सीरिया: बात सुनें और मदद करें

यूनीसेफ़ की सदभावना दूत मुज़ून अलमेलीहन, सीरिया के मकानी केन्द्र में दो बच्चों के साथ. ये केन्द्र यूनीसेफ़ की सहायता से चलाया जा रहा है.
मुज़ून अलमेलीहन, जब सीरिया में युद्ध से बचकर भाग निकली थीं, तब उनकी उम्र 14 वर्ष थी. वो अब यूनीसेफ़ की सदभावना दूत हैं, और अब अपनी मातृभूमि के बच्चों की मदद करने में समर्पित हैं. मुज़ून कहती हैं, “सम्वाद बहुत ज़रूरी है, मगर दुनिया को, और जो भी लोग हमारी बात सुन रहे हैं, उन सभी को, सीरिया के लोगों की मदद करने के लिये हर सम्भव उपाय करने होंगे, क्योंकि उन्हें हमारी ज़रूरत है और उन्हें अपनी ज़िन्दगी जारी रखने के लिये मदद की दरकार है.” वीडियो फ़ीचर...