वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

मध्य पूर्व

ग़ाज़ा में युद्धविराम को ज़रूरी बताने वाले अमेरिका प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद की बैठक (22 मार्च 2024) में, रूस और चीन ने वीटो का प्रयोग किया.
UN Photo

ग़ाज़ा: युद्धविराम की ज़रूरत बताने वाले अमेरिकी प्रस्ताव पर रूस और चीन का वीटो

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की ज़रूरत बताने वाला एक अमेरिकी प्रस्ताव, सुरक्षा परिषद में रूस और चीन ने वीटो कर दिया है. शुक्रवार को पेश किए गए इस प्रस्ताव में, ग़ाज़ा में आम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने की ख़ातिर, तत्काल और टिकाऊ युद्धविराम की अनिवार्यता बताई गई थी जिससे ज़रूरी मानवीय सहायता आपूर्ति का रास्ता साफ़ हो सके. प्रस्ताव में, युद्ध को समाप्त करने और बन्धकों की रिहाई को सम्भव बनाने की ख़ातिर इसराइल और हमास के बीच चल रही बातचीत को भी समर्थन देने की बात कही गई थी.

सूखे की परिस्थितियों के कारण सोमालिया में बड़ी संख्या में लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं.
© UNHCR/Samuel Otieno

संकट से आपदा तक: अकाल के विभिन्न स्तर

अकाल अपरिहार्य नहीं है. विश्व खाद्य कार्यक्रम के विशेषज्ञ, आरिफ़ हुसैन ने, भुखमरी के संकट को रोकने के लिए, शीघ्र सहायता कार्रवाई किए जाने की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया है. सूखे जैसे पारम्परिक कारणों पर संघर्ष-प्रेरित अकाल की छाया पड़ रही हैजिससे उसपर ध्यान देना ज़रूरी हो गया है. एक वीडियो.

ग़ाज़ा युद्ध में बुनियादी ढाँचे को भी भीषण हानि हुई है. ख़ान यूनिस इलाक़े में तबाही का एक दृश्य.
© UNICEF/James Elder

ग़ाज़ा व यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनज़र, यूएन प्रमुख ने दोहराई शान्ति पुकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, ग़ाज़ा में युद्धविराम और यूक्रेन में शान्ति की अपनी पुकारें, गुरूवार को फिर दोहराई हैं. उन्होंने आज की अस्तव्यस्त वैश्विक व्यवस्था और ऐसे किसी भी देश या सशस्त्र गुट पर भी निशाना साधा है जो यह सोचते हैं कि वो अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि कोई जवाबदेही नहीं है.

ग़ाज़ा में लाखों लोगों को, भरपेट भोजन मयस्सर नहीं हो पा रहा है.
© UNRWA

ग़ाज़ा: आधे से भी कम यूएन सहायता मिशनों को मिली इसराइली अनुमति

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने बुधवार को कहा है कि भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके उत्तरी ग़ाज़ा में, मार्च महीने में, संयुक्त राष्ट्र के आधे से भी कम सहायता मिशनों को इसराइल की अनुमति मिल सकी. हालाँकि भुखमरी के नज़दीक पहुँच चुके दस लाख से भी अधिक लोगों तक तुरन्त सहायता आपूर्ति में तेज़ी के लिए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ़ से बार-बार अपीलें की जाती रही हैं.

यूनीसेफ़ और साझेदार संगठनों ने 5 मार्च 2024 को रफ़ाह के अस्पतालों में 23 इनक्यूबेटर वितरित किए हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा: अधिक नवजात शिशु पहुँच रहे हैं मौत के निकट

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने मंगलवार को बताया है कि ग़ाज़ा में पाँच महीने की सघन इसराइली बमबारी और सहायता आपूर्ति के लगातार खंडन के कारण उत्पन्न भुखमरी के हालात में, बढ़ती संख्या में नवजात शिशु मौत के निकट पहुँच रहे हैं.

दक्षिण सूडान में महिलाएँ, एक पोषण केन्द्र पर अपने बच्चों को आहार दे रही हैं.
© WFP

अकाल क्या है? कुछ अहम तथ्य

हिंसक टकराव से प्रभावित समुदायों का भूख संकट से पीड़ित होना और पर्याप्त भोजन उपलब्ध ना होने की स्थिति का बद से बदतर होते जाना, एक गम्भीर चिन्ता का विषय है. खाद्य असुरक्षा की स्थिति के बिगड़ने से अकाल जैसे हालात उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है. अकाल क्या है और इसे कब वर्गीकृत किया जाता है, यूएन न्यूज़ ने इस विषय में अहम जानकारी जुटाई है...

ग़ाज़ा में युद्ध के कारण, लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और उनके पास रहने व खाने के लिए साधन मयस्सर नहीं हैं.
© UNICEF/Abed Zagout

उत्तरी ग़ाज़ा में, सम्भावित अकाल, ‘पूर्णतः मानव-निर्मित आपदा’: गुटेरेश

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में भोजन की क़िल्लत के बारे में प्राप्त नए आँकड़ों से संकेत मिलता है कि किसी भी समय अकाल पड़ सकता है. यूएन प्रमुख ने इस विनाशकारी स्थिति को, पूर्णतः मानव निर्मित बताया है जिसे रोके जाने का भी आहवान किया है. इस बीच ग़ाज़ा सिटी में इसराइली सेना द्वारा सोमवार को, हमास के लड़ाकों की तलाश में, अल-शिफ़ा अस्पताल पर छापा मारे जाने की ख़बरें आई हैं.

ग़ाज़ा युद्ध में, इसराइली हवाई बमबारी और ज़मीनी युद्ध में, बुनियादी ढाँचे को भीषण नुक़सान हुआ है.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा: 2.3 करोड़ टन मलबा, ‘हटाने में लगेंगे वर्षों’

ग़ाज़ा में युद्ध ने बुनियादी ढाँचे को भारी नुक़सान पहुँचाया है जिससे लगभग 2 करोड़ 30 लाख टन मलबा जमा हो गया है और जगह-जगह बना फटी विस्फोटक सामग्री भी बिखरी पड़ी है. यूएन मानवीय सहायता कर्मियों का कहना है कि इस मलबे को हटाने में वर्षों का समय लगेगा.

ग़ाज़ा के विस्थापितों के लिए बनाए गए शिविर में कुछ बच्चे.
© UNRWA

ग़ाज़ा में मानवीय सहायता, सुरक्षा गारंटी के अभाव में रुकने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारियों ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में राहत अभियान की सख़्त ज़रूरत है और इन्हें हमलों से बचाया जाना बहुत आवश्यक है. उनकी ओर से यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब गुरूवार को ग़ाज़ा सिटी में राहत सामग्री की प्रतीक्षा कर रहे फ़लस्तीनियों के हताहत होने की ख़बरें हैं.

ग़ाज़ा में भीषण बमबारी के बीच छोटे बच्चे भोजन मिलने का इन्तज़ार कर रहे हैं.
© UNDP PAPP/Abed Zagout

'ग़ाज़ा युद्ध है बच्चों पर एक युद्ध', UNRWA

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए सहायता एजेंसी - UNRWA ने कहा है कि "ग़ाज़ा में युद्ध, बच्चों पर युद्ध साबित हो रहा है और ग़ाज़ा युद्ध बच्चों के बचपन और उनके भविष्य पर एक युद्ध है." इस बीच बीती रात, इसराइल द्वारा ग़ाज़ा में हवाई हमले किए जाने की ख़बरें आई हैं.