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ICJ में इसराइल का पक्ष, ग़ाज़ा में हमास के ख़िलाफ़ युद्ध आत्मरक्षा की कार्रवाई

दक्षिण अफ़्रीका बनाम इसराइल मुक़दमे की दूसरे दिन की सुनवाई (12 जनवरी 2024).
ICJ-CIJ/ Frank van Beek
दक्षिण अफ़्रीका बनाम इसराइल मुक़दमे की दूसरे दिन की सुनवाई (12 जनवरी 2024).

ICJ में इसराइल का पक्ष, ग़ाज़ा में हमास के ख़िलाफ़ युद्ध आत्मरक्षा की कार्रवाई

शान्ति और सुरक्षा

इसराइल ने उस पर दक्षिण अफ़्रीका द्वारा फ़लस्तीनी लोगों के विरुद्ध जनसंहारक इरादे के आरोपों का, शुक्रवार को अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में ज़ोरदार खंडन किया है. इसराइल ने इस मुक़दमे की सुनवाई के दूसरे दिन शुक्रवार को कहा कि वो ग़ाज़ा में "एक ऐसे युद्ध में शामिल है जो उसने शुरू नहीं किया और वो यह युद्ध नहीं चाहता".

इसराइल की क़ानूनी टीम ने, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में प्रारम्भिक सुनवाई के दूसरे और अन्तिम दिन शुक्रवार को ज़ोर देकर कहा कि दोहरा सैन्य उद्देश्य, हमास चरमपंथियों द्वारा उत्पन्न अस्तित्व के ख़तरे को ख़त्म करना और अब भी बन्धक बनाकर रखे गए लगभग 136 लोगों को मुक्त कराना है.

इसराइल की क़ानूनी टीम के एक सदस्य ताल बैकर ने विश्व न्यायालय में कहा कि 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादी हमलों के बाद, "इसराइल हमास के ख़िलाफ़ रक्षा-युद्ध में संलिप्त है, ना कि फ़लस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़".

ताल बैकर ने कहा कि सभी युद्धों की तरह, इस युद्ध में भी "दुखद" और "हृदयविदारक" नागरिक पीड़ा हुई है.

उन्होंने एक इसराइली किसान परिवार के पिता द्वारा भेजा गया अन्तिम पीड़ा भरा संदेश पढ़कर सुनाया, जिनके घर को कथित रूप से हमास लड़ाकों ने आग लगा दी थी और उसी आग में उस किसान को जलाकर मार डाला. सन्देश के अनुसार, कथित हमास चरमपंथियों ने "बच्चों को माता-पिता के सामने और माता-पिता को बच्चों के सामने प्रताड़ित किया".

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आत्मरक्षा का 'दायित्व'

ताल बैकर ने इसराइल को, ग़ाज़ा में अपना युद्ध तुरन्त निलंबित करने का आदेश देने के लिए, जनसंहार निषेध सन्धि के तहत "अनन्तिम उपाय" जारी करने के लिए, अदालत में दाख़िल की गई दक्षिण अफ़्रीका की याचिका को भी ख़ारिज कर दिया.

उन्होंने कहा, "यह इसराइल को अपने नागरिकों, बन्धकों और एक लाख 10 हज़ार से अधिक विस्थापित इसराइलियों की रक्षा के, अपने दायित्वों को पूरा करने की क्षमता से वंचित करने का प्रयास है, जो सुरक्षित रूप से अपने घरों में लौटने में असमर्थ हैं."

इसराइल की प्रस्तुति में उचित आत्मरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से सामने आया.

इसराइली वकील ने ज़ोर देकर कहा कि जब किसी देश पर हमला किया जाता है, तो उसे अपनी और अपने नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार है. उन्होंने साथ ही, हमास और अन्य फ़लस्तीनी चरमपंथियों द्वारा 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप हुए गहरे आघात को रेखांकित किया, जिन्होंने इसराइल के दक्षिणी हिस्से में तबाही मचाई, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए. उनके अलावा लगभग 250 लोगों को बन्दी बनाया गया.

इसराइल की क़ानूनी टीम के एक अन्य सदस्य मैल्कम शॉ ने कहा, "यहाँ कोई जनसंहार का इरादा नहीं है, यह कोई जनसंहार नहीं है." 

