UNRWA के लिए धन दान, बहाल करने के लिए संयुक्त अपील
योरोपीय संघ क्षेत्र में स्थित 17 ग़ैर-सरकारी संगठनों (NGOs) ने, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी, UNRWA के लिए धन सहायता बहाल करने के लिए एक संयुक्त अपील जारी की है.
योरोपीय संघ क्षेत्र में स्थित 17 ग़ैर-सरकारी संगठनों (NGOs) ने, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी, UNRWA के लिए धन सहायता बहाल करने के लिए एक संयुक्त अपील जारी की है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने "ग़ाज़ा युद्ध में इनसानी ज़िन्दगियों के इतने बड़े नुक़सान पर हैरानी” व्यक्त की है, जिसमें अब तक 30 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 70 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.
पृथ्वी पर गम्भीर जोखिम मंडरा रहा है, पारिस्थितिकी तंत्र ध्वस्त हो रहे हैं, जलवायु में बड़े बदलाव आ रहे हैं, और इन सभी चुनौतियों के लिए मानवता ज़िम्मेदार है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने केनया की राजधानी नैरोबी में यूएन पर्यावरण सभा (UNEA) के छठे संस्करण को सम्बोधित करते हुए विश्व नेताओं से जलवायु समाधानों को आगे बढ़ाने की पुकार लगाई है.
अफग़ानिस्तान में ढाई साल से, मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति ऐसी पीड़ा का कारण बन रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस गिरावट को रोकने और अफ़गान लोगों में उम्मीद जगाने के लिए, तालेबान और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई गई है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान में यूएन सहायता मिशन (UNITAMS) की अवधि समाप्त होने के अवसर पर, देश की जनता के लिए अपने मज़बूत संकल्प को व्यक्त किया है.
जहाँ आरा बेगम को, आसमान छूने का अपना सपना पूरा करने में उत्थान परियोजना से मदद मिली है. भारत में यूएनडीपी की उत्थान परियोजना, सफ़ाई कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा हासिल करने में मदद करके, उनके अधूरे सपने पूरे करने में एक अहम भूमिका निभा रही है.
ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भीषण तबाही के बीच, बहुत से बेरोज़गार युवक, गुज़र-बसर के लिए, बाज़ारों में जंगली पौधे बेचने को मजबूर हो गए हैं. ये युवक, हर सुबह, खुले मैदानों में ऐसे जंगली पौधे बीनते हैं, जिन्हें मध्य पूर्व में पीढ़ियों से मध्य पूर्व में पूरक भोजन के रूप में खाया जाता रहा है. ये जंगली पौधे अब, ग़ाज़ा पट्टी के निवासियों के लिए भोजन का प्रमुख स्रोत बन गए हैं. (वीडियो).
ग़ाज़ा में हो रहे संहार से अब तक 30 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इसे तुरन्त रोका जाना होगा. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने गुरूवार को मानवाधिकार परिषद को सम्बोधित करते हुए यह पुकार लगाई है.
संचार व्यवस्था नहीं, दवा नहीं, और कोई उम्मीद भी नहीं. भीषण लड़ाई की मार झेल रहे ग़ाज़ा के एक अस्पताल में ऐसी परिस्थितियों में काम हो रहा है. ख़ान यूनिस के अल अमाल अस्पताल की घेराबन्दी के बीच वहाँ चिकित्सकों का एक समूह पिछले कई हफ़्तों से फँसा है, जिन्होंने यूएन न्यूज़ को बताया कि यहाँ जीवन कितना कठिन हो गया है.
हवाई यातायात में हाल के समय में, इस क़दर उछाल आया है कि उसने वर्ष 2019 में कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले के समय के स्तर को भी पीछे छोड़ दिया है.