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पारम्परिक ज्ञान में छिपा है जलवायु संकट का समाधान

पारम्परिक ज्ञान में छिपा है जलवायु संकट का समाधान

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भारत में ओडिषा राज्य की अर्चना सोरेंग दुनिया भर से चुने गए उन सात युवाओं में शामिल हैं जिन्हें महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के पर्यावरण पर युवा सलाहकारों के समूह के लिये चुना गया है.

खड़िया जनजाति की अर्चना सोरेंग, ओडिषा के सुन्दरगढ़ ज़िले की रहने वाली हैं और वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई से रेग्युलेट्री गवर्नेंस में मास्टर्स ऑफ़ आर्ट्स की पढ़ाई के बाद, राज्य में अनुसन्धान अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं.

अर्चना सोरेंग, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर विभिन्न युवा संगठनों के साथ काम करते हुए, आदिवासी समुदायों के पारम्परिक ज्ञान और प्रथाओं को संरक्षित करके, उन्हें बढ़ावा देने में सक्रियता से हिस्सा लेती रही हैं.

यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने, पर्यावरण पर युवा सलाहकारों के समूह में शामिल होने पर, अर्चना सोरेंग के साथ एक ख़ास बातचीत में, जलवायु परिवर्तन से जुड़े मु्ददों पर उनकी राय जानने का  प्रयास किया...

अवधि
12'12"
Photo Credit
UN India/Archana Soreng