वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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भारत

पल्लवी और उनके पिता विवेक ताम्रकार, अब डायबिटीज़ के साथ जीवन जीने के संघर्ष में साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं.
© UNICEF/Mithila Jariwala

भारत: इंसुलिन की सुई से आशाओं व सपनों को सहारा

11 साल की पल्लवी ताम्रकार हर सुबह की तरह दाँत ब्रश करती है, अपना स्कूल बैग तैयार करती है और फिर शान्त मन से अपने हाथ पर इंसुलिन की सुई लगाती है. कभी ऐसा भी था कि पल्लवी को यह सुई लगाने से डर लगता थामगर अब यह सुई उसकी हिम्मत की पहचान है आत्मनिर्भरतासाहस और एक नन्ही बच्ची के बड़े सपनों व उम्मीदों की पहचान. 

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में पोषक तत्वों से सुदृढ़ चावल और गेहूँ, आहार एवं भविष्य, दोनों बदल रहे हैं.
© WFP

पोषण के दाने: एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में पोषक आहार का नवीन अध्याय

देखने में तो गेहूँ और चावल की सभी क़िस्मों के दाने एक जैसे नज़र आते हैं, मगर यूएन एजेंसियाँ, हमारे ज़रूरी आहार के जो दाने एशिया प्रशान्त में मुहैया करा रही हैं, उनमें स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी पोषक तत्व भी शामिल हैं, जिससे स्वास्थ्य के लिए उन दानों की उपयोगिता बढ़ जाती है. ये प्रयास पोषक तत्वों में समृद्ध चावल और गेहूँ के ज़रिए लोगों के खाने को अधिक पौष्टिक बना रहे हैं, और साथ ही लाखों परिवारों के स्वास्थ्य और भविष्य को बदल रहे हैं.

जलवायु चैम्पियन, ECRICC परियोजना की रीढ़ हैं.
© UNDP India

भारत: ओडिशा में कविता, संस्कृति और समुदाय सक्रियता के ज़रिए जलवायु मुहिम

भारत के ओडिशा प्रदेश की महिलाएँ चक्रवात-प्रवण पूर्वी तट पर एक शान्त जलवायु क्रान्ति की अगुवाई कर रही हैं. इस क्रान्ति में न तो विरोध प्रदर्शन हैं और न ही नीतिगत दस्तावेज़बल्कि इसमें शामिल हैं - कवितानृत्य और सामुदायिक भावना. ये महिलाएँ, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) समर्थित पहल के ज़रिए, तूफ़ानकटाव और हानि के अनुभवों को कविताओंगीतों एवं सतत आजीविकाओं में बदल रही हैं. यही बदलाव परिस्थितियों का सामना करने के हौसले व उम्मीद की नई कहानियाँ गढ़ रहा है.

दोहा में सामाजिक विकास के लिए दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन में निर्धनता उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा में भारत के अनुभवों पर चर्चा.
UNESCAP

सामाजिक विकास के लिए, आमजन को नीतिगत उपायों के केन्द्र में रखने पर बल

क़तर की राजधानी दोहा में 'द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन' के दौरान बुधवार को निर्धनता उन्मूलन के विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में सशक्तिकरण का लाभ पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति तक पहुँचाने में भारत के अनुभवों को साझा किया गया.

लखनऊ ख़ासतौर पर अपने रसीले क़बाब और बिरयानी की अनोखी शैली के लिए मशहूर है.
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भारत: लखनऊ के पकवानों का स्वाद पहुँचा यूनेस्को की सूची में

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने 58 रचनात्मक शहरों की सूची जारी की है, जिसमें भारत के लखनऊ को पाक-कला के सृजनशील शहर का दर्जा मिला है. यह निर्णय लखनऊ की समृद्ध पकवान विरासत और सदियों पुरानी खाद्य परम्पराओं का सम्मान है, जो भोजन पकाने के नित नए-नए तरीक़े आज़माने, इसमें समुदायों के साथ लेकर चलने की बदौलत आज भी फल-फूल रही हैं.

भारत यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र के युवा मामलों के सहायक महासचिव डॉक्टर फ़ेलिपे पाउलियर युवा परिवर्तनकारियों के साथ बातचीत करते हुए.
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भारत: स्थानीय क़दमों से वैश्विक प्रभाव: परिवर्तनकारी युवाओं की कहानियाँ

संयुक्त राष्ट्र के युवा मामलों के सहायक महासचिव डॉक्टर फ़ेलिपे पाउलियर ने अपनी भारत यात्रा के दौरान, देशभर के युवा परिवर्तनकारियों से मुलाक़ात की. उन्होंने समावेशी शिक्षाजलवायुशरणार्थी नेतृत्वविकलांग अधिकार, LGBTQI+ गरिमा और मानसिक स्वास्थ्य पर उनकी बातें सुनीं. सन्देश स्पष्ट था - संस्थाएँ युवाओं पर भरोसा करें, उन्हें निर्णय-प्रक्रिया और नेतृत्व में वास्तविक जगह दें.

बाईं ओर दिखाया गया डाक-टिकट संयुक्त राष्ट्र के 80 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा जारी किया गया था. इसका डिज़ाइन देशव्यापी प्रतियोगिता के ज़रिए चुना गया, जिसमें देश भर से कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों की 7,40,000 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप…
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UN@80: संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगाँठ पर नई दिल्ली में एक जश्न

भारत में संयुक्त राष्ट्र ने, नई दिल्ली स्थित यूएन भवन में इस विश्व संगठन की 80वीं वर्षगाँठ मनाई और भागीदारों व भारत में संयुक्त राष्ट्र देशीय टीम (UNCT) का आभार व्यक्त किया. मुख्य अतिथिभारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्री, मनोहर लाल खट्टर ने शान्तिसुरक्षाविकास और बहुपक्षीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुएसंयुक्त राष्ट्र के प्रति देश के दीर्घकालिक समर्थन को रेखांकित किया.

यूएन@80 के उपलक्ष्य में लगी डिजिटल प्रदर्शनी ने, विभिन्न क्षेत्रों में, संयुक्त राष्ट्र के आठ दशकों के कार्य और प्रभाव को प्रदर्शित किया. इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा पहले जारी यूएन80 स्मारक डाक-टिकट भी प्रदर्शित किया गया. यह आयोजन कुल मिलाकर राष्ट्रीय भागेदारी और साझेदारी के माध्यम से मनाए गए एक वैश्विक मील के पत्थर का प्रतिबिम्ब रहा. (वीडियो..)

गोवा में अन्तरराष्ट्रीय पर्पल फ़ेस्ट 2025 के दौरान आयोजित “We Care” फ़िल्म महोत्सव में, विकलांग व्यक्तियों के जीवन और आकांक्षाओं की दिलचस्प कहानियाँ प्रस्तुत की गईं.
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We Care Film Festival: सिनेमा के ज़रिए समावेशन का सन्देश

गोवा में हाल में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय पर्पल फ़ेस्ट 2025 के दौरान “We Care” फ़िल्म महोत्सव में ऐसी प्रेरक कहानियाँ प्रस्तुत की गईं, जो विकलांगता को सीमाओं से नहीं, बल्कि सम्भावनाओं से जोड़ती हैं.