वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान के पक्तिका और ख़ोस्त प्रान्तों में 5.9 तीव्रता वाले भूकम्प के बाद हुए व्यापक विनाश के बाद, बहुत से लोगों को प्लास्टिक की चादरों से बने शिविरों में सोना पड़ रहा है, जिनमें बच्चे भी हैं.
© UNICEF/Ali Nazari

अफ़ग़ानिस्तान: घातक भूकम्प के बाद, देशों से मदद बढ़ाने की पुकार

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी डॉक्टर रमीज़ अल अकबरोफ़ ने देश में बीते सप्ताह आए विनाशकारी भूकम्प से बुरी तरह प्रभावित समुदायों का एक दिवसीय दौरा करने के बाद रविवार को, देश के लिये अधिक से अधिक अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की गुहार लगाई. 

अफ़ग़ानिस्तान के एक क्लीनिक में बैठी कुछ महिलाएँ.
© UNICEF/Alessio Romenzi

अफ़ग़ानिस्तान: महिलाओं के भविष्य के लिये मज़बूत समर्थन की आवश्यकता

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR की उप उच्चायुक्त, कैली टी क्लैमेण्ट्स ने अफ़ग़ानिस्तान संकट, महिलाओं के अधिकारों और सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुँच पर अधिक ध्यान आकर्षित करने के लिये, अफ़ग़ानिस्तान का दौरा किया.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात में एक खाद्य वितरण केन्द्र पर, कुछ महिलाएँ खाद्य सामग्री प्राप्त करते हुए.
© UNICEF/Sayed Bidel

अफ़ग़ान प्रशासन से गम्भीर मानवाधिकार चुनौतियों से निपटने का आग्रह

अफ़ग़ानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ रिचर्ड बैनेट ने देश में मानवाधिकारों के लिये उत्पन्न गम्भीर चुनौतियों और आर्थिक व मानवीय संकट पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने तालेबान प्रशासन से कथनी और करनी के बीच की दूरी ख़त्म करके, एक ऐसा रास्ता अपनाने का आग्रह किया है जिससे महिलाओं व लड़कियों समेत सभी अफ़ग़ान नागरिकों के लिये स्थिरता व स्वतंत्रता सुनिश्चित की जा सके.

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक नज़ारा.
Photo UNAMA/Fardin Waezi

अफ़ग़ानिस्तान में हमलों की निन्दा, आमजन को निशाना बनाए जाने का 'चिन्ताजनक रुझान'

संयुक्त राष्ट्र ने अफ़ग़ानिस्तान में गुरूवार को बल्ख़, काबुल और कुन्दूज़ प्रान्तों में हुए तीन अलग-अलग हमलों की कठोर निन्दा की है, जिनमें कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है और अनेक घायल हुए हैं. अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आगाह किया है कि आम नागरिकों के विरुद्ध हमले एक चिन्ताजनक रुझान दिखाते हैं. 

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक दृश्य.
Photo UNAMA/Fardin Waezi

अफ़ग़ानिस्तान: काबुल में दो स्कूलों में विस्फोट, अनेक हताहत, हमलों की तीखी निन्दा

संयुक्त राष्ट्र ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में दो शैक्षिक संस्थानों में मंगलवार को हुए घातक विस्फोटों की निन्दा की है जिनमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हुए हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात में देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित बच्चों के शिविर में एक लड़की.
© UNOCHA/Sayed Habib Bidel

अफ़ग़ानिस्तान: मानवीय सहायता के लिये 2.44 अरब डॉलर का संकल्प

अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय संकट के मद्देनज़र, राहत प्रयासों में स्फूर्ति लाने के इरादे से गुरूवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय संकल्प सम्मेलन के दौरान, वर्ष 2022 के लिये कुल दो अरब 44 करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि के संकल्प लिये गए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए आगाह किया कि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो देश में भुखमरी और कुपोषण संकट का सामना करना पड़ सकता है.

अफ़ग़ानिस्तान में बहुत से स्कूलों को, लम्बे समय से चले आ रहे संघर्ष का दंश झेलना पड़ा है.
© UNICEF/Marko Kokic

यूएन अफ़ग़ान मिशन (UNAMA) की अवधि, एक वर्ष के लिये बढ़ी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफ़ग़ानिस्तान में, यूएन विशेष राजनैतिक मिशन की अवधि एक और साल के लिये बढ़ा दी है. ग़ौरतलब है कि अगस्त 2021 में देश की सत्ता पर तालेबान का नियंत्रण होने के सात महीने बाद, सुरक्षा परिषद के इस निर्णय में, अफ़ग़ानिस्तान में राजनैतिक मिशन के लिये अनेक प्राथमिकताएँ निर्धारित की हैं, जिनमें मानवीय सहायता जारी रखने से लेकर, मानवाधिकारों की निगरानी और सम्वाद में मध्यस्थता करना तक शामिल हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में, महिलाएँ और उनकी बेटियों को, सर्दी से बचने का सामान वितरित किये जाते हुए. इसमें आटा, चावल, कम्बल, गर्म कपड़े और बाल्टियाँ वग़ैरा शामिल थे.
© UNICEF/Omid Fazel

अफ़ग़ानिस्तान: 'शान्ति प्राप्ति के लिये, महिलाओं को नेतृत्व का मौक़ा ज़रूरी', मिशेल बाशेलेट

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाशेलेट ने ज़ोर देकर कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को शान्ति और प्रगति हासिल करनी है तो, अफ़ग़ान महिलाओं को नेतृत्व करने के लिए स्थान दिया जाना होगा जबकि वो चाहे शान्ति निर्माता, मानवतावादी या निर्णायक ताक़तों के रूप में साहसपूर्वक अपने समुदायों को आगे बढ़ा रही हैं.