उन्होंने कहा कि हमास के अत्याचार जवाबी कार्रवाई में प्रासंगिक क़ानून के उल्लंघन को उचित नहीं ठहराते - जिन्हें जनसंहार से कम कहा गया है - मगर वो किसी देश के अपनी रक्षा करने के वैध और अन्तरनिहित अधिकार के प्रयोग को उचित तो ठहराते हैं, जैसाकि यूएन चार्टर में भी प्रावधान है.

युद्धविराम के लिए ताज़ा पुकार

सम्बन्धित घटनाक्रम में शुक्रवार को, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने ग़ाज़ा में हिंसा को तत्काल समाप्त करने के लिए अपना आहवान दोहराया है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने कहा है, "भयावह पीड़ा और जीवन की हानि को समाप्त करने के लिए, और भूख व बीमारी के चौंकाने वाले स्तर का सामना कर रही आबादी को, मानवीय सहायता के त्वरित और प्रभावी वितरण की अनुमति देने के लिए, युद्धविराम होना चाहिए."

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि ग़ाज़ा में पिछले 14 सप्ताहों के युद्ध में, इसराइल के "विशाल और विनाशकारी सैन्य हमले" में 23 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी लोग मारे गए हैं, जिनमें से लगभग दो-तिहाई महिलाएँ और बच्चे हैं.

कार्यालय के वक्तव्य में यह भी कहा गया कि फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों ने "इसराइल की ओर ताबड़तोड़ रॉकेट" दागना जारी जारी रखा है.

ओएचसीएचआर ने ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े स्थिति को "अस्थिर" बताते हुए कहा कि ग़ाज़ा में नागरिक बुनियादी ढाँचे को भी व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया गया है. जिनमें घर, अस्पताल, स्कूल, बेकरी, प्रार्थना स्थल, जल प्रणालियों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की अपनी सुविधाएँ भी शामिल हैं.”

ग़ाज़ा में लगभग 13 लाख आन्तरिक रूप से विस्थापित लोग, मिस्र की सीमा के क़रीब दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में फँसे हुए हैं.

‘जनसंहार शब्द का सशस्त्रीकरण'

इसराइल की क़ानूनी टीम ने, ग़ाज़ा में युद्ध के बारे में दक्षिण अफ़्रीका के "गम्भीर रूप से विकृत" विवरण को ख़ारिज करते हुए, उस देश की क़ानूनी टीम पर जनसंहार शब्द को "हथियार बनाने" का प्रयास करने का आरोप लगाया. इसक विपरीत, इसराइली क़ानूनी टीम ने ज़ोर देकर कहा कि यह विवरण फ़लस्तीन को से यहूदियों का “सफ़ाया” करने के बारे में हमास की "विनाशवादी भाषा" का बेहतर वर्णन है.

इसराइली टीम ने कहा कि ग़ाज़ा को नियंत्रित करने वाले सशस्त्र समूह (हमास) ने अरबों डॉलर की सहायता को गुमराह किया है और ग़ाज़ा पट्टी को "शहरी युद्ध के इतिहास में शायद सबसे परिष्कृत आतंकवादी गढ़" में तब्दील कर दिया है.

इसराइली क़ानूनी टीम की एक सदस्य गालित रागुआन ने कहा, "शहरी युद्ध का परिणाम सदैव दुखद मौतें, नुक़सान और क्षति के रूप में होता है, मगर ग़ाज़ा में ये अवांछित परिणाम बढ़ गए हैं, क्योंकि ये हमास के वांछित परिणाम हैं."

इसराइली क़ानूनी टीम ने कहा कि इसराइली रक्षा बलों द्वारा खोजे गए "हर एक अस्पताल" में, हमास द्वारा सैन्य उपयोग के सबूत मिले हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अस्पताल के इनक्यूबेटर के अन्दर हथियार छिपे हुए पाए गए थे.

विश्व अदालत को यह भी बताया गया कि इसराइली सेना ने किस तरह "प्रत्येक मामले में आनुपातिक तरीक़े से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अनुसार" सैन्य कर्मियों या उद्देश्यों को लक्षित करके, किसी भी सम्भावित जनसंहार के इरादे के, "सटीक विपरीत" इरादे का प्रदर्शन किया था.

इसराइल की क़ानूनी टीम ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि सैन्य अभियानों के दौरान "नुक़सान को कम करने" और मानवीय गतिविधियों के माध्यम से पीड़ा को कम करने के, इसराइल के प्रयासों पर "अपेक्षाकृत ध्यान नहीं दिया गया".