टिकाऊ कृषि के लिए अहम है सांख्यिकी
टिकाऊ कृषि विकास और सतत खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए अच्छे निर्णयों का लिया जाना बहुत ज़रूरी हैं लेकिन कृषि संबंधित फ़ैसलों के लिए प्रामाणिक आंकड़े होना भी आवश्यक है.
ज़रूरी डैटा के अभाव का परिणाम अक्सर उत्पादकता में गिरावट, कृषि आय में कमी, भुखमरी और ग़रीबी के रूप में देखने को मिलता है.
इसी समस्या के समाधान पर चर्चा के लिए 18 से 21 नवंबर 2019 तक भारत की राजधानी दिल्ली में कृषि सांख्यिकी पर आठवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (ICAS-VIII) आयोजित किया गया.
यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि एजेंसी, विश्व बैंक, अमेरिकी कृषि विभाग और अन्य अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसियों द्वारा प्रायोजित सम्मेलनों की एक श्रृंखला है.
सांख्यिकी का कृषि में क्या महत्व है,यही जानने के लिए हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने भारत में खाद्य एवं कृषि संस्थान में सलाहकार डॉक्टर मुकेश श्रीवास्तव से बात की.