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कुटुपलाँग महाशिविर में 23 मार्च को भीषण आग लगने के बाद प्रभावित इलाक़े में एक बच्चा.
UNICEF/Salman Saeed

रोहिंज्या शरणार्थी शिविर में भीषण आग

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार के कुटुपलाँग शिविर में, 22 मार्च को भीषण आग लगने से, कम से कम 15 लोगों की मौत हुई और 560 से ज़्यादा घायल हुए. महाशिविर में आग लगने से 45 हज़ार से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें अधिकतर लोग, पड़ोसी देश म्याँमार से शरण लेने वाले रोहिंज्या शरणार्थी हैं. एक वीडियो रिपोर्ट.

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार के महा शिविर के कुटुपलाँग शिविर में, 22 मार्च को लगी भीषण आग के बाद, मलबा हटाते रोहिंज्या स्वेच्छाकर्मी.
WFP/Mehedi Rahman

बांग्लादेश: यूएन एजेंसियों के आग उपरान्त सहायता प्रयास तेज़

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कुटुपलाँग शरणार्थी शिविर में, 22 मार्च को लगी भीषण आग के बाद बेघर हुए हज़ारों रोहिंज्या शरणार्थी परिवारों की मदद के लिये प्रयास तेज़ कर दिये हैं.

वर्ष 1985 में नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन के अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर दक्षिण अफ़्रीकी पुलिस द्वारा मारे गए लोगों के ताबूतों को ले जा रहे शोकाकुल लोग.
UN Photo

दक्षिण अफ़्रीका: शार्पविल नरसंहार में जीवित बचे पीड़ितों की आपबीती

21 मार्च, 1960 को, दक्षिण अफ्रीका के शार्पविल में, रंगभेद के ख़िलाफ़ शान्तिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे, 69 प्रदर्शनकारियों को गोलियों से भून दिया गया था. इसीलिये, 21 मार्च का दिन, अब नस्लभेद के उन्मूलन के अन्तरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस नरसंहार में जीवित बचे कुछ पीडितों ने अपनी व्यथा बयान की है. एक वीडियो रिपोर्ट...

 

ब्रिटेन में ब्लैक लाइव्स मैटर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी.
Unsplash/Arthur Edelmans

नस्लभेद ख़त्म करने की पुकार

21 मार्च का दिन, नस्लभेद के उन्मूलन के अन्तरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है. युवाओं से, मानवाधिकारों के लिये आवाज़ उठाने की ख़ातिर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव की पुकार... (वीडियो सन्देश).

यूनीसेफ़ की सदभावना दूत मुज़ून अलमेलीहन, सीरिया के मकानी केन्द्र में दो बच्चों के साथ. ये केन्द्र यूनीसेफ़ की सहायता से चलाया जा रहा है.
© UNICEF/UN0135679/Rich/Photogr

सीरिया: बात सुनें और मदद करें

मुज़ून अलमेलीहन, जब सीरिया में युद्ध से बचकर भाग निकली थीं, तब उनकी उम्र 14 वर्ष थी. वो अब यूनीसेफ़ की सदभावना दूत हैं, और अब अपनी मातृभूमि के बच्चों की मदद करने में समर्पित हैं. मुज़ून कहती हैं, “सम्वाद बहुत ज़रूरी है, मगर दुनिया को, और जो भी लोग हमारी बात सुन रहे हैं, उन सभी को, सीरिया के लोगों की मदद करने के लिये हर सम्भव उपाय करने होंगे, क्योंकि उन्हें हमारी ज़रूरत है और उन्हें अपनी ज़िन्दगी जारी रखने के लिये मदद की दरकार है.” वीडियो फ़ीचर...

थाईलैण्ड में कोविड-19 लक्षणों वाले मरीज़ों के लिये बनाए गए एक क्लिनिक में महिला नर्स आगन्तुकों का अभिवादन कर रही हैं.
WHO/P. Phutpheng

महिला आयोग: कोविड-19 ने उजागर की लैंगिक विषमताएँ, महासचिव 

वैश्विक महामारी कोविड-19 का महिलाओं व लड़कियों पर विनाशकारी प्रभाव हुआ है और इसके दुष्प्रभावों से सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक प्रणालियों में गहराई तक समाईं लैंगिक विषमताएँ उजागर हुई हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को, महिलाओं की स्थिति पर आयोग (Commission on the Status of Women) के सत्र को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.

भारत के राजस्थान प्रदेश में, ग्रामीण महिलाओं को नेतृत्व के गुर सिखाती एक कार्यशाला.
UN Women/Ashutosh Negi

महिला नेतृत्व की ज़रूरत

अन्तर-संसदीय संघ यानि आईपीयू की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया था कि दुनिया भर की संसदों में, महिला सांसदों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है. यह आँकड़ा ऐतिहासिक है, लेकिन संसदों में लैंगिक समानता हासिल करने का लक्ष्य अब भी दूर है. एशिया में, और ख़ासतौर पर भारत में भी, नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है, लेकिन अभी और अधिक साहसिक क़दम उठाए जाने की ज़रूरत है. संसद में, व नेतृत्व पदों पर महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में, भारत में नेतृत्व के तीन स्तरों पर आसीन महिलाओं के विचार प्रस्तुत करता एक वीडियो फ़ीचर...

स्मृति ईरानी, भारत सरकार में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री और महिला व बाल विकास मंत्री हैं.
UN News

'चाहिये, समान अवसरों व संसाधनों तक पहुँच...'

भारत की केन्द्रीय कपड़ा मन्त्री और महिला व बाल विकास मन्त्री स्मृति ईरानी का कहना है कि भारत की संसद में, देश के इतिहास में सबसे ज़्यादा महिला प्रतिनिधियों का होना गर्व का विषय है, लेकिन आसमान छूना अभी बाक़ी है. उन्होंने कहा कि हम किसी से ख़ैरात नहीं चाहते, हम केवल यह चाहते हैं कि हमें समान अवसर मिलें, और संसाधनों तक समान पहुँच मिले. यूएन न्यूज़ के साथ एक ख़ास बातचीत...

अन्तर-संसदीय संघ यानि आईपीयू की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर के संसदों में महिला सांसदों की भागेदारी 25 फ़ीसदी से अधिक पहुँच गई है.
IPU

आसमाँ छूना अभी बाक़ी है...

संयुक्त राष्ट्र में संसदों के अन्तरराष्ट्रीय संगठन, अन्तर-संसदीय संघ यानि आईपीयू की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर की संसदों में, महिला सांसदों की भागेदारी 25 प्रतिशत से अधिक पहुँच गई है. यह आँकड़ा ऐतिहासिक है, लेकिन संसदों में लैंगिक समानता हासिल करने का लक्ष्य अभी भी दूर है. 

फ़िलिपींस के एक सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी निजी बचाव के लिये पोशाक पहन कर मरीज़ों की जाँच करते हैं.
UN Women/Louie Pacardo

महिला दिवस: महिलाओं की समान भागीदारी के लिये विशेष उपाय करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने महिलाओं की समान भागीदारी की रूपान्तरकारी शक्ति को रेखांकित करते हुए, तमाम पक्षों और हितधारकों से, महिलाओं की समान भागीदारी को आगे बढ़ाने और तीव्र बदलाव लाने के लिये, विशेष उपाय करने का आहवान किया है.