वीडियो - हब (Video-Hub)
भारत में म्याँमार की एक शरणार्थी शिक्षिका के बुलन्द हौसले
भारत में म्याँमार की शरणार्थी, सिंग लैम लुन एक शिक्षक हैं, जो राजधानी दिल्ली में, शरणार्थी बच्चों के लिये एक देखभाल सेंटर चलाती हैं. सिंग लैम लुन, 15 बच्चों वाले इस देखभाल सेंटर में, बच्चों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करने के अलावा, उनकी संस्कृति, भाषा और परम्पराओं से जोड़े रखने में भी मदद कर रही हैं. वीडियो फ़ीचर...
OCHA - 23 करोड़ लोगों की मदद हेतु धनराशि जुटाने की अपील
संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी संगठनों ने वर्ष 2023 में, क़रीब 70 देशों में, दुनिया के सबसे कमज़ोर वर्ग के लगभग 23 करोड़ लोगों की मदद के लिये, रिकॉर्ड 51.5 अरब डॉलर की रक़म जुटाने की अपील जारी की है. संयुक्त राष्ट्र और सहयोगी संगठनों ने रेखांकित किया है कि 2022 की अपेक्षा, ज़रूरतमन्द लोगों की कुल संख्या में 6 करोड़ 50 लाख की वृद्धि हुई है. संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने वर्ष 2023 में सर्वाधिक निर्बलों तक सहायता पहुँचाने के लक्ष्य से और उनकी पीड़ा कम करने के लिए ये वार्षिक आंकलन जारी किया है. (वीडियो फ़ीचर)
कॉप27: जलवायु न्याय की दिशा में क़दम के साथ सम्मेलन का समापन
मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख़ में कॉप27 जलवायु सम्मेलन में स्थानीय समयानुसार रविवार तड़के एक महत्वपूर्ण समझौते पर अन्तत: सहमति बन गई, जिसके तहत जलवायु-जनित आपदाओं से प्रभावित निर्बल देशों में होने वाली ‘हानि व क्षति’ के लिए मुआवज़ा दिए जाने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही, एक पखवाड़े से जारी गहन चर्चा के बाद यूएन वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप27 समाप्त हो गया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपने एक वीडियो सन्देश में कहा, “इस कॉप ने न्याय की दिशा में एक अहम क़दम उठाया है. मैं हानि व क्षति कोष स्थापित किए जाने और आगामी दिनों में उसे क्रियान्वित किए जाने के निर्णय का स्वागत करता हूँ.”
'हानि व क्षति' पर समझौते के साथ कॉप27 का समापन: 'न्याय की दिशा में एक क़दम', यूएन प्रमुख
मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख़ में कॉप27 जलवायु सम्मेलन में स्थानीय समयानुसार रविवार तड़के एक महत्वपूर्ण समझौते पर अन्तत: सहमति बन गई, जिसके तहत जलवायु-जनित आपदाओं से प्रभावित निर्बल देशों में होने वाली ‘हानि व क्षति’ के लिए मुआवज़ा दिए जाने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही, दो हफ़्तों से जारी गहन चर्चा के बाद यूएन का वार्षिक जलवायु सम्मेलन समाप्त हो गया है.
कॉप27: सम्मेलन का अन्तिम दिन, हानि व क्षति पर ‘अधिकतम महत्वाकाँक्षा’ दर्शाए जाने का आग्रह
मिस्र के शर्म अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र वार्षिक जलवायु सम्मेलन, कॉप27 का समापन अपनी निर्धारित अवधि के कम से कम एक दिन बाद होगा. कॉप27 अध्यक्ष ने शुक्रवार को इस आशय की घोषणा करते हुए वार्ताकारों से अपने प्रयासों में तेज़ी लाने का आग्रह किया है ताकि जिन मुद्दों पर बातचीत अटकी हुई है, उन पर सहमति बनाई जा सके.
विश्व आबादी हुई आठ अरब के पार
विश्व जनसंख्या 15 नवम्बर को आठ अरब के आंकड़े पर पहुँच गई, जोकि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार असाधारण वैज्ञानिक प्रगति और सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण व साफ़-सफ़ाई के क्षेत्र में बेहतरी को दर्शाता है. एक वीडियो रिपोर्ट...
बाल देखभाल में अतिरिक्त निवेश की दरकार – प्रियंका चोपड़ा जोनास
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) की सदभावना दूत प्रियंका चोपड़ा जोनास ने भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त में हाल ही में यूनीसेफ़ द्वारा संचालित उन कार्यक्रमों का जायज़ा लिया, जिनमें बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और संरक्षण अवसरों में बेहतरी लाने का प्रयास किया जा रहा है. एक वीडियो रिपोर्ट...
कॉप27: यूएन महासचिव की युवा जलवायु कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात
मिस्र के तटीय शहर शर्म अल-शेख़ में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन के दौरान, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युवा जलवायु कार्यकर्ताओं से बातचीत की. यूएन प्रमुख ने युवजन से हिम्मत ना हारने और महत्वाकाँक्षी जलवायु कार्रवाई के लिये अपनी आवाज़ बुलन्द करने का आग्रह किया. एक वीडियो रिपोर्ट...
‘हमारा भविष्य चुराया जा रहा है’, कॉप27 में गूंजी युवजन की आवाज़
टी-शर्ट पहने, हाथ में बैनर, तख़्तियाँ, और लाउडस्पीकर लिए और जलवायु प्रभावों की हृदयविदारक आपबीती के साथ, युवा जलवायु कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को कॉप27 सम्मेलन के दौरान, पुरज़ोर ढँग से अपनी बात विश्व नेताओं के सामने रखी. उन्होंने जलवायु वार्ताकारों से जलवायु ‘हानि व क्षति’ के मुद्दे पर कारगर कार्रवाई का आहवान किया है.
'सहयोग या नाश' - कॉप27 में जलवायु कार्रवाई के लिये एकजुटता पर बल
बढ़ते ऊर्जा संकटों, ग्रीन हाउस गैसों की रिकॉर्ड सघनता, और चरम मौसम की बढ़ती घटनाओं के बीच, मिस्र के शर्म अल-शेख़ में संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप27 आयोजित हो रहा है, जहाँ यूएन महासचिव ने जलवायु आपदा को टालने के रास्ते पर आगे बढ़ाने की पुकार लगाई है. उन्होंने आगाह किया है कि दुनिया इस लड़ाई में फ़िलहाल पिछड़ रही है, मगर “मानवता के पास विकल्प मौजूद है: सहयोग या नाश. ये विकल्प है – या तो जलवायु एकजुटता समझौता – या फिर सामूहिक आत्महत्या समझौता.” एक वीडियो रिपोर्ट...