वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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नवीनतम समाचार

दक्षिण सूडान के जूबा में योगाभ्यास का एक दृश्य.
UNMISS/Beatrice Mategwa

योग से शान्ति व सन्तुलन

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़), न्यूयॉर्क में कार्यरत, सिल्के वॉन ब्रोकहौसन के अनुसार कोविड-19 से उत्पन्न संकट के इस समय में योग से उन्हें शान्त, सन्तुलित और संगठित रहने में मदद करता है. योग करने के लिए किसी ख़ासियत की दरकार नहीं है. योगाभ्यास की कुछ झलकियाँ...

अनेक सार्वजनिक पार्कों में लोग योग के लिए इकट्ठा हुए
UN India/Kuttappan Manoharan

योगाभ्यास: विश्व को भारत का अनुपम उपहार

योग मन, तन और आत्मा के बीच अदभुत तारतम्य बिठाता है जिससे अन्ततः अच्छा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य हासिल किया जा सकता है. दुनिया को योग की अनुपम भेंट देने वाले भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर, रेनाटा डेज़ालिएन का छठे अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर सन्देश. कुछ योगाभ्यास झलकियों के साथ...

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद पपुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी में स्पॉटलाइट इनीशिएटिव का आरंभ होने के अवसर पर. (मार्च 2020)
United Nations

'यौन हिंसा क़तई बर्दाश्त नहीं'

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने कहा है कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न माहौल में महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा और उनके साथ बलात्कार के मामले बहुत तेज़ी से बढ़े हैं. पुरुषों और लड़कों को इस मुद्दे पर अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी. आमिना जे मोहम्मद का वीडियो सन्देश...

बुर्किना फ़ासो के एक शिविर में माली की महिला शरणार्थी. दुनिया भर में लगभग 8 करोड़ लोग विस्थापित व शरणार्थी हैं.
© UNHCR/Sylvain Cherkaoui

विश्व शरणार्थी दिवस

दुनिया भर में लगभग आठ करोड़ ऐसे लोग हैं जिन्हें संघर्षों, हिंसा व अन्य कारणों से बेघर व विस्थापित होना पड़ा है. महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व शरणार्थी दिवस पर तमाम देशों को विस्थापितों व शरणार्थियों की हिफ़ाज़त करने की ज़िम्मेदारी याद दिलाई है. महासचिव का वीडियो सन्देश...

बुर्किनी फ़ासो में भोजन की कमी का सामना करने वाले लोगों की संख्या काफ़ी बढ़ी है.
UNOCHA/Giles Clarke

मरुस्थलीकरण व सूखा विरोधी दिवस

मानव गतिविधियों के कारण पृथ्वी का स्वास्थ्य भी ख़राब चल रहा है और जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी की तकलीफ़ों में और इज़ाफ़ा हुआ है. मरुस्थलीकरण व सूखा का सामना करने के लिए मनाए जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर महासचिव का वीडियो सन्देश...

म्याँमार में बाल श्रमिक.
ILO/Marcel Crozet

कोविड-19 से बाल मज़दूरी बढ़ने का ख़तरा

‘कोविड-19 और बाल श्रम: संकट का समय, कार्रवाई का समय’ नामक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 से बाल मज़दूरी में 9 करोड़ 40 लाख की कमी आई है लेकिन अब इस प्रगति पर ख़तरे के बादल मँडरा रहे हैं. इस रिपोर्ट और बाल श्रम से जुड़े मुद्दों पर भारत में यूनीसेफ़ के बाल सुरक्षा विशेषज्ञ, मंसूर उमर क़ादरी ने अहम जानकारी साझा की. देखिए वीडियो इण्टरव्यू...

 

सूर्योदय का एक दृश्य. पृथ्वी की सलामती के लिए इन्सानों को बहुत ज़िम्मेदारी दिखानी होगी.
WMO/Boris Palma

पृथ्वी का ख़याल करें, तुरन्त!

भारत की अनेक आस्था व धार्मिक हस्तियों ने इस वर्ष पर्यावरण दिवस के मौक़े पर पृथ्वी की धरोहर को सहेजने के लिए विभिन्न उपाय करने की अपील की है. इनमें प्रकृति को नुक़सान नहीं पहुँचाना और बड़े पैमाने पर पेड़ लगाना शामिल है. पृथ्वी और आने वाली पीढ़ियों की बेहतरी के लिए ऐसा करना बहुत ज़रूरी है. इन धार्मिक हस्तियों का वीडियो सन्देश...

वर्ष 2016 में मानव तस्करी के 70 फ़ीसदी पीड़ितों में महिलाएं व लड़कियां थी.
© UNICEF/Noorani

कोविड-19: घरेलू हिंसा में बढ़ोत्तरी

स्वास्थ्य महामारी कोविड-19 के कारण बहुत से लोगों को अपने घरों में ही सीमित रहना पड़ा है. उनमें बहुत सी महिलाएँ अपने उत्पीड़कों के साथ रहने को मजबूर हैं, इससे घरेलू हिंसा में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. स्थिति का मुक़ाबला करने के लिए क्या करना चाहिए... (देखें ये वीडियो)

LGBTQA+ समुदाय के साथ भेदभाव को रोकने के लिए शिक्षा प्रसार व जागरूकता बढ़ाना अहम है.
Credit: Benson Kua

आइए, चुप्पी तोड़ें!

क्या समलैंगिकता एक विकल्प है? यदि आप एक ट्रान्सजैन्डर महिला हैं और आप उस लिंग के प्रति आकर्षित हैं जो आप पहले ख़ुद थीं, तो इससे आप समलैंगिक हुईं या विषमलैंगिक? क्या आपको हिजड़ा कहना सही होगा?

ज़ैनब पटेल - एक ट्रान्सजैन्डर महिला हैं और ऐसे कई असहज प्रश्नों का उत्तर दे रहीं हैं जो लम्बे समय से एलजीबीटी समुदाय को लेकर लोगों के दिमाग़ में जड़ें जमाए हुए हैं...

दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षा मिशन में तैनात इरीन लासू जो रेडियो मिराया में कार्यक्रम पेश करती हैं और लोगों को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक बनाने अहम भूमिका निभा रही हैं.
UNMISS/Isaac Billy

शान्तिरक्षा में महिलाओं का बढ़ता योगदान

संयुक्त राष्ट्र की शान्तिरक्षा सुरक्षा कार्यों की आधारशिला है और महिला शान्तिरक्षक इसकी सफलता की कुन्जी हैं. आज के दौर में संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा में नेतृत्व के पदों पर पहले से कहीं ज़्यादा महिलाएँ आसीन हैं. इसमें महिलाएँ सेना, पुलिस और नागरिक समाज का अंग बनकर संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत हैं. संयुक्त राष्ट्र शान्ति व्यवस्था, “महिला, शान्ति और सुरक्षा” पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है. इसके तहत महिला अधिकारों को पूर्ण रूप से पाने के लिए महिलाओं को निर्णायक भूमिका में रहना होगा और अपने देशों में शान्तिरक्षकों की भूमिका भी निभानी होगी. निर्णय लेने में महिलाओं का सार्थक समावेश प्रभावशीलता को बढ़ाता है व नए दृष्टिकोण और समाधान उत्पन्न करता है, अधिक संसाधन पैदा करता है और हमारे प्रयासों को मज़बूत करता है.

 

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