वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

अफ़ग़ानिस्तान

यूनीसेफ़ के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2022 के दौरान, बारूदी सुरंग फटने से 700 बच्चे या तो अपंग हो गए या उनकी मौत हो गई. (फ़ाइल फ़ोटो).
© UNICEF/Sayed Bidell

अफ़ग़ानिस्तान: बारूदी सुरंगों के दो विस्फोटों में 10 बच्चों की मौत, बाढ़ से भी तबाही

अफ़ग़ानिस्तान में दो अलग-अलग स्थानों पर, बारूदी सुरंगों में हुए विस्फोटों में, कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई है या वो अपंग हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने, इन बच्चों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

अफ़ग़ानिस्तान की एक महिला माहपेकई सिद्दीक़ी, एक बारूदी सुरंग की चपेट में आने के कारण, अपने दोनों पैर गँवा चुकी थीं, मगर उन्होंने हिम्म्त नहीं हारी.
UN News

अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध के बारूदी निशान

अफ़ग़ानिस्तान में दशकों तक चले युद्ध के कारण, अब भी जगह-जगह गोला-बारूद बिखरे पड़े हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना होने का डर बना रहता है. अनफटी बारूदी सामग्री की चपेट में आकर अपने पैर खो दोने वाली एक महिला की आपबीती, जिसने कामयाबी का नया रास्ता बनाया. (वीडियो)

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के बाहरी इलाक़े में, खेतों पर काम करते हुए महिलाएँ. (फ़ाइल)
UNAMA/Fardin Waezi

#CSW68 'अफ़ग़ान महिलाओं पर पाबन्दी, इस्लामी सिद्धान्तों के ख़िलाफ़'

अफ़ग़ानिस्तान की कई पूर्व महिला हस्तियों ने, देश में महिलाओं की स्थिति पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने यूएन मुख्यालय में, महिलाओं की स्थिति पर आयोग के 68वें सत्र के बीच कहा कि तालेबान "इस्लाम के नाम पर" युवा महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर रहा है, जबकि वास्तव में, यह “इस्लामी सिद्धांतों के विपरीत है.” (वीडियो)

अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के शासन के दौरान, महिलाओं व लड़कियों को, व्यापक पाबन्दियों का निशाना बनाया गया है.
© WFP/Mohammad Hasib Hazinyar

अफ़ग़ानिस्तान: तालेबान के कृत्यों से लोगों को गहन पीड़ा

अफग़ानिस्तान में ढाई साल से, मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति ऐसी पीड़ा का कारण बन रही है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस गिरावट को रोकने और अफ़गान लोगों में उम्मीद जगाने के लिए, तालेबान और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई गई है.

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल का एक दृश्य.
© Unsplash/Mohammad Husaini

अफ़ग़ानिस्तान: सरेआम ‘क्रूर, अमानवीय’ मृत्युदंड की घटनाओं पर गहरा क्षोभ

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने अफ़ग़ानिस्तान में पिछले सप्ताह, स्टेडियम में लोगों को सरेआम मौत की सज़ा दिए जाने की घटनाओं पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है, और ऐसी सज़ा दिए जाने पर तुरन्त विराम लगाने की अपील की है.

अफ़ग़ानिस्तान में विस्थापितों के लिए बनाए गए एक शिविर में एक बच्ची.
© UNOCHA/Christophe Verhellen

लैंगिक रंगभेद को, मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के साथ भेदभाव व उत्पीड़न समेत अन्य चुनौतियों के मद्देनज़र, लैंगिक रंगभेद (gender apartheid) को मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखे जाने की ज़रूरत है. इस क्रम में, उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं व लड़कियों की स्थिति और उनके मानवाधिकारों के लिए उपजे संकट का विशेष रूप से उल्लेख किया है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, क़तर की राजधानी दोहा में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे हैं.
United Nations/Khava Mukhieva

हम सभी अफ़ग़ानिस्तान में शान्ति चाहते हैं – यूएन प्रमुख, दोहा बैठक में

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान प्रशासन द्वारा महिलाओं व लड़कियों पर थोपी गई पाबन्दियों को जल्द से जल्द हटाए जाने की ज़रूरत है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, क़तर में वर्ष 2023 के दोहा फ़ोरम में अपनी बात कहते हुए. (फ़ाइल फ़ोटो)
UN/Florencia Soto Nino-Martinez

अफ़ग़ानिस्तान पर अन्तरराष्ट्रीय सक्रियता के बारे में दोहा सम्मेलन

अफ़ग़ानिस्तान के बारे में, अधिक ठोस, निरन्तर, समन्वित और ढाँचागत रूप में, अन्तरराष्ट्रीय सक्रियता बढ़ाने के तरीक़ों पर विचार करने के लिए, रविवार और सोमवार को, क़तर की राजधानी दोहा में एक विशेष सम्मेलन हुआ है.

यूएन की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में महिलाएँ अपनी गिरफ़्तारी के डर का सामना कर रही हैं.
UNAMA

अफ़ग़ानिस्तान में महिला अधिकारों के लिए, निरन्तर बिगड़ती स्थिति

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान की किसी नए आदेश की घोषणा के साथ ही, महिलाओं के लिए गिरफ़्तारी, उत्पीड़न और दंड का जोखिम भी बढ़ जाता है.

बड़ी संख्या में अफ़ग़ान शरणार्थी, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में तोरख़ाम सीमा के ज़रिये वापिस लौट रहे हैं.
Mehrab Afridi

पाकिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान लौटने वाले लोगों की खाद्य मदद के लिए धनराशि

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने संयुक्त राष्ट्र के केन्द्रीय आपात सहायता कार्रवाई कोष से, 38 लाख डॉलर की राशि के योगदान का स्वागत किया है, जिसके ज़रिये पाकिस्तान से मजबूरन अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौटने वाले लोगों की मदद की जाएगी.