वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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ग़ाज़ा में युद्ध से विस्थापित लोग, एक अस्थाई आश्रय स्थल के पास, खाद्य सामग्री के वितरण की प्रतीक्षा करते हुए.
© UNRWA/Ashraf Amra

ग़ाज़ा: रफ़ाह में इसराइली हमलों में वृद्धि पर चिन्ताएँ, दो बन्धक भी बचाए गए

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े – रफ़ाह में, इसराइल के हमलों में बढ़ोत्तरी से, इस घनी आबादी वाली इलाक़े में युद्ध में उछाल आने की चिन्ताएँ बढ़ गई हैं. रफ़ाह इलाक़े में क़रीब 15 लाख लोग पनाह लिए हुए हैं. उधर ख़बरों के अनुसार, इसराइली हमलों के बाद दो बन्धकों को रिहा किए जाने पर कुछ राहत महसूस की गई है, मगर यूएन एजेंसियों ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में मानवीय संकट का सामना करने के लिए, अब भी पर्याप्त सहायता आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

भारत के प्राथमिक विद्यालय में किशोरियाँ कम्प्यूटर कौशल सीख रही हैं.
© UNICEF/Srikanth Kolari

नवाचार व लैंगिक समानता के लिए, विज्ञान जगत में महिलाओं व लड़कियों की भागेदारी अहम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन से लेकर स्वास्थ्य और कृत्रिम बुद्धिमता तक, वैज्ञानिक खोज और नवाचार में महिलाओं व लड़कियों की समान भागेदारी, विज्ञान का लाभ सर्वजन तक पहुँचाने का एकमात्र उपाय है.

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त की राजधानी का एक इलाक़ा. (फ़ाइल फ़ोटो)
UNICEF/Asad Zaid

पाकिस्तान: सुरक्षा परिषद ने की 'जघन्य व कायरतापूर्ण' आतंकी हमलों की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त में बुधवार को हुए बम धमाकों की कठोर निन्दा की है, जिनमें कम से कम 26 आम नागरिकों के मारे जाने और 45 के घायल होने का समाचार है.

सूडान में देश के भीतर ही विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए एक शिविर में, कुछ महिलाएँ.
© UNOCHA/Ala Kheir

सूडान युद्ध से, 7 लाख बच्चे, 'जीवन-जोखिम' कुपोषण की चपेट में

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने आगाह किया है कि सूडान में 300 दिनों से जारी युद्ध के कारण, लगभग सात लाख बच्चों को, खाद्य अभाव के सबसे ख़राब और सबसे ख़तरनाक रूप का सामना करना पड़ रहा है.

हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में गैंग हिंसा के कारण विस्थापित एक महिला ने एक स्कूल में शरण ली है.
© UNOCHA/Giles Clark

हेती: आपराधिक गुटों में बढ़ती हिंसा से, मानवाधिकारों के लिए बिगड़ते हालात

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने सचेत किया है कि हेती में मानवाधिकारों के लिए स्थिति पहले से ही चिन्ताजनक थी, मगर आपराधिक गुटों के बीच लगातार हिंसा और उसका दायरा बढ़ने से यह बद से बदतर हो रही है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन और UNOCHA के स्टाफ़ ने, ग़ाज़ा में भीड़ भरे एक अस्पताल का दौरा किया जहाँ, मरीज़ों का इलाज फ़र्श पर ही करना पड़ रहा था. (फ़ाइल चित्र).
WHO Video

'इसराइल बलों द्वारा भेष बदलकर की गई हत्याएँ, समझी जा सकती हैं युद्ध अपराध'

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र - पश्चिमी तट में जेनिन शहर के इब्न सिना अस्पताल में, इसराइल द्वारा 29 जनवरी को, तीन फ़लस्तीनी पुरुषों की, प्रकटतः न्यायेतर हत्याएँ किया जाना, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का गम्भीर उल्लंघन यानि युद्ध अपराध समझी जा सकती हैं.

ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस के एक अस्पताल में एक घायल बच्चे की देखभाल की जा रही है.
© UNICEF/Abed Zaqout

ग़ाज़ा: स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों व सेवाओं पर हमले जारी, WHO ने जताया क्षोभ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में जारी भीषण लड़ाई से अस्पतालों, स्वास्थ्यकर्मियों और वहाँ शरण लेने वाले लोगों पर गम्भीर असर हुआ है. यूएन एजेंसी द्वारा जारी किए गए आँकड़े दर्शाते हैं कि हिंसक टकराव की शुरुआत से अब तक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों व सेवाओं पर 350 से अधिक हमले हो चुके हैं.

अब्दुल मजीद, पशुओं के चारे से, अपने परिवार के लिए रोटी बनाते हुए. आग चलाने के लिए लकड़ियाँ भी युद्ध में ध्वस्त हुईं इमारतों में से एकत्र की गई हैं.
UN News

ग़ाज़ा में लोग ‘पशु चारे’ पर जीवित, अकाल की पीड़ाजनक दस्तक

ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में अकाल दस्तक दे रहा है, बहुत से लोग जीवित रहने के लिए पशु चारे का सहारा ले रहे हैं. जैसे-जैसे मौत और विनाश का सायाग़ाज़ा पट्टी पर हावी होता जा रहा है, बहुत से परिवार बहुत न्यूनतम चीज़ों पर जीवित रहने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. लगभग चार महीनों से चल रहे युद्ध की तबाही के बीच, जबालिया शरणार्थी शिविर एक भूतिया शहर जैसा बन गया है. अकाल मुँह बाएँ नज़र आ रहा है, भोजन, सुरक्षित पानी और सबसे बुनियादी ईंधन जैसी बेहद ज़रूरी चीज़ें भी ख़त्म हो रही हैं.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, न्यूयॉर्क मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे हैं.
UN Photo/Loey Felipe

ग़ाज़ा: आम फ़लस्तीनियों के लिए ‘ना तो कोई घर, ना ही कोई उम्मीद’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ग़ाज़ा पट्टी में हालात पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए, तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की अपील दोहराई है और कहा है कि बन्धक बना कर रखे गए लोगों को तत्काल, बिना किसी शर्त के रिहा किया जाना होगा. उन्होंने ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा की क़रीब आधी आबादी ने रफ़ाह में शरण ली हुई है, और ना तो उनके पास जाने के लिए कोई घर है और ना ही कोई उम्मीद है.

ईरान की राजधानी तेहरान के एक इलाक़े का दृश्य. ईरान अनेक वर्षों से, संयुक्त राज्य अमेरिका की, आतंकवाद समर्थक देशों की सूची में रहा है.
© Unsplash/Arman Taherian

‘देशों को आतंकवाद के प्रायोजक के दर्जे व प्रतिबन्धों के भयानक प्रभाव’

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) से, अपने उस घरेलू ढाँचे की समीक्षा करने का आग्रह किया जो किन्हीं देशों को, इकतरफ़ा तौर पर, आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में चिन्हित करके, उनके ख़िलाफ़ विशिष्ट प्रतिबन्ध लगाता है.