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G-77 और चीन से, वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार के लिए, सक्रियता बढ़ाने का आग्रह

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, युगांडा की राजधानी कम्पाला में, जी77 की शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए (जनवरी 2024).
UN/Monicah Aturinda Kyeyune
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, युगांडा की राजधानी कम्पाला में, जी77 की शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए (जनवरी 2024).

G-77 और चीन से, वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार के लिए, सक्रियता बढ़ाने का आग्रह

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने युगांडा की राजधानी कम्पाला में रविवार को शुरू हुए जी-77 समूह और चीन के तीसरे शिखर सम्मेलन में कहा है कि विकासशील देशों को पुराने अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों और ढाँचे में सुधार के प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए.

यूएन महासचिव ने कहा कि 130 से अधिक देश इस समूह के सदस्य हैं जोकि वैश्विक दक्षिण का सबसे बड़ा समूह है और ग्रह की 80 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.

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उन्होंने कहा कि इन देशों की एकजुटता और साझेदारी सभी के लिए एक स्थाई, शान्तिपूर्ण व न्यायपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए आवश्यक है.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “आइए हम इसका सामना करें: जो देश वर्तमान वैश्विक शासन प्रणाली से सबसे अधिक लाभान्वित होते हैं, उनके सुधार का नेतृत्व करने की सम्भावना नहीं है. इसलिए, बदलाव की गति आपसे ही शुरू होनी चाहिए.''

"मैं आपसे इन प्रयासों को आगे बढ़ाते रहने का आग्रह करता हूँ."

प्रतिबद्धताएँ अब भी क़ायम हैं

यूएन महासचिव ने आज दुनिया के सामने दरपेश अनेक चुनौतियों को रेखांकित किया, जिसमें 2030 की समय सीमा तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के साथ-साथ, कोविड​​-19 महामारी के बाद की दुनिया में आर्थिक पुनर्बहाली, मानवाधिकारों के लिए सम्मान और जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करना शामिल हैं.

उन्होंने कहा, “वैसे तो दक्षिण-दक्षिण सहयोग मज़बूत व सघन हो रहा है, फिर भी यह निर्धनता और असमानता को कम करने, विकास का समर्थन करने और विकासशील देशों में लचीलापन बनाने के लिए निरंतर जुड़ाव के लिए, वैश्विक उत्तर की प्रतिबद्धताओं के सम्मान की आवश्यकता को प्रतिस्थापित नहीं करता है.”

इसके अलावा, सूडान, यूक्रेन, मध्य पूर्व और उनसे अन्यत्र क्षेत्रों में युद्धों ने ज़िन्दगियाँ तबाह कर दी हैं, बड़े पैमाने पर आबादी का विस्थापन किया है, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित की है और पूरे क्षेत्र को आग में झोंक देने का जोखिम उत्पन्न कर दिया है. “शान्ति "वैश्विक दंडमुक्ति के माहौल के बीच बिखर रही है".

मध्य पूर्व में विस्फोटक स्थिति

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भारी तबाही के बीच रफ़ाह में एक घर के मलबे में बैठी एक 11 वर्षीय बच्ची.
© UNICEF/Eyad El Baba

महासचिव ने फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में युद्ध की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए चेतावनी दी कि "मध्य पूर्व एक विस्फोटक बक्सा बन गया है" और उन्होंने युद्ध को पूरे क्षेत्र में फैलने से रोकने के लिए कार्रवाई का आग्रह किया. 

उन्होंने एक बार फिर तत्काल मानवीय युद्धविराम, मानवीय सहायता तक पहुँच और सभी बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.

उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने शनिवार को, गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के शिखर सम्मेलन में कहा था, इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के लिए दो-देश समाधान को स्वीकार करने से बार-बार इनकार करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है."

“फ़लस्तीनी लोगों को अपने देश के अधिकार से वंचित करने से युद्ध अनिश्चित काल तक लम्बा खिंचेगा जो वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा ख़तरा बन गया है. इस युद्ध ध्रुवीकरण को बढ़ागा और हर जगह चरमपंथियों का हौसला बढ़ाएगा.”

पुरानी हो चुकी अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि हमारी अशान्त दुनिया को ठीक करने के लिए प्रभावी वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है, क्योंकि यह ऐसे समय में स्थापित की गई थी जब कई जी -77 देश उपनिवेश थे. "वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय प्रणाली पुरानी, ​​समय से बाहर और सन्तुलन से बाहर है"

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का आहवान करते हुए कहा कि यह भूराजनैतिक विभाजनों के कारण पंगु है जबकि इसकी संरचना आज की दुनिया की वास्तविकता को प्रतिबिम्बित नहीं करती है. इसी प्रकार, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में भी सुधार किया जाना चाहिए.

आशा की मौजूदगी

उन्होंने 2023 के एसडीजी शिखर सम्मेलन और इसकी मज़बूत राजनैतिक घोषणा की ओर इशारा करते हुए कहा, "फिर भी, इस सारी निराशा के बीच, आशा है," और सितम्बर 2024 में होने वाला ‘भविष्य का शिखर सम्मेलन’ उस सफलता को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा.

“यह देशों के लिए एसडीजी प्राप्ति के लिए परिस्थितियाँ बनाने का एक मौक़ा है. नई चुनौतियों से निपटने के लिए रूपरेखाओं पर आम सहमति बनाना. और हम सभी के लिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण करना है,''

उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय बनावट में गहन सुधारों पर भी विचार करेगा.

एंतोनियो गुटेरेश ने जी-77 से जलवायु आपदा के ख़िलाफ़ एकजुट होने का आहवान करते हुए, आग्रह किया कि "जलवायु न्याय के लिए विकसित देशों को ज़िम्मेदार ठहराया जाए, और जीवाश्म ईंधन के चरणबद्ध समापन व नवीकरणीय ऊर्जा में बड़े पैमाने पर निवेश के आधार पर एक न्यायसंगत और उचित परिवर्तन का नेतृत्व किया जाए."

इसके अतिरिक्त, सभी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाना चाहिए, जिनमें सालाना 100 अरब डॉलर की रक़म के योगददान के वादे को पूरा किए जाने पर स्पष्टीकरण और 2025 तक दोहरा अनुकूलन वित्त शामिल है. 

जबकि ‘हानि और क्षति’ कोष आगे की तरफ़ एक क़दम है, "हमें ऐसे सभी सार्थक योगदान के लिए आहवान करना चाहिए जिसकी अभी तक घोषणा नहीं की गई है.”