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सूडान: युद्धविराम के दरम्यान, संवाद की ओर वापसी की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टूर्क, सूडान की आधिकारिक यात्रा के दौरान, खारतूम में नागरिक समाज के सदस्यों से बात करते हुए.
Volker Türk
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टूर्क, सूडान की आधिकारिक यात्रा के दौरान, खारतूम में नागरिक समाज के सदस्यों से बात करते हुए.

सूडान: युद्धविराम के दरम्यान, संवाद की ओर वापसी की पुकार

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने मंगलवार को सूडान में  युद्ध को तत्काल रोकने और सैन्य शक्ति संघर्ष में शामिल पक्षों से बातचीत की मेज़ पर वापिस लौटने की गुहार लगाई है. देश में लड़ाई रोकने के लिए 24 घंटे का समझौता होने की ख़बरें भी आई हैं.

वोल्कर टर्क ने मंगलवार को कहा है, “सूडान ने पहले ही भारी दर्द और तकलीफ़ें सहे हैं. ये लड़ाई सत्ता के लालच और निजी हितों में से उपजी है जिससे आबादी की लोकतांत्रिक आकांक्षाएँ हीं अलग-थलग पड़ती हैं.”

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उन्होंने कहा कि इस लड़ाई के लिए ज़िम्मेदार तत्व क्या ये नहीं समझते कि नागरिक आबादी, केवल शान्तिपूर्ण जीवन के लिए आस लगाए हुए है.

घरों में फँसे

सूडानी सेना और एक प्रतिद्वन्द्वी अर्द्धसैनिक समूह – त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच, गत शनिवार से सघन लड़ाई जारी है. ये लड़ाई ऐसे समय में भड़की है जब देश, तीन दशक के सैन्य शासन के बाद, एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया की तरफ़ वापिस लौटता नज़र आ रहा है.

अन्तरराष्ट्रीय मीडिया ने ख़बरें दी हैं कि युद्धरत पक्ष 24 घंटे के लिए एक युद्धविराम पर सहमत हुए हैं, जो स्थानीय समय के अनुसार सांय 6 बजे शुरू होना था.

इस लड़ाई में अभी तक 180 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं जिनमें संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के तीन कर्मचारी भी हैं, जिनकी मौत दारफ़ूर में हुई.

अन्य लगभग एक हज़ार 800 लोग घायल हुए हैं. साथ ही, अनेक प्रान्तों में मानवीय सहायता अभियानों को रोकना पड़ा है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा, “हज़ारों-हज़ारों नागरिक अपने घरों में फँस गए हैं, जो लड़ाई से सुरक्षा पाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें बिजली हासिल नहीं है और वो बाहर जाने में असमर्थ हैं. उन्हें भोजन, पीने के पानी और दवाइयाँ वग़ैरा ख़त्म हो जाने की भी चिन्ता है.”

सामान्य समझ से काम लेना होगा

वोल्कर टर्क ने युद्धरत पक्षों से अपने लड़ाकों को, नागरिक आबादी और नागरिक ढाँचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारियाँ याद दिलाने का आग्रह किया, जिनमें स्कूल और अस्पताल शामिल हैं, जैसाकि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून में प्रावधान है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने भी कहा कि वो बलात्कार के प्रयासों की ख़बरों पर भी हतप्रभ हैं.

उन्होंने WFP के कर्मचारियों सहित, आम नागरिकों की मौतों की त्वरित, वृहद और स्वतंत्र जाँच कराए जाने व ज़िम्मेदार तत्वों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है.