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बांग्लादेश: यूएन एजेंसियों के आग उपरान्त सहायता प्रयास तेज़

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार के महा शिविर के कुटुपलाँग शिविर में, 22 मार्च को लगी भीषण आग के बाद, मलबा हटाते रोहिंज्या स्वेच्छाकर्मी.
WFP/Mehedi Rahman
बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार के महा शिविर के कुटुपलाँग शिविर में, 22 मार्च को लगी भीषण आग के बाद, मलबा हटाते रोहिंज्या स्वेच्छाकर्मी.

बांग्लादेश: यूएन एजेंसियों के आग उपरान्त सहायता प्रयास तेज़

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कुटुपलाँग शरणार्थी शिविर में, 22 मार्च को लगी भीषण आग के बाद बेघर हुए हज़ारों रोहिंज्या शरणार्थी परिवारों की मदद के लिये प्रयास तेज़ कर दिये हैं.

उस भीषण आग ने लगभग नौ हज़ार 500 आश्रय स्थल तबाह कर दिये थे और लगभग एक हज़ार 600 अन्य महत्वपूर्ण ढाँचागत सुविधाएँ जलाकर राख कर दिये थे, जिनमें अनेक अस्पताल, स्कूल, खाद्य सहायता वितरण केन्द्र भी शामिल थे.

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संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के बांग्लादेश में निदेशक रिचर्ड रैगन ने कहा है कि उस आग का स्तर अभूतपूर्व था और एजेंसी प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द, सामान्य जीवन की तरफ़ लौटने के योग्य बनाने के प्रयासों में सक्रिय है.

उन्होंने कहा, “विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अपनी साझीदार एजेंसियों व हज़ारों स्वेच्छाकर्मियों की मदद से, उन परिवारों की मदद की है जो इस हादसे का शिकार हुए हैं. इनमें भोजन-पानी जैसी अहम ज़रूरतें भी शामिल हैं.”

“जिस स्थान पर कभी हमारे दो पोषण सामग्री वितरण केन्द्र हुआ करते थे, वहाँ रिकॉर्ड कम समय में, मलबा हटाया गया, सामान का भण्डार फिर से तैयार किया गया, और बच्चों व उनकी माताओं के लिये, सेवाएँ शुरू कर दी गईं.”

विश्व खाद्य संगठन के अनुसार, इस समय उसकी शीर्ष प्राथमिकता प्रभावित परिवारों को खाद्य सहायता मुहैया कराना है, जब तक कि उन्हें रहने का कोई ठिकाना और भोजन पकाने वाले स्टोव वग़ैरा नहीं मिल जाते हैं.

खाद्य एजेंसी ने ऐसे अस्थाई ढाँचे भी तैयार किये हैं जहाँ से शिशुओं को दूध पिलाने वाली माताओं को विभिन्न तरह की सहायता मुहैया कराई जा रही है. साथ ही पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अतिरिक्त खाद्य सामग्री भी मुहैया कराई जा रही है.

मानसिक स्वास्थ्य व मनोवैज्ञानिक सहायता

संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और यूएन शरणार्थी एजेंसी ने भी अपने सहायता प्रयास तेज़ किये हैं जिनमें मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहायता टीमें उन शरणार्थियों को मदद कराने में जुटी हैं जिनका सबकुछ आग में तबाह हो गया. 

अभी तक पाँच हज़ार से ज़्यादा लोगों को भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहायता मुहैया कराई गई है, और 700 से अधिका लोगों को मनोवैज्ञानिक प्राथमिक स्वास्थ्य सहायता भी मुहैया कराई गई है.

आईओएम ने नक़दी के लिये काम करने वाले लगभग साढ़े 11 हज़ार कामगारों को मलबा साफ़ करने और पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने के लिये लगाया है.

यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता आन्द्रे मैहेकिक ने बताया कि घटनास्थल पर एजेंसी की टीमें शरणार्थियों की सुरक्षा के इन्तज़ामों की भी निगरानी कर रही है, और अपने परिवारों से बिछड़ गए बच्चों की ज़रूरतों को भी पूरा करने में लगी है. 

प्रवक्ता ने कहा, “आग लगने के बाद से ही, हमने अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, ऐसे 600 लड़के और लड़कियों की शिनाख़्त की जो अपने परिवारों से बिछड़ गए थे और उन्हें फिर से उनके परिवारों के साथ मिला दिया गया है.”

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में, शरणार्थी शिविरों में 22 मार्च को लगी आग से प्रभावित परिवारों को यूनीसेफ़ द्वारा स्थापित सहायता केन्द्र से बच्चों के लिये पोषण सामग्री भी वितरित की गई.
UNICEF
बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में, शरणार्थी शिविरों में 22 मार्च को लगी आग से प्रभावित परिवारों को यूनीसेफ़ द्वारा स्थापित सहायता केन्द्र से बच्चों के लिये पोषण सामग्री भी वितरित की गई.