डेविड बेकहम की भारत यात्रा, लड़कियों के लिए समानता व सशक्तिकरण का पैग़ाम
यूनीसेफ़ के सदभावना दूत और इंगलैंड के पूर्व फ़ुटबॉल सितारे डेविड बेकहम ने, इस सप्ताह भारत की यात्रा की है, जिसमें उन्होंने आईसीसी क्रिकेट विश्व कप सेमीफ़ाइनल में यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय सदभावना दूत, सचिन तेन्दुलकर के साथ मिलकर, लड़कियों के लिए #BeAChampion अभियान में हिस्सा लिया. भारत में उन्होंने उन लड़कियों व युवा महिलाओं से भी भेंट की, जो विशाल बाधाओं का सामना करते हुए, अपने समुदायों में बदलाव लाने के प्रयास कर रही हैं.
डेविड बेकहम अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, पश्चिमी प्रदेश गुजरात गए, जहाँ उन्होंने लड़कियों और महिलाओं के लिए बदलाव लाने वाले यूनीसेफ़ समर्थित कार्यक्रमों का जायज़ा लिया.
गुजरात के बनासँठा ज़िले में, डेविड बेकहम की भेंट हुई, 21 वर्षीय रिंकू प्रवीभाई से. रिंकू की 15 साल की छोटी सी उम्र में शादी होने वाली थी और उस पर स्कूल छोड़ने का दबाव डाला जा रहा था. लेकिन जब रिंकू को यूनीसेफ़ समर्थित 'युवा लड़कियों के समूह' में बाल विवाह के हानिकारक परिणामों के बारे में जानकारी मिली, तो उसने एक सामाजिक कार्यकर्ता से मदद मांगी और अपना विवाह रोकने में सफल हुई. आज रिंकू एक स्थानीय कॉलेज में नर्सिंग कोर्स कर रही हैं.
डेविड बेकहम ने उन सामुदायिक कार्यकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी मुलाक़ात की, जो बच्चों को उनकी स्कूली शिक्षा जारी रखने में मदद करते हैं और उन्हें बाल विवाह व बाल श्रम से इनकार करने के लिए सशक्त बनाते हैं.
यूनीसेफ़ के सदभावना दूत डेविड बेकहम ने कहा, "मैं एक युवा बेटी के पिता के रूप में, रिंकू व अन्य युवा लड़कियों से मिलकर बहुत प्रभावित हुआ, जो इतनी कम उम्र में परिवर्तन लाने के लिए लड़ रही हैं और अपने भविष्य के बारे में सोच रही हैं. रिंकू उन अन्य लड़कियों के लिए आदर्श हैं, जो अपनी शिक्षा पूरी करना चाहती हैं और अपनी क्षमता का उपयोग करना चाहती हैं. इन सभी लड़कियों को भारत सरकार के साथ साझेदारी में, यूनीसेफ़ द्वारा समर्थित कार्यक्रम के सलाहकारों से लाभ पहुँचा है.”
नवाचार व लैंगिक समानता
डेविड बेकहम ने गुजरात विश्वविद्यालय के विक्रम साराभाई बाल नवाचार केन्द्र में, युवा नवाचार कर्ताओं एवं उद्यमियों से भेंट की. यह भारत में बच्चों के लिए अपनी तरह का पहला केन्द्र है, जिसमें बच्चों व युवाओं, विशेषकर लड़कियों के नवाचार को प्रोत्साहन दिया जाता है.
