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पूर्वी अफ़्रीका: मूसलाधार बारिश, भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सहायता प्रयास

बुरुंडी के बुजुमबुरा में अपना घर ध्वस्त हो जाने के बाद यह महिला अपने एक रिश्तेदार के साथ रह रही है.
© UNHCR/Bernard Ntwari
बुरुंडी के बुजुमबुरा में अपना घर ध्वस्त हो जाने के बाद यह महिला अपने एक रिश्तेदार के साथ रह रही है.

पूर्वी अफ़्रीका: मूसलाधार बारिश, भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सहायता प्रयास

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर मूसलाधार बारिश और भीषण बाढ़ की चपेट में आए पूर्वी अफ़्रीका में स्थानीय प्रशासनिक एजेंसियों को सहायता प्रदान करने में जुटी हैं. मार्च महीने से अब तक इस आपदा में 350 से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है.

इस बीच, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने शुक्रवार को चेतावनी जारी की है कि चक्रवाती तूफ़ान ‘हिडाया’ के आगमन के साथ ही भारी बारिश होने की आशंका है.

यूएन एजेंसी की प्रवक्ता क्लेयर न्युलिस ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि पूर्वी अफ़्रीका में अपनी तरह का यह पहला चक्रवाती तूफ़ान है, जिसका बड़ा असर हो सकता है.

उन्होंने कहा कि तंज़ानिया के विशेष रूप से इसकी चपेट में आने का जोखिम है, जहाँ पहले से ही जल जमाव की समस्या है और तूफ़ान व बारिश के कारण यह बद से बदतर हो सकता है.

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इससे पहले, केनया में एक तटीय बाँध के ध्वस्त होने के बाद हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था. इस घटना में कम से कम 45 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

शरणार्थियों के लिए चिन्ता

शरणार्थी मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNHCR) ने पूर्वी अफ़्रीका में अलग-अलग हिस्सों में हज़ारों शरणार्थियों व विस्थापितों के लिए चिन्ता व्यक्त की है, जिन्हें अपने घर बह जाने के बाद फिर से विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है.

केनया के दादाब में शरणार्थी शिविरों में बढ़ते जलस्तर के कारण लगभग 20 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं. यहाँ क़रीब तीन लाख 80 हज़ार शरणार्थी रहते हैं.

इनमें से अनेक लोग पड़ोसी देश सोमालिया में गम्भीर सूखा पड़ने के कारण पिछले दो वर्षों के दौरान वहाँ पहुँचे थे.

चार हज़ार से अधिक लोगों ने छह स्कूलों में शरण ली हुई है, जबकि अन्य अपने मित्रों या रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं. कई घरों में शौचालय ढह गए हैं, जिससे शरणार्थियों पर जलजनित बीमारियों की चपेट में आने का जोखिम है.

फिर विस्थापन के लिए मजबूर

इस बीच, बुरुंडी में लगभग 32 हज़ार शरणार्थी, यानि देश की क़रीब आधी शरणार्थी आबादी, बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में रह रही है. इनमें 500 को तत्काल सहायता की ज़रूरत है.

बुरुंडी की राजधानी बुजुमबुरा में शरणार्थी परिवार को बढ़ते जलस्तर के कारण अनेक बार विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है. 

यूएन एजेंसी ने बताया कि मौजूदा हालात में भोजन व अन्य बुनियादी सामान की उपलब्धता प्रभावित हुई है और क़ीमतों में उछाल आया है. शिक्षा व्यवस्था ठप हो गई है चूँकि कक्षाओं में बाढ़ का पानी भरा हुआ है और पठन-पाठन की सामग्री बर्बाद हो चुकी है.

बुजुमबुरा से इतर अन्य इलाक़ों में घरों के किराये कथित रूप से दोगुना हो चुके हैं, जिससे शरणार्थी परिवारों के लिए अपने रहने के लिए अन्य जगह ढूंढना चुनौतीपूर्ण हो गया है.

मूसलाधार बारिश के कारण सोमालिया में भी विस्थापितों पर गहरा असर हुआ है. यहाँ पाँच से अधिक इलाक़ों में 46 हज़ार घरेलू विस्थापितों को औचक बाढ़ के कारण जबरन विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है. 

सहायता प्रयास

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी पूर्वी अफ़्रीका में स्थानीय एजेंसियों और साझेदार संगठनों के साथ मिलकर शरणार्थियों और प्रभावित समुदायों तक अहम सहायता व संरक्षण सेवाएँ पहुँचाने में जुटी है.

इस क्रम में, केनया में शरणार्थियों को तिरपाल, मच्छरदानी, साबुन समेत अन्य ज़रूरी सामान वितरित किए गए हैं, और परिवारों को सुरक्षित स्थलों की ओर ले जाया गया है.

बुरूंडी में, यूएन एजेंसी द्वारा शरणार्थियों को शरण किट व नक़दी सहायता प्रदान की गई है, जोकि सरकार की अन्तर-एजेंसी कार्रवाई का हिस्सा है.

हज़ारों की संख्या में बुरुंडी में अपने घर लौटने वाले पूर्व शरणार्थियों को समर्थन में प्राथमिकता दी जा रही है. 

तंज़ानिया में यूएन टीम अपने स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर शरणार्थियों के पुनर्वास में जुटी हैं, जबकि सोमालिया में घरेलू विस्थापित परिवारों को संरक्षण सहायता व अन्य ज़रूरी सामान मुहैया कराया गया है.