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ग़ाज़ा युद्ध में इनसानी ज़िन्दगियों के इतने बड़े नुक़सान पर 'कष्टपूर्ण हैरानी'

ग़ाज़ा पट्टी का बहुत बड़ा इलाक़ा, युद्ध में इस तरह तबाह हो गया है.
© UNRWA/Ashraf Amra
ग़ाज़ा पट्टी का बहुत बड़ा इलाक़ा, युद्ध में इस तरह तबाह हो गया है.

ग़ाज़ा युद्ध में इनसानी ज़िन्दगियों के इतने बड़े नुक़सान पर 'कष्टपूर्ण हैरानी'

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने "ग़ाज़ा युद्ध में इनसानी ज़िन्दगियों के इतने बड़े नुक़सान पर हैरानी” व्यक्त की है, जिसमें अब तक 30 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 70 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को अपने प्रवक्ता द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा है, "ये बहुत दुखद है कि अज्ञात संख्या में लोग मलबे के नीचे भी दबे हुए हैं."

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वक्तव्य में कहा गया है कि उन्होंने एक तत्काल मानवीय युद्धविराम और 7 अक्टूबर को हमास हमले में बन्धक बनाए गए लोगों को तत्काल रिहा किए जाने का भी आहवान किया है.

उन्होंने साथ ही, तत्काल ऐसे क़दम उठाए जाने की पुकार भी लगाई है जिनसे पूरे ग़ाज़ा में और सभी ज़रूरतमन्दों तक, महत्वपूर्ण मानवीय सहायता पहुँच सके."

सहायता की आस में अनेक लोगों की मौत

ग़ाज़ा युद्ध में मौत का शिकार होने वाले लोगों की, ये रोंगटे खड़े कर देने वाली संख्या, जहाँ 30 हज़ार से अधिक होने की ख़बरें आईं, वहीं गुरूवार को ही, जीवन रक्षक सहायता सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे, 100 से अधिक फ़लस्तीनियों की मौत होने के बारे में, परस्पर विरोधी ख़बरें भी सामने आईं.

संयुक्त राष्ट्र के राहत समन्वय प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सोशल मीडिया मंच - एक्स पर एक सन्देश में कहा है, "क़रीब पाँच महीने के क्रूर युद्ध के बाद भी, ग़ाज़ा में अब भी हमें हैरान कर देने की क्षमता है."

उन्होंने कहा, "मैं आज ग़ाज़ा शहर के पश्चिम में, सहायता आपूर्ति के हस्तान्तरण के दौरान, सैकड़ों लोगों की मौत और घायल होने की ख़बर से चकित हूँ. ग़ाज़ा से जीवन, भयानक गति से ख़त्म हो रहा है."

महासचिव ने की निन्दा

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक की तरफ़ से जारी वक्तव्य में कहा गया है, "ग़ाज़ा में हताश लोगों को तत्काल मदद की ज़रूरत है, जिसमें, उत्तरी इलाक़े में घिरे हुए लोग भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, उस इलाक़े में, एक सप्ताह से अधिक समय से सहायता नहीं पहुँचा सकी हैं."

संयुक्त राष्ट्र राहत समन्वय एजेंसी – OCHA की नवीनतम स्थिति रिपोर्ट में बताया गया है कि ग़ाज़ा पट्टी के अधिकांश हिस्से में हवा, ज़मीन और समुद्र से तीव्र इसराइली बमबारी की ख़बरें आ रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप आम लोग हताहत और विस्थापित हो रहे हैं और नागरिक बुनियादी ढाँचे का विनाश हो रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसराइली बलों और फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों के बीच ज़मीनी कार्रवाई और भारी लड़ाई की भी ख़बरें आ रही हैं, ख़ासकर उत्तरी ग़ाज़ा, दीर अल-बलाह और ख़ान यूनिस इलाक़ों में.

ग़ाज़ा युद्ध में भीषण विनाश हुआ है.
© UNRWA

वो लम्हा सहायता के बजाय दे गया मौत 

ग़ाज़ा में जीवन रक्षक चीज़ों की भारी क़िल्लत के बीच, वहाँ के लोगों में बहुत हताशा है और सहायता सामग्री से भरे ट्रकों को देखकर उनकी ये हताशा और भी बढ़ जाती है. 

यूएन सहायता अधिकारियों का कहना है कि सहायता सामग्री की मात्रा, उन लोगों की बिल्कुल न्यूनतम ज़रूरतों को भी पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

गुरूवार को शुरुआती ख़बरों में बताया गया था कि ग़ाज़ा शहर में 100 से अधिक लोग उस समय मारे गए, जब सहायता ट्रकों ने एक इसराइली चौकी के निकट, भोजन और अन्य जीवनरक्षक चीज़ें पहुँचाने का प्रयास किया था.

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय की शुरुआती ख़बरों में कहा गया कि इसराइली बलों ने हज़ारों लोगों की भीड़ पर गोलीबारी की थी.

उधर इसराइली रक्षा बलों ने कहा कि सैनिकों ने भीड़ को, उनकी चौकी की तरफ़ पर आगे बढ़ने से रोकने के लिए "सीमित प्रतिक्रिया" में गोलीबारी की थी. 

मगर समाचारों से मालूम होता है कि अफ़रा-तफ़री मचने और सहायता सामग्री हासिल करने के लिए हाथापाई के बीच, बहुत से लोग, ट्रकों के नीचे आकर भी मौत का शिकार हो गए.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि इस घटना में शामिल सहायता क़ाफ़िला, संयुक्त राष्ट्र के सहायता अभियानों का हिस्सा नहीं था. 

उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि "जिस तरह से हम अभी काम कर रहे हैं वह सुरक्षित नहीं है... यह स्थिति उनके लिए सुरक्षित नहीं है जो सहायता आपूर्ति कर रहे हैं, ये हालात, उन लोगों के लिए भी सुरक्षित नहीं है जो सहायता हासिल करना चाहते हैं.

रफ़ाह पर इसराइली आक्रमण और अकाल की आशंका

उधर रफ़ाह में इसराइल के योजनाबद्ध सम्भावित हमले को लेकर डर बना हुआ है. 

अक्टूबर के शुरू में हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादी हमलों से भड़के युद्ध के कारण विस्थापित दस लाख से अधिक लोग रफ़ाह में शरण ले रहे हैं.

इसराइल में हमास के उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बन्धक बना लिया गया था.

ग़ाज़ा में OCHA के मुखिया जियॉर्जियॉस पैट्रोपूलोस का कहना है कि रफ़ाह में हर दिन गोलीबारी हो रही है.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियाँ चेतावनी दे चुकी हैं कि ग़ाज़ा में अगर अधिक सहायता नहीं दी जाती है तो, अकाल को रोकना “लगभग असम्भव” होगा.