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अफ़ग़ानिस्तान में लाखों बच्चे बाढ़ से निरन्तर प्रभावित, यूनीसेफ़ की मदद

अफ़ग़ानिस्तान में हाल के समय में अत्यन्त चरम मौसम की घटनाओं से लोग निरन्तर प्रभावित हैं, जिनमें वर्ष 2023 में पड़ा सूखा और 2024 में आए बाढ़ व भूकम्प शामिल हैं.
© UNICEF/Osman Khayyam
अफ़ग़ानिस्तान में हाल के समय में अत्यन्त चरम मौसम की घटनाओं से लोग निरन्तर प्रभावित हैं, जिनमें वर्ष 2023 में पड़ा सूखा और 2024 में आए बाढ़ व भूकम्प शामिल हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में लाखों बच्चे बाढ़ से निरन्तर प्रभावित, यूनीसेफ़ की मदद

जलवायु और पर्यावरण

अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ ने, बाढ़ की लगातार गम्भीर स्थिति से प्रभावित लाखों बच्चों तक त्वरित सहायता पहुँचाने के प्रयास किए हैं. विशेष रूप से उत्तरी प्रान्तों बाग़लान और बदख़शाँ और पश्चिमी प्रान्त ग़ोर में बच्चे, बाढ़ से निरन्तर प्रभावित हैं. 

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने सोमवार को कहा है कि हाल की बाढ़ों में लगभग 350 लोगों की मौत हुई है जिनमें अनेक बच्चे भी हैं.

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हाल के सप्ताहों के दौरान आई इन औचक बाढ़ों में, 7 हज़ार 800 से अधिक घर ध्वस्त हो गए या उन्हें बड़े पैमाने पर नुक़सान पहुँचा. सथ ही 5 हज़ार से अधिक परिवार विस्थापित भी हुए हैं.

यूनीसेफ़ ने इस प्राकृतिक आपदा की दस्तक के तुरन्त बाद, प्रभावित समुदायों में दैनिक जीवन का ज़रूरी सामान पहुँचाया जिसमें पीने का सुरक्षित पानी, स्वच्छता किटें, बाल्टियाँ और बड़े ड्रम वग़ैरा शामिल थे. साथ समुदायों को बाढ़ के बाद के हालात में स्वच्छता क़ायम रखने और सुरक्षित जल भंडार के बारे में जागरूक बनाने के प्रयास भी किए गए.

यूनीसेफ़ ने घायल व बीमार लोगों के इलाज के लिए चिकित्सा व पोषण टीमों को सक्रिय किया. साथ ही इस बाढ़ में अपने घरों का सामान गँवा देने वाले परिवारों को गर्म कपड़े, कम्बल, भोजन पकाने का सामान और अन्य ज़रूरी चीज़ें भी मुहैया कराई हैं.

यूनीसेफ़ ने परिवारों को बाढ़ के प्रभाव और नुक़सान से तेज़ गति से उबरने में मदद करने के लिए, उनकी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अनेक क़दम उठाने के साथ-साथ, नक़दी सहायता भी उपलब्ध कराई है.

अफ़ग़ानिस्तान में हाल के समय में देखा गया अत्यन्त चरम मौसम, गहराते जलवायु संकट के सभी लक्षण दिखाता है. ध्यान देने की बात है कि वर्ष 2023 के दौरान कुछ इलाक़ों में सूखा पड़ा था.

अनेक रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में अत्यन्त चरम मौसम की घटनाओं की तीव्रता और सघनता बढ़ रही है जिनके कारण लोगों की ज़िन्दगियों और आजीविकाओं का नुक़सान हो रहा है, साथ ही बुनियादी ढाँचे को भी भारी नुक़सान पहुँच रहा है.

प्रयासों व निवेश करने होंगे दो गुने

अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि डॉक्टर ताजुदीन ओयवेल का कहना है, “अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और समुदायों के समर्थन में प्रयास और संसाधन निवेश दो गुने करने होंगे.“

उन्होंने कहा, “साथ ही, यूनीसेफ़ और अन्य मानवीय सहायता समुदाय को, जलवायु सम्बन्धी आपदाओं की नई वास्तविकता के लिए ख़ुद को तैयार करना होगा.”

अफ़ग़ानिस्तान, यूनीसेफ़ के वर्ष 2021 के बच्चों पर जलवायु जोखिम सूचकांक में 163 देशों की सूची में, 15वें स्थान पर है इसका मतलब है कि पूरे देश में जलवायु और पर्यावरणीय झटके व दबाव ना केवल प्रमुख है, बल्कि वहाँ बच्चे दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में, उन प्रभावों के लिए विशेष रूप से संवेदनशील हैं.

अलबत्ता, अफ़ग़ानिस्तान में बच्चे, विशेष रूप से, जलवायु परिवर्तन के लिए संवेदनशील हैं, जबकि उनका देश इस समस्या के लिए बहुत कम ज़िम्मेदार है. 

इस स्थिति के उलट, सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले 10 देश, सामूहिक रूप से, वैश्विक कार्बन उत्सर्ज की 70 प्रतिशत मात्रा के लिए ज़िम्मेदार हैं.

यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि डॉक्टर ताजुदीन ओयवेल का कहना है, “अफ़ग़ानिस्तान में भारी बारिश, बच्चों के लिए एकदम क़हर बनकर नहीं उभरना चाहिए. हमें निर्णय निर्माण प्रक्रिया में, बच्चों की विशेष ज़रूरतों को प्राथमिकता देनी होगी."

"बच्चों को भविष्य में इस तरह की आपदाओं से संरक्षित रखने के लिए इन ज़रूरतों पर इसी समय ध्यान देना होगा. इसके अलावा बच्चों के लिए बुनियादी सेवाओं में विश्वसनीय संसाधन निवेश भी करना होगा.”

उन्होंने कहा, “यूनीसेफ़ अपने सभी साझीदारों के दयालु समर्तन के लिए आभारी है, जिसकी बदौलत, अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़, बच्चों और उनके परिवारों तक सहायता पहुँचाने में सक्षम हो सका है.”