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साक्षात्कार

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एसडीजी: ग़रीब शहरी प्रवासियों की समस्याओं को समझना होगा

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक़ भारत में 31 फ़ीसदी यानी लगभग 40 करोड़ लोग शहरों में रहते हैं. ये आबादी 2030 तक बढ़कर 41 फ़ीसदी होने का अनुमान है. शहरों को ‘इंजन ऑफ़ ग्रोथ’ या आर्थिक विकास का इंजन भी कहा जाता है.

गॉंवों से लोग रोज़गार व बेहतर जीवन की तलाश में शहरों का रुख़ करते हैं और पिछले कुछ सालों में जलवायु परिवर्तन भी पलायन की वजह बनकर उभरा है.

लेकिन ग़रीबी दूर करने की तलाश में आए लोग शहरों के अविकसित बाहरी इलाक़ों या झुग्गी-झोपड़ियों में बिना सुविधाओं के संवेदनशील हालात में रहने के लिए मजबूर हो जाते हैं.

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कोस्टा रीका के उदाहरण से सीख सकते हैं अन्य देश

कोस्टा रीका अपेक्षाकृत एक छोटा देश होने के बावजूद जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. देश में बिजली उत्पादन का 95 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सा कार्बन उत्सर्जन से मुक्त है और 52 प्रतिशत इलाक़ा वनों से ढंका हुआ है. 

स्पेन के मैड्रिड में हुए कॉप-25 जलवायु सम्मेलन के आकलन और कार्बन न्यूट्रैलिटी (नैट कार्बन उत्सर्जन स्थिति) के भविष्य पर बातचीत के लिए सोमवार, 20 जनवरी को भारत की राजधानी नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय मुख्यालय में एक चर्चा आयोजित की गई.

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वैश्विक तापमान बढ़ने के व्यापक दुष्परिणाम

विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने पुष्टि की है कि वर्ष 2019 रिकॉर्ड पर अब तक का दूसरा सबसे ज़्यादा गर्म साल साबित हुआ है. यूएन एजेंसी के अनुमान के मुताबिक़ वर्ष 2019 में वार्षिक वैश्विक वृद्धि 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई.  

इससे पहले 2016 ही साल 2019 से ज़्यादा गर्म दर्ज किया गया था.  1980 के बाद से हर दशक उससे पहले के दशक की तुलना में ज़्यादा गर्म दर्ज किया गया है.

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तेज़ आर्थिक विकास से मिलेगा टिकाऊ विकास लक्ष्यों को सहारा

संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा विश्व आर्थिक स्थिति व संभावनाओं पर वर्ष 2020 की रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में लंबे समय से व्यापार विवादों के प्रभावों के कारण पिछले एक दशक में सबसे कम वृद्धि हुई.  वर्ष 2019 में आर्थिक वृद्धि की दर 2.3 प्रतिशत दर्ज की गई.

रिपोर्ट के अनुसार जलवायु संकट, दुनिया भर में लगातार जारी गंभीर विषमताएँ, खाद्य असुरक्षा के बढ़ते स्तर और कुपोषण जैसी स्थितियाँ बहुत से समाजों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही हैं जिनके कारण असंतोष भी बढ़ रहा है.

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