वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

साक्षात्कार

© UNFPA India/Arvind Jodha

महामारी के दौरान रोके गए 25 बाल-विवाह

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष-यूनीसेफ़ भारत में कोविड-19 महामारी से बचने के लिये मार्च 2020 में लागू हुई तालाबन्दी के बाद बिहार राज्य में 25 बाल विवाह रोकने में सफल रहा है. ये सभी बाल विवाह, मुसाहर (चूहे खाने वाले दलित समुदाय) जैसे महादलित समुदायों में होने वाले थे. यूनीसेफ़ के कार्यकर्ताओं व शिक्षकों द्वारा मुस्तैदी से समय पर सूचना मिलने की बदौलत, ये बाल विवाह रोके गए.

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Nidhi Pant

कृषि में विज्ञान: महिला किसानों को लाभ

भारत का 80 फ़ीसदी कृषक समुदाय छोटे किसानों का है जिन पर जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर पड़ने की आशंका है.

एक अनुमान के मुताबिक, कटाई के बाद फ़सलों के ख़राब होने से दैनिक आधार पर उन्हें लगभग 1 करोड़ 94 लाख डॉलर मूल्य की फ़सलों का रोज़ाना नुकसान होता है. इसका कारण भण्डारण के लिए बुनियादी ढाँचे और अच्छी कृषि तकनीक़ों की कमी, सीमित बाज़ार और अपर्याप्त इन्तज़ाम हैं. 

इस समस्या के समाधान के लिये सायंस फ़ॉर सोसाइटी यानी S4S टैक्नॉलॉजी ने छोटे किसानों के फलों और सब्ज़ियों की प्रोसेसिंग यानी प्रसंसकरण के लिए ‘सोलर कंडक्शन ड्रायर्स’ (एससीडी) का सहारा लिया है.

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UN India/Archana Soreng

पारम्परिक ज्ञान में छिपा है जलवायु संकट का समाधान

भारत में ओडिषा राज्य की अर्चना सोरेंग दुनिया भर से चुने गए उन सात युवाओं में शामिल हैं जिन्हें महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के पर्यावरण पर युवा सलाहकारों के समूह के लिये चुना गया है.

खड़िया जनजाति की अर्चना सोरेंग, ओडिषा के सुन्दरगढ़ ज़िले की रहने वाली हैं और वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से रेग्युलेट्री गवर्नेंस में मास्टर्स ऑफ़ आर्ट्स की पढ़ाई के बाद, राज्य में अनुसन्धान अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं.

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ILO India

बाल मज़दूरी के ख़िलाफ़ सन्धि पर सार्वभौमिक मोहर

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन यानि आईएलओ  के सभी 187 सदस्य देशों ने दासता, देह व्यापार और तस्करी सहित बाल मज़दूरी के अन्य ख़राब रूपों से बच्चों की रक्षा करने वाली सन्धि की सार्वभौमिक पुष्टि कर दी है.

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