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यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि, रुचिरा काम्बोज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष, डेनिस फ़्रांसिस का नई दिल्ली में स्वागत किया.
UN India/Mihir Singh

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस 22-26 जनवरी को भारत यात्रा पर

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस सोमवार सुबह अपनी पाँच दिवसीय यात्रा के लिए भारत की राजधानी नई दिल्ली पहुँचे, जहाँ यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने उनका स्वागत किया. 22 से 26 जनवरी तक के अपने आधिकारिक दौरे में वह भारत सरकार के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा के अलावा अनेक कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, युगांडा की राजधानी कम्पाला में, जी77 की शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए (जनवरी 2024).
UN/Monicah Aturinda Kyeyune

G-77 और चीन से, वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार के लिए, सक्रियता बढ़ाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने युगांडा की राजधानी कम्पाला में रविवार को शुरू हुए जी-77 समूह और चीन के तीसरे शिखर सम्मेलन में कहा है कि विकासशील देशों को पुराने अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों और ढाँचे में सुधार के प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, युगांडा के राजधानी शहर - कम्पाला में, गुटनिरपेक्ष आन्दोलन - NAM के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए (जनवरी 2023).
ONU

यूएन प्रमुख ने NAM सम्मेलन में दोहराई, ग़ाज़ा युद्धविराम और बन्धकों की रिहाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को, युगांडा की राजधानी कम्पाला में, गुटनिरपेक्ष आन्दोलन (NAM) के नवीनतम शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए, ग़ाज़ा में युद्धविराम और सभी बन्धकों की बिना शर्त रिहाई के लिए अपना आहवान दोहराया है.

कल्याण और बीमा योजनाओं से लाभ उठाने के बाद, आशा अब आर्थिक रूप से सुरक्षित और शान्तिपूर्ण महसूस करती हैं.
UNDP India

भारत : यूएनडीपी की उत्थान परियोजना से बेटी का सशक्तिकरण

भारत की आशा उत्तम सोनवणे उन साढ़े 11 हज़ार सफ़ाई साथियों में से एक हैं, जिन्हें यूएनडीपी की उत्थान परियोजना ने सामाजिक सुरक्षा से युक्त जीवन की एक नई राह दिखाई. 

 

47 वर्षीय सेल्वन उन 303 श्रीलंकाई प्रवासी में से एक थे, जिन्हें तस्करों ने 28 दिनों के लिए समुद्र के बीच छोड़ दिया था.
© IOM/Anushma Shrestha

28 दिनों तक समुद्र में भटकते, श्रीलंकाई प्रवासियों की दर्द भरी दास्तान

विदेशों में बेहतर जीवन पाने की चाह में, मानव तस्करों पर अपनी जीवन भर की कमाई लुटाकर, ख़तरनाक व असफल समुद्री यात्राओं पर जाने वाले श्रीलंकाई प्रवासीअब संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसीIOM की मदद से घर लौट आए हैं.

ग़ाज़ा में युद्ध के कारण विस्थापित लोग, एक खाद्य वितरण केन्द्र में, भोजन सामग्री प्राप्त करते हुए.
© UNRWA/Ashraf Amra

ग़ाज़ा युद्ध में, हर घंटा दो माताओं की मौत, UN Women

संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था – UN Women द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग़ाज़ा में युद्ध में मारे गए लोगों में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएँ और बच्चे हैं. इसका मतलब है कि लगभग 100 दिन पहले शुरू हुए इस युद्ध में प्रतिघंटा औसतन दो माताओं की मौत हो रही है.

जैफ़्री ऐपस्टीन पर महिलाओं व नाबालिग लड़कियों के विरुद्ध अनेक अपराधों को अंजाम दिए जाने के आरोप हैं.
Unsplash/Priscilla du Preez

क़ानून की पहुँच से कोई भी व्यक्ति दूर नहीं होना चाहिए, यूएन विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अमेरिका में पूर्व वित्त प्रबन्धक जैफ़्री ऐपस्टीन द्वारा किशोरियों के यौन शोषण मामले में अदालत में एक हज़ार से अधिक दस्तावेज़ों को सार्वजनिक किए जाने की पृष्ठभूमि में कहा है कि कोई भी व्यक्ति क़ानून से ऊपर नहीं है.

अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन में सुधार आने का आर्थिक लाभ भी हुआ है.
© Unsplash/Lisanto

अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन में उछाल, 2024 में महामारी से पूर्व के स्तर को पार करने का अनुमान

विश्व पर्यटन संगठन (WTO) के अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन में वर्ष 2023 के दौरान उछाल दर्ज किया गया और 2024 के अन्त तक इसके पूर्ण रूप से, वैश्विक महामारी से पहले, 2019 के स्तर पर पहुँचने की सम्भावना है.

श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो के नज़दीक स्थित एक बाज़ार में आम लोग ख़रीदारी कर रहे हैं.
© Unsplash/Eddy Billard

श्रीलंका: आतंकवाद-निरोधक बिल पर पुनर्विचार किए जाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने श्रीलंका की संसद में पेश किए गए संशोधित आतंकवाद-निरोधक बिल पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि इस प्रस्तावित क़ानून से, अतीत में हुए मानवाधिकार उल्लंघन मामलों के रुझान आगे भी जारी रहने का जोखिम है.

ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में अल-शिफ़ा अस्पताल में कुछ शिशु. वहाँ बहुत से बच्चे मौत के जोखिम का भी सामना कर रहे हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा संकट: भीषण क़िल्लत के बीच, बच्चों का जन्म 'नरक जैसे’ हालात में

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में, इसराइल के साथ युद्ध के कारण, शिशुओं को "नरक जैसे हालात में जन्म दिया जा रहा है" और ग़ाज़ा पट्टी में गम्भीर होती स्थितियों के परिणामस्वरूप, बहुत से अन्य बच्चे व लोग, मौत के जोखिम का सामना कर रहे हैं.