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रमदान: एक शान्तिपूर्ण दुनिया बनाने के लिये एकजुटता की पुकार

इराक़ में मोहम्मद और उनका परिवार, इफ़्तार के लिये तैयारी करते हुए. रमदान महीने के दौरान, मुसलमान लोग दिन भर का रोज़ा (व्रत) रखने के बाद, सूरज छिपने के बाद भोजन खाते हैं.
UNOCHA/Rawsht Twana
इराक़ में मोहम्मद और उनका परिवार, इफ़्तार के लिये तैयारी करते हुए. रमदान महीने के दौरान, मुसलमान लोग दिन भर का रोज़ा (व्रत) रखने के बाद, सूरज छिपने के बाद भोजन खाते हैं.

रमदान: एक शान्तिपूर्ण दुनिया बनाने के लिये एकजुटता की पुकार

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने इस्लाम के एक पवित्र महीने – रमदान को करुणा व हमदर्दी के एक अहम मौक़े के रूप में रेखांकित करते हुए, शुक्रवार को कहा है कि रमदान, “आत्म चिन्तन व सीखने का एक वक़्त है; एक साथ आने और एक दूसरे का हौसला बढ़ाने का एक मौक़ा है”.

रमदान का महीना इस सप्ताहान्त शुरू हो रहा है और दुनिया भर में करोड़ों मुसलमान इस महीने के दौरान रोज़ा यानि उपवास रखने के साथ-साथ गहन इबादत करते हैं. 

इस महीने के दौरान तड़के पौ फटने से पहले के समय से लेकर शाम को सूरज छिपने के कुछ पल बाद के समय तक रोज़ा यानि व्रत रखा जाता है जिसे इस्लाम धर्म के अनिवार्य कार्यों में गिना जाता है.

एकजुटता के लिये व्रत

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रमदान महीने पर अपने एक वीडियो सन्देश में कहा है कि जब वो 2005 से 2015 तक यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त थे, तो उस दौरान उन्होंने एकजुटता के लिये रोज़ा रखने की एक परम्परा शुरू की थी. जिसे वो अब कोविड-19 महामारी के कुछ धीमा पड़ने पर फिर शुरू कर रहे हैं.

एंतोनियो गुटेरेश ने इस सन्देश में कहा, “हर रमदान के दौरान मुझे मुस्लिम देशों की यात्रा करने, एक साथ मिलकर रोज़ा यानि उपवास रखने और लोगों के साथ बैठकर भोजन करने का मौक़ा व सम्मान मिला. कोविड-19 महामारी ने इसे असम्भव बना दिया था, मगर अब मैं इस परम्परा को फिर शुरू करने पर प्रसन्न हूँ.”

हाथ में हाथ लेकर काम करें

यूएन प्रमुख ने पवित्र क़ुरआन का हवाला देते हुए कहा कि ईश्वर ने देश व क़बीले बनाए, “ताकि हम एक दूसरे को जान और पहचान सकें”. 

उन्होंने साथ ही लोगों से सभी पुरुषों व महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा व ख़ुशहाली की ख़ातिर, हाथ में हाथ डालकर काम करने का भी आहवान किया.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि ऐसे में जबकि हम सभी लोग, त्रासदियों व तकलीफ़ों के दौर से गुज़र रहे हैं, ऐसे में उनकी संवेदना और उनका हृदय, उन सभी लोगों के साथ है जो युद्धों व संघर्षों, विस्थापन और भय का सामना कर रहे हैं.

यूएन प्रमुख ने सन्देश के अन्त में कहा कि हम सभी एक दूसरे से सीख हासिल करें और “एक साथ मिलकर, एक शान्तिपूर्ण दुनिया बनाएँ”.