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अफ़ग़ानिस्तान: बारूदी सुरंगों के दो विस्फोटों में 10 बच्चों की मौत, बाढ़ से भी तबाही

यूनीसेफ़ के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2022 के दौरान, बारूदी सुरंग फटने से 700 बच्चे या तो अपंग हो गए या उनकी मौत हो गई. (फ़ाइल फ़ोटो).
© UNICEF/Sayed Bidell
यूनीसेफ़ के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2022 के दौरान, बारूदी सुरंग फटने से 700 बच्चे या तो अपंग हो गए या उनकी मौत हो गई. (फ़ाइल फ़ोटो).

अफ़ग़ानिस्तान: बारूदी सुरंगों के दो विस्फोटों में 10 बच्चों की मौत, बाढ़ से भी तबाही

शान्ति और सुरक्षा

अफ़ग़ानिस्तान में दो अलग-अलग स्थानों पर, बारूदी सुरंगों में हुए विस्फोटों में, कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई है या वो अपंग हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने, इन बच्चों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

विस्फोटों की ये घटनाएँ, ग़ज़नी और हेरात प्रान्तों में हुई हैं.

यूनीसेफ़ ने पीड़ित परिवारों के साथ गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है.

यूएन माइन कार्रवाई सेवा (UNMAS) का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में, वर्ष 1989 से अभी तक, बारूदी सुरंगों या युद्ध की शेष बची विस्फोटक सामग्री के फटने से, लगभग 44 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है. यह संख्या औसतन, हर 110 प्रतिमाह बैठती है.

यूनीसेफ़ ने, वर्ष 2022 के दौरान, विस्फोटक सामग्री के प्रभाव पर तैयार की गई रिपोर्ट में, ऐसे 700 बच्चों के मामले दर्ज किए हैं, जो या तो अपंग हो गए या उनकी मौत हो गई. ये संख्या, औसतन, हर दिन लगभग दो बच्चों के बराबर है.

बाढ़ की तबाही

इस बीच देश में 29 और 30 मार्च को हुई भारी बारिश से आई बाढ़ में, सात प्रान्तों में, 1,500 एकड़ फ़सल तबाह गई है और लगभग 540 घरों को गम्भीर नुक़सान पहुँचा है. उनमें छह पुलों और 450 किलोमाटर लम्बी सड़क को नुक़सान शामिल है.

यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA के आँकड़ों में शुरुआती ख़बरों के आधार पर बताया गया है कि इस बाढ़ से प्रभावित होने वाले प्रान्तों में प्रमुख हैं: उत्तरी क्षेत्र में फ़रयाब प्रान्त, पूर्वी क्षेत्र में नांगरहार प्रान्त, और केन्द्रीय क्षेत्र में डाइकूंडी प्रान्त.

यह तीसरा मौक़ा है जब उत्तरी क्षेत्र को, एक महीने में तीसरी बार बाढ़ का सामना करना पड़ा है. इस क्षेत्र में 21 मार्च और 26-27 मार्च को हुई भारी वर्षा से आई बाढ़ में कम से कम सात लोग मारे गए और 384 परिवार प्रभावित हुए हैं. 

अलबत्ता 30 मार्च को आई बाढ़ से, लोगों के किसी विस्थापन की ख़बरें नहीं हैं.

मानवीय सहायता एजेंसियाँ और साझीदार, सभी प्रभावित क्षेत्रों में, पीड़ित परिवारों तक, मानवीय सहायता पहुँचाने की तैयारी कर रही हैं.