कृषि के लिए ज़रूरी है जैवविविधता का संरक्षण
हमारा भोजन और कृषि प्रणाली आसपास मौजूद पौधों, पशुओं और सूक्ष्म जीवों पर निर्भर है. जैवविविधता –आनुवंशिक या प्रजातीय – हर स्तर पर किसानों,पशुपालकों और मछुआरों की भोजन उत्पादन की क्षमता बढ़ाती है.
इससे प्राकृतिक आपदा के झटकों और तनावों के प्रति सहनशीलता तो बढ़ती ही है, साथ ही उत्पादन प्रणालियों को सभी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती है.
इसलिए टिकाऊ ढंग से उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों में जैवविविधता को एक महत्वपूर्ण संसाधन माना जा सकता है, जो टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा को पूरा करने के प्रयासों के लिए भी महत्वपूर्ण है.
हाल ही में यूएन के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ़एओ) ने भारत की राजधानी दिल्ली में कृषि जैवविविधता पर एक वर्कशॉप आयोजित की.
कृषि में जैवविविधता के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने एफ़एओ की राष्ट्रीय सलाहकार शालिनी भूटानी से बात की और उनसे पूछा कि जैवविविधता के क्या मायने हैं.