिस्तान में लाखों बच्चे बाढ़ से निरन्तर प्रभावित, यूनीसेफ़ की मदद

अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ ने, बाढ़ की लगातार गम्भीर स्थिति से प्रभावित लाखों बच्चों तक त्वरित सहायता पहुँचाने के प्रयास किए हैं. विशेष रूप से उत्तरी प्रान्तों बाग़लान और बदख़शाँ और पश्चिमी प्रान्त ग़ोर में बच्चे, बाढ़ से निरन्तर प्रभावित हैं. 

अफ़ग़ानिस्तान में राजनैतिक संकट के बाद बहुत से लोग विस्थापित भी हुए हैं.
© UNOCHA/Christophe Verhellen

अफ़ग़ानिस्तान ‘कोई हताश संकट नहीं है’ बातचीत की ज़रूरत

संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ सहायता अधिकारी गुरूवार को कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, अफ़ग़ानिस्तान को नज़रअन्दाज़ नहीं कर सकता और उन्होंने देश की आबादी को समर्थन और सम्पर्क क़ायम करने के प्रयास जारी रखने का आग्रह किया है. 

यूनीसेफ़ के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2022 के दौरान, बारूदी सुरंग फटने से 700 बच्चे या तो अपंग हो गए या उनकी मौत हो गई. (फ़ाइल फ़ोटो).
© UNICEF/Sayed Bidell

अफ़ग़ानिस्तान: बारूदी सुरंगों के दो विस्फोटों में 10 बच्चों की मौत, बाढ़ से भी तबाही

अफ़ग़ानिस्तान में दो अलग-अलग स्थानों पर, बारूदी सुरंगों में हुए विस्फोटों में, कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई है या वो अपंग हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने, इन बच्चों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

अफ़ग़ानिस्तान की एक महिला माहपेकई सिद्दीक़ी, एक बारूदी सुरंग की चपेट में आने के कारण, अपने दोनों पैर गँवा चुकी थीं, मगर उन्होंने हिम्म्त नहीं हारी.
UN News

अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध के बारूदी निशान

अफ़ग़ानिस्तान में दशकों तक चले युद्ध के कारण, अब भी जगह-जगह गोला-बारूद बिखरे पड़े हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना होने का डर बना रहता है. अनफटी बारूदी सामग्री की चपेट में आकर अपने पैर खो दोने वाली एक महिला की आपबीती, जिसने कामयाबी का नया रास्ता बनाया. (वीडियो)

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाक़े में, खेतों पर काम करते हुए महिलाएँ. (फ़ाइल)
UNAMA/Fardin Waezi

#CSW68 'अफ़ग़ान महिलाओं पर पाबन्दी, इस्लामी सिद्धान्तों के ख़िलाफ़'

अफ़ग़ानिस्तान की कई पूर्व महिला हस्तियों ने, देश में महिलाओं की स्थिति पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने यूएन मुख्यालय में, महिलाओं की स्थिति पर आयोग के 68वें सत्र के बीच कहा कि तालेबान "इस्लाम के नाम पर" युवा महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहा है, जबकि वास्तव में, यह “इस्लामी सिद्धांतों के विपरीत है.” (वीडियो)

अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के शासन के दौरान, महिलाओं व लड़कियों को, व्यापक पाबन्दियों का निशाना बनाया गया है.
© WFP/Mohammad Hasib Hazinyar

अफ़ग़ानिस्तान: तालेबान के कृत्यों से लोगों को गहन पीड़ा

अफग़ानिस्तान में ढाई साल से, मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति ऐसी पीड़ा का कारण बन रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस गिरावट को रोकने और अफ़गान लोगों में उम्मीद जगाने के लिए, तालेबान और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई गई है.

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक दृश्य.
© Unsplash/Mohammad Husaini

अफ़ग़ानिस्तान: सरेआम ‘क्रूर, अमानवीय’ मृत्युदंड की घटनाओं पर गहरा क्षोभ

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने अफ़ग़ानिस्तान में पिछले सप्ताह, स्टेडियम में लोगों को सरेआम मौत की सज़ा दिए जाने की घटनाओं पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है, और ऐसी सज़ा दिए जाने पर तुरन्त विराम लगाने की अपील की है.

अफ़ग़ानिस्तान में विस्थापितों के लिए बनाए गए एक शिविर में एक बच्ची.
© UNOCHA/Christophe Verhellen

लैंगिक रंगभेद को, मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के साथ भेदभाव व उत्पीड़न समेत अन्य चुनौतियों के मद्देनज़र, लैंगिक रंगभेद (gender apartheid) को मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखे जाने की ज़रूरत है. इस क्रम में, उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं व लड़कियों की स्थिति और उनके मानवाधिकारों के लिए उपजे संकट का विशेष रूप से उल्लेख किया है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, क़तर की राजधानी दोहा में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे हैं.
United Nations/Khava Mukhieva

हम सभी अफ़ग़ानिस्तान में शान्ति चाहते हैं – यूएन प्रमुख, दोहा बैठक में

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान प्रशासन द्वारा महिलाओं व लड़कियों पर थोपी गई पाबन्दियों को जल्द से जल्द हटाए जाने की ज़रूरत है.