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'बेहतर नियोजन से बदल सकती हैं, अफ़्रीका की जलवायु तकलीफ़े'
विश्व प्रदूषण में, योरोप या अमेरिका जैसे अन्य महाद्वीपों की तुलना में, अलबत्ता अफ़्रीका का बहुत कम योगदान है, फिर भी इस महाद्वीप को जलवायु परिवर्तन का बड़ा असर झेलना पड़ रहा है. इससे विभिन्न इलाक़ों में लगातार सूखा या बाढ़ की समस्या के कारण, खाद्य सुरक्षा और कृषि पर गहरा प्रभाव पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव और अफ़्रीकी जोखिम क्षमता क्लस्टर के महानिदेशक, इब्राहिमा चेइख़ डियोंग ने, हाल ही में दुबई में हुए विश्व उद्यमिता व निवेश फ़ोरम (WEIF) के दौरान, अफ़्रीका के समक्ष जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी जोखिमों पर, यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा के साथ बातचीत की. वीडियो रिपोर्ट...
विविध पृष्ठभूमि से आए युवजन की जलवायु कार्रवाई में अहम भूमिका
भारत के ओडिशा राज्य की पर्यावरण कार्यकर्ता अर्चना सोरेंग दुनिया भर से चुने गए उन सात युवाओं में शामिल हैं, जिन्हें जलवायु परिवर्तन पर यूएन महासचिव के युवा सलाहकार समूह में चुना गया है. उन्होंने न्यूयॉर्क में अन्य जलवायु कार्यकर्ताओं के साथ हाल ही में यूएन प्रमुख के साथ मुलाक़ात की. अर्चना ने यूएन न्यूज़ हिन्दी के साथ बातचीत में बताया कि पिछले क़रीब दो वर्षों में युवा सलाहकारों के समूह ने वैश्विक जलवायु कार्रवाई में किस तरह अपना योगदान दिया है...
अरब नवाचार रैली 2022 प्रतियोगिता के विजेता
मार्च 2022 के अन्तिम सप्ताह में दुबई में आयोजित ‘विश्व उद्यमी निवेश फ़ोरम’ (World Entrepreneurs Investment Forum/WEIF), में “नवाचार के लिये दूसरी अरब रैली” के तीन विजेताओं के नामों की घोषणा की गई. इस प्रतियोगिता में अरब क्षेत्र के विश्व विद्यालयों के छात्रों ने शिरकत की और पूरे अरब क्षेत्र की 20 टीमों ने इसमें हिस्सा लिया.
दुबई उद्यमिता व निवेश फ़ोरम
‘विश्व उद्यमी निवेश फ़ोरम’ (World Entrepreneurs Investment Forum/WEIF) बुधवार, 30 मार्च को दुबई में सम्पन्न हो गया है जिसमें प्रतिभागियों ने यूएई घोषणा पत्र अपनाया. इस घोषणा पत्र में 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद के लिये, पूरी अरब दुनिया में ज़्यादा सहयोग, एकीकरण व कनेक्टिविटी और महिला उद्यमियों पर ज़्यादा ध्यान केन्द्रित करने का आहवान किया गया. एक वीडियो झलक...
IPCC: 'तापमान वृद्धि को सीमित करने के लिये सटीक समय बिल्कुल अभी'
संयुक्त राष्ट्र की सोमवार को जारी एक महत्वपूर्ण जलवायु रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि वर्ष 2010-2019 के दौरान हानिकारक कार्बन उत्सर्जन का स्तर मानव इतिहास में सबसे उच्च रहा है और ये इस बात का सबूत है कि दुनिया विनाश की तरफ़ तेज़ी से बढ़ रही है, ऐसे में यूएन महासचिव ने आगाह किया है कि जैसाकि वैज्ञानिकों का भी तर्क है कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये ये समय, ‘अभी या कभी नहीं’ कार्रवाई करने का है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का वीडियो सन्देश...
रमदान: एक शान्तिपूर्ण दुनिया बनाने के लिये एकजुटता की पुकार
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने इस्लाम के एक पवित्र महीने – रमदान को करुणा व हमदर्दी के एक अहम मौक़े के रूप में रेखांकित करते हुए, शुक्रवार को कहा है कि रमदान, “आत्म चिन्तन व सीखने का एक वक़्त है; एक साथ आने और एक दूसरे का हौसला बढ़ाने का एक मौक़ा है”.
जनसंहार शब्द अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का हिस्सा किस तरह बना
संयुक्त राष्ट्र ने ‘जनसंहार की रोकथाम पर सन्धि’ को वर्ष 1948 में पारित किया था. सन्धि की ऐतिहासिक बुनियाद, इसके प्रावधान और हाल के दशकों में जनसंहारों को रोक पाने में मिली विफलता, विश्व के समक्ष मौजूदा चुनौतियों को रेखांकित करते हैं. बढ़ते जोखिमों की पृष्ठभूमि में, जनसंहार की रोकथाम पर यूएन के विशेष सलाहकार ऐडामा डिएन्ग ने, सर्वजन से इस अपराध के विरुद्ध खड़े होने का आहवान किया है. एक वीडियो रिपोर्ट...
डॉक्टर हंसा मेहता स्मृति सम्वाद 2022
भारत की प्रसिद्ध महिलाधिकार पैरोकार, शिक्षाविद, समाज सुधारक और लेखिका डॉक्टर हंसा मेहता की स्मृति में, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मंगलवार, 15 मार्च को, भारतीय मिशन के सहयोग से, एक स्मृति सम्वाद आयोजित किया गया. एक वीडियो रिपोर्ट...
सीरिया 11 साल से युद्ध की चपेट में – क्या युद्ध कभी रुकेगा?
सीरिया में, शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों के हिंसक दमन के 11 साल बाद भी देश युद्ध की चपेट में है. एक करोड़ 40 लाख से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है; और एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से 60 लाख से अधिक लोगों को देश के बाहर शरण लेने के लिये विवश होना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस युद्ध में कम से कम साढ़े तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, लाखों लोग या तो हिरासत में हैं, उन्हें यातनाएँ दी गई हैं या फिर उन्हें जबरन ग़ायब कर दिया गया है. शान्ति वार्ता के लिये अनेक प्रयास हो चुके हैं, मगर कुछ ख़ास प्रगति नहीं हुई है. एक वीडियो नज़र...
IPCC रिपोर्ट: जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक नेतृत्व की 'विफलता'
संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों ने, पृथ्वी और तमाम दुनिया पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में, सोमवार को एक तीखी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पारिस्थितिकी विघटन, प्रजातियों के विलुप्तिकरण, जानलेवा गर्मियाँ और बाढ़ें, ऐसे जलवायु ख़तरे हैं जिनका सामना दुनिया, वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण, अगले दो दशकों तक करेगी...