![भारत के गुजरात राज्य के एक सामुदायिक केन्द्र में क्रिकेट खेलते हुए, यूनीसेफ़ सदभावना दूत, डेविड बेकहम. भारत के गुजरात राज्य के एक सामुदायिक केन्द्र में क्रिकेट खेलते हुए, यूनीसेफ़ सदभावना दूत, डेविड बेकहम.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Libraries/Production%20Library/16-11-23_DAVID_BECKHAM_INDIA.jpg/image770x420cropped.jpg)
इस केन्द्र में 27 वर्षीय शिखा शाह भी शामिल थीं, जिन्होंने कृषि अवशेषों का पुनर्चक्रण करके, पर्यावरण अनुकूल फ़ैशन व कपड़े एवं प्राकृतिक रेशे बनाने वाली सामग्री विज्ञान कम्पनी, AltMat की स्थापना की है. इस कम्पनी ने कृषि-अपशिष्ट और फ़ैशन प्रदूषण की दोहरी समस्या का समाधान करने के अलावा, अपनी पेटेंट तकनीक के ज़रिए उच्चतम उत्पादन क्षमता हासिल की है.
डेविड बेकहम ने अहमदाबाद में, गुजरात यूथ फ़ोरम के बच्चों से मुलाक़ात की. इस फ़ोरम की स्थापना, वर्ष 2021 में, पहले एक स्थानीय भागीदार, Elixir और यूनीसेफ़ ने, युवाओं को परिवर्तन का कारक बनने के लिए प्रेरित करने के मक़सद से की थी.
उन्होंने 12 वर्षीय युवा क्रिकेटर प्रथा वानर से बात की, जिसने छह साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था और अब वह क्रिकेट टीम में लड़कों के बीच अकेली लड़की है.
उनकी भेंट 14 वर्षीय लेखिका, आर्या चावड़ा से भी हुई, जो अपनी पुस्तक और कला से प्राप्त आमदनी, वंचित समुदायों के कैंसर रोगियों को दान करती हैं.
इस अवसर पर भारत में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि, सिंथिया मैककैफ्रे ने कहा, “यूनीसेफ़ के सदभावना दूत डेविड बेकहम की भारत यात्रा हर बच्चे के लिए समान अवसरों और अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालती है. उनकी यात्रा सभी को, विशेषकर लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए समान अवसरों का समर्थन करने के यूनीसेफ़ के मिशन को मज़बूत करती है."
"यूनीसेफ़ भारत सरकार का समर्थन करने के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है, ताकि हर बच्चा जीवित रह सके, आगे बढ़ सके और अपने सपनों को पूरा कर सके. लैंगिक समानता की खोज, भारत में यूनीसेफ़ के सभी कार्यों की बुनियाद है.''
क्रिकेट के ज़रिए लैंगिक समानता का प्रसार
कोविड-19 महामारी के कारण दक्षिण एशिया में लैंगिक असमानताओं में वृद्धि हुई है. घरेलू हिंसा, बाल विवाह और वैतनिक कार्य एवं रोज़गार हानि में वृद्धि से लड़कियाँ और महिलाएँ ख़ासतौर पर प्रभावित हुई हैं, और क्षेत्र में दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक झटकों का ख़ामियाज़ा भुगत रही हैं.
डेविड बेकहम ने इस यात्रा के दौरान, महान क्रिकेटर और दक्षिण एशिया के लिए यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय दूत, सचिन तेंदुलकर और बच्चों के साथ मुम्बई में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप सेमीफ़ाइनल में शामिल हुए.
क्रिकेट के ज़रिए लड़कियों व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के साथ यूनीसेफ़ की साझेदारी का जश्न मनाने हेतु, क्रिकेट के अनेक सितारे एकजुट हुए.
उन्होंने दर्शकों से लड़कियों और लड़कों के लिए #BeAChampion का आहवान किया -- ताकि वे खेल और जीवन के अवसरों में समान रूप से भाग ले सकें - चाहे वो कहीं भी रहते हों.
डेविड बेकहम ने कहा, “बच्चों के लिए खेल का मैदान समतल करने के लिए, खेल की शक्ति में मेरा हमेशा से दृढ़ विश्वास रहा है. खेल भागेदारी को बढ़ावा देता है, लैंगिक रूढ़िवादिता तोड़ता है और लड़कियों को उनके सपनों को साकार करने में मदद करने का एक शक्तिशाली तरीक़ा है.''