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सूडान: नाज़ुक युद्धविराम क़ायम, यूएन एजेंसियाँ सहायता पहुँचाने में सक्रिय

चाड पहुँचे सूडानी शरणार्थियों को, WFP की खाद्य सहायता का वितरण.
© WFP/Jacques David
चाड पहुँचे सूडानी शरणार्थियों को, WFP की खाद्य सहायता का वितरण.

सूडान: नाज़ुक युद्धविराम क़ायम, यूएन एजेंसियाँ सहायता पहुँचाने में सक्रिय

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र और मानवीय सहायता साझीदार, सूडान में यथासम्भव अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच बनाने में सक्रिय हैं, इस बीच कमज़ोर डोर की तस्वीर पेश करने वाले युद्धविराम पर, युद्धरत पक्ष अभी क़ायम हैं.

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को मुख्यालय में नियमित प्रैस वार्ता में बताया कि 15 अप्रैल को भड़के इस युद्ध से त्रस्त लाखों सूडानी लोगों तक सहायता पहुँचाना, केवल उन्हीं इलाक़ों में सम्भव है जहाँ युद्धविराम लागू है.

ध्यान रहे कि यह युद्ध, लड़ाई सूडान की राष्ट्रीय सेना और उनके एक

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शक्तिशाली प्रतिद्वन्द्वी मिलिशिया गुट - RSF के दरम्यान चल रहा है.

युद्धरत पक्षों के बीच, लगभग एक सप्ताह पहले जेद्दाह में एक युद्धविराम पर सहमति होने के बाद से कुछ शान्ति तो क़ायम है, मगर ख़बरों में बताया गया है कि हाल के दिनों में युद्धक गतिविधियों में आई तेज़ी से, युद्धविराम समझौते की निरन्तरता ख़तरे में पड़ी है.

यह युद्धविराम के कार्यान्वयन की निगरानी अमेरिका और सऊदी अरब कर रहे हैं.

सहायता ट्रक रास्ते में

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों की समन्वय एजेंसी - OCHA ने कहा है कि लगभग 20 ट्रक, यूनीसेफ़ और अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) का सहायता सामान लेकर, सूडान के विभिन्न इलाक़ों के लिए रास्तों पर हैं.”

इस बीच विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने तीन सप्ताह पहले अपने सहायता अभियान पुनः आरम्भ करने के बाद से, नौ प्रान्तों में, पाँच लाख से ज़्यादा लोगों तक खाद्य और पोषण सामग्री पहुँचाई है.

यूए प्रवक्ता ने कहा, “WFP केन्द्रीय दारफ़ूर और उत्तरी प्रान्त में भी सहायता सामग्री वितरित करने की योजना बना रही है.”

यूएन एजेंसियों के अनुसार, पूर्वी दारफ़ूर के ऐल्डाईन शहर के एक अस्पताल में, बिजली ठप होने के दौरान ऑक्सीजन कमी जैसी समस्याओं के कारण, केवल एक सप्ताह के दौरान, छह नवजात शिशुओं की मौत हो गई.

प्रवक्ता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, युद्ध आरम्भ होने के बाद से, इस अस्पताल में 30 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी यह जानने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सम्पर्क में है कि वो, समर्थन देने के लिए क्या कर सकती है.

देश की आधी आबादी की मदद की ज़रूरत

सूडान में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी अब्दोऊ डिएंग के अनुसार, लगभग 2 करोड़ 47 लाख लोगों, यानि देश की क़रीब आधी आबादी को, तत्काल मानवीय सहायता और संरक्षण की आवश्यकता है.

उन्होंने बुधवार देर शाम प्रकाशित एक वक्तव्य में बताया कि मानवीय सहायता के ज़रूरतमन्दों की इस संख्या में, वर्ष 2023 के आरम्भ के बाद से, 57 प्रतिशत वृद्धि हुई है.

अब्दोऊ डिएंग ने बताया कि सहायता एजेंसियों ने सूडान में, मई के आरम्भ से पाँच लाख से ज़्यादा लोगों तक भोजन पहुँचाया है.

उसके अलावा लाखों विस्थापित लोगों तक, यथासम्भव पहुँच स्थापित होने पर, पानी, स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता सहायता भी पहुँचाई है.

उन्होंने दोहराया कि मानवीय सहायता एजेंसियाँ लगभग चालीस लाख ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता सामग्री पहुँचाने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने साथ ही, प्रासंगिक अधिकारियों से, सहायता कर्मियों को, सहायता सामान के त्वरित और सुरक्षित परिवहन की अनुमति देने का भी आहवान किया.

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि सूडान में युद्ध के कारण, लगभग दो-तिहाई अस्पतालों में सेवाएँ ठप हैं. इसके अलावा जिन इलाक़ों में युद्ध नहीं हो रहा है, वहाँ चिकित्सा सुविधाओं में चिकित्सा सामान, स्टाफ़, ईंधन, ऑक्सीजन और रक्त बैंक सेवाओं की कमी चल रही है.