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सूडान: तत्काल युद्ध विराम की पुकार, मृतक संख्या बढ़ी

सूडान की राजधानी ख़ारतूम की अल-तायिफ़ बस्ती में, बामबारी के बाद उठता धुआँ.
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सूडान की राजधानी ख़ारतूम की अल-तायिफ़ बस्ती में, बामबारी के बाद उठता धुआँ.

सूडान: तत्काल युद्ध विराम की पुकार, मृतक संख्या बढ़ी

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने सूडान में प्रतिद्वन्द्वी सैन्य गुटों से आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और देश की अन्तरराष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों का सम्मान करने का आग्रह किया है. इस बीच देश भर में सोमवार को लड़ाई और भी सघन हुई है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को कहा, “मैं सूडान में भड़की इस लड़ाई की कड़ी भर्त्सना करता हूँ और त्वरित समर्थन बलों (RSF) व सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) के नेताओं से लड़ाई तत्काल बन्द करने, शान्ति बहाल करने, और इस संकट को हल करने के लिए बातचीत शुरू करने की अपील करता हूँ.”

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यूएन महासचिव ने दारफ़ूर क्षेत्र में व्यापक लड़ाई के दौरान, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के तीन कर्मचारियों की मौत हो जाने के सन्दर्भ में कहा कि इन मौतों के लिए ज़िम्मेदार तत्वों को बिना देरी किए, न्याय के कटघरे में लाया जाना होगा.

जीवन की भयावह हानि

यूएन प्रमुख ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के विकास के लिए वित्त पर फ़ोरम में अपने उदघाटन भाषण से पहले, टिप्पणी में कहा, “इस स्थिति के कारण, पहले ही जीवन की भयावह हानि हुई है जिनमें बहुत से आम लोग भी हैं.”

उन्होंने इस स्थिति पर किसी तरह का प्रभाव रखने वाली शक्तियों से, शान्ति के लिए दबाव बनाने और हिंसा समाप्ति, शान्ति बहाली, और बदलाव के रास्ते की तरफ़ लौटने के प्रयासों को समर्थन देने का आग्रह किया.

यूएन प्रमुख ने साथ ही आगाह करते हुए ये भी कहा कि इस लड़ाई में किसी भी तरह की दीगर बढ़ोत्तरी, देश और क्षेत्र के लिए विनाशकारी हो सकती है.

राजधानी में लड़ाई और फैली

शनिवार को भड़की ये लड़ाई राजधानी ख़ारतूम और आपपास के इलाक़ों में फैल गई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रविवार को जारी एक वक्तव्य में कहा है कि उसके बाद से विभिन्न इलाक़ों में 83 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1,126 से ज़्यादा घायल हुए हैं. सबसे भारी लड़ाई ख़ारतूम में हो रही है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है, “शहर में असुरक्षा के कारण आवागमन बाधित हैं, जिससे डॉक्टरों, नर्सों, मरीज़ों के लिए और स्वास्थ्य सेवाओं में ऐम्बुलेंसों के पहुँचने में चुनौतियाँ दरपेश हैं. इस स्थिति से उन लोगों की ज़िन्दगियाँ ख़तरे में पड़ गई हैं जिन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है.”

एजेंसी ने स्वास्थ्य कर्मियों और मरीज़ों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की पुकार के साथ-साथ, सभी पक्षों से स्वास्थ्य सेवाओं की तटस्थता का सम्मान किए जाने के भी आग्रह किया.