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साक्षात्कार

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टिकाऊ विकास पर प्रगति मापने में मदद करेगा नया इंडेक्स

भारत में नीति आयोग ने सोमवार को टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में हो रही प्रगति को आंकने के लिए एक इंडेक्स का दूसरा संस्करण जारी किया जिसे 'एसडीजी इंडिया इंडेक्स' का नाम दिया गया है.

इस इंडेक्स और एक नए डैशबोर्ड की मदद ऑंकड़ों को आसानी से हासिल करने के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन का तुलनात्मक अध्ययन भी  किया जा सकता है.

दिल्ली में अंशु शर्मा ने इस विषय में ज़्यादा जानकारी के लिए नीति आयोग में सलाहकार संयुक्ता समादार से बात की और सबसे पहले पूछा कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स की ख़ास बात क्या है. 

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UN India

कृषि के लिए ज़रूरी है जैवविविधता का संरक्षण

हमारा भोजन और कृषि प्रणाली आसपास मौजूद पौधों, पशुओं और सूक्ष्म जीवों पर निर्भर है. जैवविविधता –आनुवंशिक या प्रजातीय – हर स्तर पर किसानों,पशुपालकों और मछुआरों की भोजन उत्पादन की क्षमता बढ़ाती है.

इससे प्राकृतिक आपदा के झटकों और तनावों के प्रति सहनशीलता तो बढ़ती ही है, साथ ही उत्पादन प्रणालियों को सभी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती है.

इसलिए टिकाऊ ढंग से उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों में जैवविविधता को एक महत्वपूर्ण संसाधन माना जा सकता है, जो टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा को पूरा करने के प्रयासों के लिए भी महत्वपूर्ण है.

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प्लास्टिक कचरे का बढ़ता ख़तरा

समुद्र में प्लास्टिक कचरे की बढ़ती मात्रा ने हाल के वर्षों में गंभीर रूप धारण कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संस्था (UNEP) के मुताबिक़ समुद्र में प्रवेश करने वाला आधे से अधिक प्लास्टिक कचरा महज़ पॉंच देशों से आता है जिसमें से चार दक्षिण-पूर्वी एशिया से हैं.

यूएन संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में पैकेजिंग को लेकर कोई समग्र दृष्टिकोण या नीतियां नहीं हैं जिससे ये समस्या बढ़ती जा रही है.

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UNIC India/kuttapan Manoharan

इंटरव्यू: पर्वतों की उपयोगिता व सादगी

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संस्था - UNEP ने भारत में पर्यावरण कार्यकर्ता और मैगसेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक के साथ मिलकर 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर #Ilivesimply अभियान शुरू किया है.

इस अभियान के तहत एक website के ज़रिए लोग सतत जीवनशैली का संकल्प लेकर जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेंगे.

इसका नारा महात्मा गांधी के वक्तव्य से लिया गया है - Live simply so that others can simply live. 

इस अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने बात की - भारत में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के प्रतिनिधि अतुल बगाई से.

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बढ़ती असमानता से मानव विकास पर मंडराता ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार दुनिया ने ग़रीबी, भुखमरी और बीमारियों के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त प्रगति की है लेकिन अब शिक्षा, तकनीक और जलवायु परिवर्तन के मोर्चों पर नए प्रकार की असमानताएं पैदा हो रही हैं.

रिपोर्ट बताती है कि इन नई असमानताओं को हल करने के लिए समाजों को रवैया बदलना होगा लेकिन अगर इन्हें समय पर नियंत्रित नहीं किया गया तो समाजों को हिला कर रख देने वाला एक ऐसा विरोध जन्म लेगा जिसे औद्योगिक क्रांति के बाद से नहीं देखा गया है.

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UN India

एड्स के ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम है मरीज़ों को सशक्त बनाना

हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है.

इस वर्ष इस अवसर पर यूएनएड्स ने एक रिपोर्ट जारी की है – ‘पॉवर टू द पीपुल’ यानी लोगों को सशक्त बनाना.

एचआईवी - एड्स के ख़िलाफ़ लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की अगुवाई कर रहे यूएनएड्स कार्यक्रम ने कहा है कि एचआईवी से संक्रमित लोगों को जब उनकी ख़ुद की देखभाल करने के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी करने का मौक़ा मिलता है तो संक्रमण के नए मामले कम होते हैं और ऐसी स्थिति में ज़्यादा संख्या में संक्रमित लोगों को इलाज की सुविधा हासिल होती है.

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UN India

टिकाऊ कृषि के लिए अहम है सांख्यिकी

टिकाऊ कृषि विकास और सतत खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए अच्छे निर्णयों का लिया जाना बहुत ज़रूरी हैं लेकिन कृषि संबंधित फ़ैसलों के लिए प्रामाणिक आंकड़े होना भी आवश्यक है.

ज़रूरी डैटा के अभाव का परिणाम अक्सर उत्पादकता में गिरावट, कृषि आय में कमी, भुखमरी और ग़रीबी के रूप में देखने को मिलता है.

इसी समस्या के समाधान पर चर्चा के लिए 18 से 21 नवंबर 2019 तक भारत की राजधानी दिल्ली में कृषि सांख्यिकी पर आठवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICAS-VIII) आयोजित किया गया.

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Dr. Rajesh Bhatia

एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध से मानव स्वास्थ्य को बड़ा ख़तरा

कई तरह के संक्रमणों से लोगों, जानवरों और पौधों की रक्षा करने में एंटी-माइक्रोबियल अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनका दुरुपयोग और हद से ज़्यादा इस्तेमाल उनके बेअसर होने की वजह भी बन सकता है.

पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां रोगाणुओं ने इन जीवनरक्षक दवाओं के विरुद्ध प्रतिरोध विकसित कर लिया और मरीज़ों पर दवाओं का असर होना बंद हो गया.

इसी एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 18 से 24 नवम्बर तक 'विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह' मनाया जाता है. 

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UN Women/Arachika Kapoor

'ऑरेंज द वर्ल्ड' - महिलाओं के प्रति हिंसा का अंत करने की मुहिम

संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था (UN Women), भारत सरकार के गृह मंत्रालय और साझेदारों ने मिलकर शुक्रवार को भारत की राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुर मैट्रो स्टेशन पर एक मैट्रो ट्रेन हरी झंडी दिखाकर रवाना की.

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए एकजुट होने के अभियान के तहत इस मैट्रो को नारंगी रंग के पोस्टरों से सजाया गया है.

'ऑरेंज द वर्ल्ड' मुहिम महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के उन्मूलन के अंतरराष्ट्रीय दिवस से शुरू होने वाले वैश्विक अभियान का हिस्सा है. ये दिवस 25 नवंबर को मनाया जाता है.

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UN India

भारत में 'छह प्रतिशत बच्चों को ही मिल रहा है पर्याप्त आहार'

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) और भारत सरकार ने पहले व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (CNNS) के नतीजे जारी किए हैं, जिनके अनुसार भारत में बाल कुपोषण कम करने में थोड़ी प्रगति तो हुई है, लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार देखने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. 

यूनीसेफ़ में बाल विकास और पोषण विशेषज्ञ डॉक्टर गायत्री सिंह का कहना है कि बच्चों में कुपोषण के लिए ख़राब आर्थिक हालात के अलावा अन्य कारण भी ज़िम्मेदार हैं और महज़ छह फ़ीसदी बच्चों को ही पर्याप्त आहार मिल पा रहा है.

ऐसी स्थिति में सेहतमंद आहार सुनिश्चित करने में बच्चों के अभिभावकों की भी अहम भूमिका है.  

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