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सूडान: ख़ारतूम के युद्धग्रस्त इलाक़ों में प्रथम खाद्य वितरण

सूडान की राजधानी ख़ारतूम के युद्धग्रस्त इलाक़ों में, यूएन एजेंसियों द्वारा खाद्य सहायता वितरण.
© Sudanese Red Crescent Society
सूडान की राजधानी ख़ारतूम के युद्धग्रस्त इलाक़ों में, यूएन एजेंसियों द्वारा खाद्य सहायता वितरण.

सूडान: ख़ारतूम के युद्धग्रस्त इलाक़ों में प्रथम खाद्य वितरण

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को कहा है कि सूडान में, गत 15 अप्रैल को युद्ध भड़कने के बाद से, मानवीय सहायताकर्मी, पहली बार राजधानी ख़ारतूम के युद्धग्रस्त इलाक़ों में ज़रूरतमन्द परिवारों तक पहुँच बनाने में कामयाब हुए हैं और उन्हें खाद्य सहायता वितरित की गई है.

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सूडान में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के निदेशक ऐडी रोव ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि एजेंसी ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दोनों युद्धरत पक्षों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में लगभग 15 हज़ार लोगों को खाद्य सहायता वितरित की है, जिसकी शुरुआत शनिवार को हुई.

ऐडी रोव ने वीडियो लिंक के ज़रिए सूडान से बातचीत करते हुए, कुछ अन्य इलाक़ों में खाद्य सहायता वितरण को भी रेखांकित किया.

इनमें उन 8 हज़ार लोगों तक सहायता वितरण भी शामिल है जो ख़ारतूम से बचकर मिस्र पहुँचने के रास्ते में, उत्तरी प्रान्त में वादी हलफ़ा में ठहरे हुए हैं.

साथ ही पोर्ट सूडान में विस्थापित हुए 4 हज़ार लोगों तक भी सहायता पहुँचाई गई है.

सहायता दायरे और रफ़्तार में बढ़ोत्तरी

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने, 3 मई को अपने सहायता अभियान फिर शुरू करने के बाद से, कुल मिलाकर, देश के 13 प्रान्तों में सात लाख 25 हज़ार लोगों तक सहायता पहुँच बनाई है.

ध्यान रहे कि युद्ध की शुरुआत में ही, एजेंसी के तीन सहायताकर्मियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद एजेंसी ने अपने सहायता अभियान स्थगित कर दिए थे.

ऐडी रोव ने बताया कि खाद्य सहायता एजेंसी, अपने सहायता अभियानों का दायरा तेज़ी से बढ़ा रही है, जिनके तहत तमाम क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुँचाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है, और इसमें प्रगति मानवीय पहुँच पर निर्भर होगी.

खाद्य अभाव उछाल पर

ऐडी रोव ने चेतावनी के अन्दाज़ में कहा कि युद्ध भड़कने से पहले, सूडान में लगभग एक करोड़ 60 लाख लोगों को, दिन भर में भोजन की एक ख़ुराक की व्यवस्था करना भी कठिन हो रहा था.

युद्ध के कारण और भी जटिल हुई खाद्य अभाव की स्थिति के कारण, आगामी कुछ महीनों के दौरान खाद्य असुरक्षा वाली आबादी में 25 लाख तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है.

उन्होंने बताया कि मन्दी का दौर तेज़ी से नज़दीक आ रहा है, ऐसे में WFP को, देश भर में आगामी छह महीनों के दौरान, लगभग 59 लाख लोगों तक सहायता पहुँच बनानी है.

ऐडी रोव ने ज़ोर देते हुए कहा कि WFP को, ज़रूरी सहायता मुहैया कराने के लिए 73 करोड़ डॉलर की रक़म की आवश्यकता है.

इस राशि के साथ ही मानवीय सहायता समुदाय के लिए, दूरसंचार और ढाँचागत सेवाओं की भी ज़रूरत होगी, जिनमें सूडान में कार्यरत तमाम एजेंसियाँ भी शामिल हैं.

1.3 करोड़ बच्चे हैं ज़रूरतमन्द

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संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि सूडान में अभूतपूर्व संख्या में बच्चों को, जीवनरक्षक सहायता की आवश्यकता है, और लगभग एक करोड़ 36 लाख बच्चों को, तत्काल सहायता की ज़रूरत है.

यूनीसेफ़ को प्राप्त ख़बरों के अनुसार, युद्ध में सैकड़ों लड़कियों और लड़कों की मौत हुई है.

स्वास्थ्य ढाँचा जोखिम में

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि पूरे देश में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति बहुत कमज़ोर है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं पर लगातार हमलों के कारण और भी जर्जर हो गई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने बताया कि 15 अप्रैल से 15 मई के दरम्यान स्वास्थ्य सेवाओं पर 4अप्रैल से 15 मई के दरम्यान स्वास्थ्य सेवाओं पर 45 हमलों की पुष्टि कई है, जिनमें आठ लोगों की मौत हुई है और 18 घायल हुए हैं.

सीमाएँ खुली रखने पर ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) फ़िलिपो ग्रैंडी ने मंगलवार को मिस्र की तीन दिन की यात्रा पूरी करने के बाद उन लोगों की मदद करने की तत्काल पुकार लगाई है जिन्हें सूडान छोड़कर जाना पड़ रहा है.

इसमें इन लोगों की मेज़बानी कर रहे देशों की मदद करने की पुकार भी शामिल है, और शरणार्थी उच्चायुक्त ने सभी देशों से सीमाएँ खुली रखने पर भी ज़ोर दिया है.

युद्ध भड़कने के बाद से, लगभग एक लाख 70 हज़ार सूडानी लोग मिस्र पहुँच चुके हैं. कुल मिलाकर लगभग तीन लाख 45 हज़ार लोग, सूडान से बाहर जा चुके हैं, जिनमें से लगभग आधी संख्या मिस्र में है.

यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने हालात का जायज़ा लेने के लिए, मिस्र पहुँचे सूडानी शरणार्थियों, और देश के सीमा-सुरक्षा अधिकारियों के साथ मुलाक़ात की है.

“हिंसा की सघनता के कारण हम मौत का शिकार हुए इन बच्चों की सटीक संख्या की पुष्टि करने में असमर्थ हैं, हमें ये हज़ारों बच्चों के अपंग होने की भी ख़बरें मिली हैं.”

सूडान की राजधानी ख़ारतूम के युद्धग्रस्त इलाक़ों में खाद्य सहायता सामग्री का वितरण.
© Sudanese Red Crescent Society