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‘मास्टर ब्लास्टर’ सचिन तेन्दुलकर ने की, बाल शिक्षा व पोषण की ज़ोरदार हिमायत

दक्षिण एशिया के लिए यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय सदभावना दूत सचिन तेन्दुलकर, श्रीलंका की यात्रा के दौरान (अगस्त 2023)
© UNICEF/UNICEF Sri Lanka
दक्षिण एशिया के लिए यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय सदभावना दूत सचिन तेन्दुलकर, श्रीलंका की यात्रा के दौरान (अगस्त 2023)

‘मास्टर ब्लास्टर’ सचिन तेन्दुलकर ने की, बाल शिक्षा व पोषण की ज़ोरदार हिमायत

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के दक्षिण-एशिया क्षेत्र के लिए सदभावना दूत और दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी रहे सचिन तेन्दुलकर ने बच्चों का चौतरफ़ा विकास सुनिश्चित करने के लिए, बच्चों की शिक्षा व पोषण कार्यक्रमों में और ज़्यादा संसाधन निवेश की पुकार लगाई है.

सचिन तेन्दुलकर ने हाल ही में श्रीलंका की यात्रा के दौरान ये आहवान किया है, जहाँ उन्होंने कोविड-19 महामारी और वर्ष 2022 के आर्थिक संकट से प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों से मुलाक़ात करके, उनकी मदद का आहवान किया.

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उस आर्थिक संकट ने लाखों लोगों को मानवीय सहायता के सहारे छोड़ दिया है.

यूनीसेफ़ ने मंगलवार को जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि श्रीलंका उस आर्थिक मन्दी से उबरने की कोशिश कर रहा है.

मगर, आवश्यक खाद्य वस्तुओं और स्कूली शिक्षा के दाम अब भी बहुत अधिक बने हुए हैं, जिनसे परिवारों को अपने बच्चों को भोजन खिलाने या उन्हें शिक्षा दिलाने के विकल्पों में से किसी एक 

को चुनना पड़ रहा है.

सचिन तेन्दुलकर ने अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान कहा, “जिन बच्चों के साथ मैंने बातचीत की है वो उच्च हौसला दिखा रहे हैं, एक बेहतर भविष्य के लिए उनकी उम्मीद बहुत मज़बूत बनी हुई है. हमें उन्हें सहारा देना जारी रखना होगा ताकि वो अपने लक्ष्य प्राप्त करते रहें.”

उन्होंने कहा, “उनकी शिक्षा और पोषण में संसाधन निवेश करके, हम ना केवल उनके भविष्य में, बल्कि हर एक देश के भविष्य में निवेश कर रहे हैं.”

पूरे श्रीलंका में बच्चों की मदद

यूनीसेफ़ के दक्षिण-एशिया क्षेत्र के लिए सदभावना दूत सचिन तेन्दुलकर ने ऐसे स्थानों पर स्कूलों और बाग़ानों का भी दौरा किया, जहाँ यूएन बाल एजेंसी, बच्चों और उनके परिवारों की मदद कर रही है.

अगस्त 2022 से, यूनीसेफ़ के मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम ने, पूरे श्रीलंका में लगभग 1,400 स्कूलों में, क़रीब 50 हज़ार बच्चों को, पौष्टिक भोजन मुहैया कराया है. 

इस मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की बदौलत, शिशु स्कूलों में भी बच्चों की संख्या बढ़ाने में मदद मिली है.

यूनीसेफ़ ने, श्रीलंका की आर्थिक बहाली के प्रयासों में मदद के तहत, दो वर्ष तक की आयु वाले लगभग एक लाख 10 हज़ार परिवारों को, पोषक खाद्य सामग्री व अन्य ज़रूरी चीज़ें ख़रीदने में मदद के लिए, नक़दी सहायता मुहैया कराई है.

‘मैं एक नटखट बच्चा था’

दुनिया भर में अपने प्रशंसकों में, ‘नाटे मास्टर’ (Little Master) के रूप में भी मशहूर सचिन तेन्दुलकर ने, श्रीलंका के युवजन से भी मुलाक़ात की और अपनी उम्र के विभिन्न दौरों के अनुभव साझा किए.

‘क्रिकेट की यादें’ सत्रों में, सचिन तेन्दुलकर ने, बाधाओं पर पार पाने, सहनशीलता और अपने लक्ष्य पर सदैव नज़रें टिकाए रहने के बारे में बातचीत की.

सचिन तेन्दुलकर ने अपनी यात्रा के अन्त में, पत्रकारों से मुख़ातिब होकर कहा, “क्रिकेट ने मुझे जीवन में बहुत कुछ सिखाया है […] मैं एक नटखट बच्चा था.”

क्षेत्रीय सदभावना दूत

सचिन तेन्दुलकर को, यूनीसेफ़ ने, वर्ष 2013 में दक्षिण एशिया के लिए, यूनीसेफ़ का क्षेत्रीय सदभावना दूत नियुक्त किया था.