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भारत: दूरदराज़ के क्षेत्रों में ऑक्सीजन संयंत्रों से नवजीवन का संचार

नागालैंड में फ़ेक में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र.
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नागालैंड में फ़ेक में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र.

भारत: दूरदराज़ के क्षेत्रों में ऑक्सीजन संयंत्रों से नवजीवन का संचार

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से, भारत सरकार ने देश के पूर्वोत्तर राज्यों में, 15 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं. 2022 में नागालैंड में स्थापित एक ऑक्सीजन संयंत्र भी इसी पहल का हिस्सा है जिसने लोगों के जीवन में नई वायु का संचार किया है.

भारत के नागालैंड प्रदेश में, नागा पहाड़ियों की सुन्दर ढलानों पर फ़ेक शहर में स्थित ज़िला अस्पताल, उन लाखों स्वास्थ्य कर्मियों की ऊर्जा व समर्पण से जगमगाता प्रतीत होता है, जिसकी झलक प्रतिदिन इनके जीवनरक्षक कार्यों में दिखाई देती है. अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर नगोपेलो का पूरा दिन, लगातार आने वाले रोगियों के इलाज व संचालन प्रबन्धन में बीतता है.

डॉक्टर नगोपेलो बताते हैं, “हम दीमापुर और कोहिमा (प्रदेश की राजधानी) से छह घंटे की दूरी पर हैं. महामारी के दौरान, जब हमारे चिकित्सा भंडार ख़त्म हो गए थे, तो ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में हमें इसीलिए समय लगता था.''

दीमापुर, नागालैंड प्रदेश का वाणिज्यिक केन्द्र नगर और यहाँ एक हवाई अड्डा भी है.

फ़ेक जैसे दूरदराज़ के इलाक़ों में, महत्वपूर्ण चिकित्सा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है. फिर आश्चर्य नहीं कि कोविड-19 महामारी के दौरान हालात काफ़ी गम्भीर हो गए थे. 

डॉक्टर नगोपेलो, अस्पताल के व्यस्त गलियारों में घूमते हुए बताते हैं, "महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल करने में देरी के कारण, हमें साँस की परेशानी का सामना करने वाले रोगियों के इलाज में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा."

पहले, ऑक्सीजन के सिलेंडरों को दोबारा भरने में लगभग पूरा दिन लग जाता था. इस देरी के कारण, ख़ासतौर पर छोटे अस्पतालों में संसाधनों व कर्मचारियों की कमी हो जाती थी.

इसके मद्देनज़र, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से, 2022 में फ़ेक में एक ऑक्सीजन प्रेशर स्विंग अवशोषण (PSA) संयंत्र की स्थापना की. 

इस व्यापक प्रयास के तहत, भारत के कई पूर्वोत्तर प्रदेशों में ऐसे 15 संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिनसे नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्रों में 5 हज़ार से अधिक ऑक्सीजन बिस्तर उपलब्ध हो सके हैं.

ऑक्सीजन पीएसए संयंत्र, सभी स्तरों पर स्वास्थ्य सुविधाओं की आपातकालीन तैयारियों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं. पारम्परिक ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में एक पीएसए संयंत्र से, ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होती है. 

यह ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए बाहरी संसाधनों पर निर्भरता कम करता है, कम समय में ऑक्सीजन उपलब्ध करवाता है, सम्भावित विक्रेताओं की पहचान व परिवहन समबन्धी जटिल परिचालन प्रक्रिया से राहत दिलाता है, और भारी सिलेंडरों को समय पर लोड एनं अनलोड करना आसान बनाता है.

फ़ेक जैसे दूरदराज़ के इलाक़ों में मेडिकल आपूर्ति तक पहुँच कई बार बहुत मुश्किल हो जाती है.
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कोविड-19 से सबक़

दरअसल कोविड-19 महामारी के दौरान ऐसी तकनीक की ज़रूरत महसूस हुई, जिससे स्वास्थ्य कर्मी, आपूर्ति श्रृँखला से जुड़ी मुश्किलों की जगह रोगियों की देखभाल पर ध्यान केन्द्रित कर सकें. 

ऑक्सीजन एक अहम चिकित्सा संसाधन है जो बाल चिकित्सा और शल्य चिकित्सा देखभाल से लेकर निमोनिया, मातृ स्वास्थ्य मुद्दों तथार पुरानी बीमारियों के उपचार के लिए आवश्यक है. यह रोगी की देखभाल के लिए अपरिहार्य है, जिससे विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सेवाओं में ज़रूरी सहायता मिलती है.

महामारी ख़त्म हो गई है, लेकिन सर्वजन के लिए आपातकालीन कार्रवाई और ऑक्सीजन तक समान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए, ऑक्सीजन पीएसए संयंत्र की महत्ता बरक़रार है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर केवल निमोनिया से 2017 में 5 वर्ष से कम उम्र के 8 लाख, 8 हज़ार से अधिक बच्चों की जान गई, जो इस आयु वर्ग के भीतर होने वाली कुल मौतों का 15 प्रतिशत है. 

यह अनुमान लगाया गया है कि इनमें से 20 से 40 प्रतिशत बच्चों की ज़िन्दगियाँ, ऑक्सीजन थेरेपी के ज़रिए बचाई जा सकती थीं.

ऑक्सीजन उत्पादन सुविधाओं के प्रभावी और टिकाऊ उपयोग के लिए, "ऑक्सीजन बचाने," "सुरक्षित ऑक्सीजन," और "सिलेंडर भरने" पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है.

ऑक्सीजन संरक्षण के उपाय

"ऑक्सीजन बचाना" इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएसए संयंत्रों से मैनिफोल्ड्स और ऑक्सीजन मरीज़ों के बिस्तरों तक पहुँचाने में, ऑक्सीजन की हानि व रिसाव का जोखिम होता है. 

इसलिए यह ज़रूरी है कि स्वास्थ्यकर्मी ऑक्सीजन के महत्व को समझें और रोगी तक पहुँचने तक ऑक्सीजन की हानि होने से रोकने के लिए, मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का पालन करें."

सुरक्षित ऑक्सीजन" सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. ऑक्सीजन को सुरक्षित तरीक़े से संचालित करने से, न केवल स्वास्थ्य कर्मियों बल्कि पूरे स्वास्थ्य देखभाल तंत्र की सुरक्षा होती है. 

साथ ही, इससे निर्बाध स्वास्थ्य सेवाएँ बनाए रखने व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है.

इसके अलावा, "सिलेंडर भरने" जैसे तंत्रों से, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहन मिलता है. 

ऑक्सीजन पीएसए संयंत्रों से भरे सिलेंडरों के प्रावधान की सुविधा व दुर्गम क्षेत्रों में समय पर ऑक्सीजन वितरण सुनिश्चित करके, दूरदराज़ के इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया जा सकता है.

डॉक्टर नगोपेलो कहते हैं कि स्थिर ऑक्सीजन आपूर्ति से चिकित्सा सुविधा निर्बाध रूप से कार्य कर सकती है. यह जिन्दगियाँ बचाने और इलाज में सुधार लाने हेतु बहुत आवश्यक है.”

ऑक्सीजन पीएसए संयंत्रों जैसी प्रौद्योगिकियों में निवेश जारी रखना महत्वपूर्ण है. इससे न केवल स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान होती है, बल्कि सर्वजन के लिए निरन्तर, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल की सुलभता भी सुनिश्चित होती, विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में.