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सूडान: 3 यूएन स्टाफ़ की मौत के बाद, WFP के खाद्य सहायता अभियान स्थगित

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के सूडान के दारफ़ूर में, खाद्य सामग्री वितरण के लिए लादते हुए.
© UN Photo/Albert Gonzalez Farran
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के सूडान के दारफ़ूर में, खाद्य सामग्री वितरण के लिए लादते हुए.

सूडान: 3 यूएन स्टाफ़ की मौत के बाद, WFP के खाद्य सहायता अभियान स्थगित

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सूडान में हाल में प्रतिद्वन्द्वी सैन्य गुटों के बीच भड़की हिंसा में, शनिवार को संयुक्त राष्ट्र के तीन कर्मचारियों की मौत हो जाने के बाद, देश में अपने तमाम खाद्य सहायता अभियान अस्थाई तौर पर रोक दिए हैं. उधर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने, हिंसा के लिए ज़िम्मेदार तत्वों को, तत्काल न्याय के कटघरे में लाए जाने का आहवान किया है.

यूएन खाद्य सहायता एजेंसी की कार्यकारी निदेशिका सिंडी मैक्केन की तरफ़ से जारी एक वक्तव्य के अनुसार, इस हिंसा में जिन यूएन कर्मचारियों की मौत हुई है, वो उत्तरी दारफ़ूर के कबकाबिया इलाक़े में, जीवन-रक्षक गतिविधियों में सक्रिय थे.

शनिवार को एक अलग घटनाक्रम में, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा प्रबन्धित यूएन मानवीय सहायता वायु सेवा (UNHAS) का एक विमान ख़ारतूम हवाई अड्डे पर गोलीबारी में, काफ़ी बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त हो गया.

इस कारण, देश में एजेंसी के सहायता अभियानों के लिए, मानवीय सहायता कर्मियों के परिवहन पर गम्भीर असर पड़ा है.

एजेंसी की प्रमुख सिंडी मैक्केन ने अपने वक्तव्य में कहा है कि सूडान में तमाम अभियान स्थगित कर दिए गए हैं, और देश में तेज़ी से बदलती स्थिति की समीक्षा की जानी है.

उन्होंने कहा है, “WFP सूडानी लोगों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो गम्भीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.”

“लेकिन अगर, हमारी टीमों और साझीदारों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती है तो, हम अपने जीवन-रक्षक अभियान जारी नहीं रख सकते.”

सिंडी मैक्केन ने कहा, “सभी पक्षों को एक ऐसा समझौता करना होगा जो धरातल पर सक्रिय मानवीय सहायता कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, और सूडान के लोगों के लिए जीवन-रक्षक मानवीय सहायता की आपूर्ति को जारी रहने दे. देश के लोग हमारी शीर्ष प्राथमिकता पर हैं.”

उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता सेवा में, कोई भी जीवन क्षति अस्वीकार्य है और उन्होंने देश में मौजूद सभी मानवीय सहायता कर्मियों की सुरक्षा की गारंटी के लिए तत्काल क़दम उठाए जाने की मांग भी की.

बिना विलम्ब के न्याय हो: यूएन प्रमुख

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान के मौजूदा संकट पर रविवार को अपनी टिप्पणी में, ज़िम्मेदार तत्वों को बिना कोई देर किए, न्याय के कटघरे में लाए जाने का आहवान किया.

एंतोनियो गुटेरेश की तरफ़ से जारी एक वक्तव्य में, उन्होंने सूडान में जारी लड़ाई पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है, और लड़ाई में शामिल पक्षों को, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान करने की ज़रूरत की ओर ध्यान दिलाया है. इसमें संयुक्त राष्ट्र और सम्बद्ध एजेंसियों के तमाम कर्मचारियों और उनकी सम्पत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी भी शामिल है.

यूएन प्रमुख ने ये लड़ाई तत्काल रोके जाने और संवाद की तरफ़ वापसी की अपनी पुकार दोहराई. साथ ही ज़ोर देते हुए कहा कि वो इस संकट से बाहर निकलने का कोई रास्ता तलाश करने के प्रयासों में, क्षेत्रीय नेताओं और सूडानी हितधारकों के साथ सम्पर्क में हैं.

सहायता कर्मियों को निशाना ना बनाएँ

सूडान के लिए यूएन महासचिव के उच्च प्रतिनिधि और देश में यूएन मिशन (UNITAMS) के मुखिया वोल्कर परथेस ने रविवार को हुए हमलों की कड़ी भर्त्सना की है, और ज़ोर देकर कहा है कि आम नागरिक और मानवीय सहायता कर्मी “कोई निशाना नहीं” हैं.

उन्होंने दारफ़ूर में विभिन्न स्थानों पर संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता परिसरों पर हमले होने और उनमें लूटपाट किए जाने की ख़बरों का सन्दर्भ दिया.

मिशन प्रमुख ने कहा कि इस तरह की हिंसक गतिविधियाँ, जीवन-रक्षक सहायता की आपूर्ति में बाधाएँ डालती हैं, और उन्हें रोका जाना होगा.

“जब इस तरह की घटनाएँ होती हैं तो सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वालों में वो महिलाएँ, पुरुष और बच्चे होते हैं, जिन्हें मानवीय सहायता की अत्यधिक आवश्यकता है.”

सुरक्षा परिषद के सदस्यों की  पुकार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने भी रविवार को, सूडान में जारी हिंसा को रोके जाने की पुकार लगाई है. इन सदस्यों ने एक वक्तव्य में, इस हिंसा में लोगों की मौत और उनके घायल होने पर खेद प्रकट किया है.

इस वक्तव्य में, युद्धरत पक्षों से शान्ति बहाल करने, और मौजूदा संकट को हल करने के लिए संवाद की तरफ़ वापसी का आग्रह किया है.

उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा है कि मानवीय सहायता के लिए पहुँच बरक़रार रखी जाए, और यूएन कर्मयारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.

सदस्यों ने साथ ही, सूडान गणराज्य की क्षेत्रीय अखंडता, सम्प्रभुता, स्वतंत्रता और एकता के लिए, उनकी मज़बूत प्रतिबद्धता भी फिर से पुष्ट की.