वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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नवीनतम समाचार

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश, मीडिया को सम्बोधित करते हुए.
UN/Mohammad Abu Ghoush

प्रैस स्वतंत्रता दिवस: पत्रकारों की सुरक्षा की पुकार

यूएन प्रमुख ने कहा है कि वर्तमान में विश्व में व्याप्त अभूतपूर्व पर्यावरणीय आपातस्थिति के बारे में लोगों को “सूचित व शिक्षित करने में” पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि इस संकट ने वर्तमान व आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए ख़तरा पैदा कर दिया है. तीन मई को विश्व प्रैस स्वतंत्रता दिवस पर, यूएन प्रमुख का वीडियो सन्देश...

सूडान के ज़ेलिन्गेई नगर में विस्थापितों के लिए बनाए गए अस्थाई आश्रय स्थलों में शरण लेने वाले परिवार.
© UNICEF/Antony Spalton

सूडान: दारफ़ूर क्षेत्र में भुखमरी फैलने का जोखिम, लड़ाई रोकने की अपील

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि सूडान के दारफ़ूर क्षेत्र में भुखमरी टालने के लिए समय बीता जा रहा है. देश के उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त की राजधानी अल-फ़शर में परस्पर विरोधी सैन्य बलों के बीच झड़पों में तेज़ी आने से ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के प्रयासों पर असर हुआ है.

बुरुंडी के बुजुमबुरा में अपना घर ध्वस्त हो जाने के बाद यह महिला अपने एक रिश्तेदार के साथ रह रही है.
© UNHCR/Bernard Ntwari

पूर्वी अफ़्रीका: मूसलाधार बारिश, भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सहायता प्रयास

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर मूसलाधार बारिश और भीषण बाढ़ की चपेट में आए पूर्वी अफ़्रीका में स्थानीय प्रशासनिक एजेंसियों को सहायता प्रदान करने में जुटी हैं. मार्च महीने से अब तक इस आपदा में 350 से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है.

दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह में एक अस्थाई शिविर में कुछ बच्चे.
© WHO

रफ़ाह में इसराइली हमले से क़त्लेआम की आशंका, यूएन सहायता एजेंसी की चेतावनी

मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) ने आगाह किया है कि दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह शहर में, इसराइली हमले से क़त्लेआम होने और पूरे ग़ाज़ा में जीवनरक्षक मानवीय राहत प्रयासों को गहरी चोट पहुँचने की आशंका है.

सम्मेलन में एक बेहद थकाऊ दिन के बाद, सुस्ता रहे कुछ पत्रकार.
UN News/Laura Quinones

प्रैस स्वतंत्रता दिवस: पर्यावरण पत्रकारों की सुरक्षा पुख़्ता करने की पुकार

शुक्रवार को विश्व प्रैस स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस अवसर पर, पर्यावरण मुद्दों पर जानकारी देने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ हिंसा के बढ़ते मामलों की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने कहा है कि हिंसा में वृद्धि के कारण यह पेशा तेज़ी से ख़तरनाक होता जा रहा है.  

ग़ाज़ा के फ़लस्तीनी टीवी पत्रकार मुस्तफ़ाह अल बायेद को, यूनेस्को प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार (2024) से सम्मानित किया गया है.
© UNDP PAPP/Abed Zagout

फ़लस्तीनी पत्रकार, यूनेस्को प्रैस स्वतंत्रता सम्मान के विजेताओं में शामिल

ग़ाज़ा में विनाशकारी युद्ध की कवरेज करने वाले फ़लस्तीनी पत्रकारों को, यूनेस्को/गुइलरमो कैनो विश्व प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार के विजेताओं में चुना गया है.

ओलिम्पिक शरणार्थी खिलाड़ी
© International Olympic Committee

शरणार्थी ओलिम्पिक टीम पेरिस से भेजेगी, अमन और उम्मीदों का पैग़ाम

अफ़ग़ानिस्तान की पहली महिला ब्रेकडांसर, कैमरून में पैदा हुए एक ब्रितानी बॉक्सिंग चैम्पियन, और वेनेज़ुएला के एक अचूक निशानेबाज़, शरणार्थी ओलिम्पिक टीम के उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जो जुलाई में होने वाले पेरिस खेलों में शिरकत करने वाले हैं.

ग़ाज़ा में विकट हालात के बीच लाखों विस्थापित गंदगीपूर्ण माहौल में शरण लेने के लिए मजबूर हैं.
UNICEF and UNDP PAPP/Abed Zagout

ग़ाज़ा: मलबे में 10 हज़ार से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका

मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) का कहना है कि ग़ाज़ा पट्टी में पिछले सात महीनों से जारी युद्ध से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है और मलबे के नीचे 10 हज़ार से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है. यूएन एजेंसी ने ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह बात कही है.

इसराइली सैन्य बलों की वापसी के बाद ख़ान यूनिस शहर, जहाँ लड़ाई में भारी बर्बादी हुई है.
© UNOCHA/Themba Linden

बर्बादी के ढेर पर फ़लस्तीनी अर्थव्यवस्था, ग़ाज़ा युद्ध ने विकास को दो दशक पीछे धकेला

ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध और अनवरत इसराइली बमबारी ने फ़लस्तीन के सामाजिक-आर्थिक विकास को 20 वर्ष पीछे धकेल दिया है. गुरूवार को प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में संकटग्रस्त ग़ाज़ा में मौजूदा आर्थिक हालात का आकलन किया गया है.

नागालैंड में फ़ेक में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र.
UNDP India

भारत: दूरदराज़ के क्षेत्रों में ऑक्सीजन संयंत्रों से नवजीवन का संचार

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से, भारत सरकार ने देश के पूर्वोत्तर राज्यों में, 15 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं. 2022 में नागालैंड में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र भी इसी पहल का हिस्सा है जिसने लोगों के जीवन में नई वायु का संचार किया है.