जनसंहार को रोकना हमेशा की तरह आवश्यक है: वोल्कर टर्क
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा है कि जनसंहार के शुरुआती चेतावनी संकेत मिलने पर, कार्रवाई करने में बिल्कुल भी झिझक नहीं होनी चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा है कि जनसंहार के शुरुआती चेतावनी संकेत मिलने पर, कार्रवाई करने में बिल्कुल भी झिझक नहीं होनी चाहिए.
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने दारफ़ूर क्षेत्र में युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों के आरोपों की जाँच कराए जाने की बात कही है. बताया गया है कि सूडान के अर्द्धसैनिक बल (RSF) और उसके सहयोगी गुट द्वारा कथित रूप से जातीय मसालित समुदाय के 87 सदस्यों की हत्या किए जाने की घटना भी जाँच के दायरे में है.
ये नुकीले जूते, अधूरी उम्मीदों की गवाही दे रहे हैं. ये जूते, दरअसल बोसनिया-हर्ज़ेगोविना के एक युवा बैले नृत्यांगना के हैं, जिनका जीवन बीसवीं सदी के अन्त में मध्य योरोप में भड़के क्रूर संघर्ष ने, हमेशा के लिए बदल दिया. न्यूयॉर्क स्थित, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में, ऐसी ही कुछ मार्मिक निशानियाँ प्रदर्शित की गईं, जिससे लोगों को युद्ध और जनसंहार की भयावहता के प्रति जागरूक किया जा सके.
जनसंहार रोकथाम और संरक्षण की ज़िम्मेदारी के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने, ऑनलाइन माध्यमों पर हेट स्पीच का मुक़ाबला करने पर लक्षित, एक नया नीति-पत्र बुधवार को जारी किया है.
स्रेब्रेनीत्सा जनसंहार को दूसरे विश्व युद्ध के बाद योरोप में सबसे भयावह अत्याचार के रूप में देखा जाता है. वर्ष 1996 में इस जनसंहार में जीवित बच गए लोगों और लापता व्यक्तियों के परिवारों ने ‘द मदर्स ऑफ़ स्रेब्रेनीत्सा एंड ज़ेपा’ समूह की स्थापना की, जोकि अपने परिजनों को खोने वाले छह हज़ार लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. इस संगठन की कुछ सदस्यों ने हाल ही में न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय की यात्रा की.
संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यूएन महासभा में एक नई रिपोर्ट पेश करते हुए, विश्व भर में, मौजूदा हिंसक टकरावों में फँसे अनगिनत आम नागरिकों की रक्षा के दायित्व को पूरा करने और उन पर होने वाले अत्याचारों की रोकथाम करने का आहवान किया है.
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सूडान में चल रहे संघर्ष से, जातीय हिंसा और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों का ख़तरा बढ़ गया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को कहा कि वह बढ़ते जातीय समीकरणों को लेकर बेहद चिन्तित हैं, और दारफ़ूर में बड़े पैमाने पर हिंसा की ख़बरों से स्तब्ध हैं.
इराक़ में आतंकवादी गुट आइसिल (दाएश) द्वारा अंजाम दिए गए अपराधों की जवाबदेही के लिए गठित यूएन जाँच दल (UNITAD) के प्रमुख क्रिस्टियान रिट्सशर ने दोषियों की जवाबदेही तय करने और उन पर मुक़दमा चलाने के लिए सक्षम अदालतों, स्वीकार्य व विश्वसनीय साक्ष्यों और उपयुक्त क़ानूनी फ़्रेमवर्क की अहमियत पर बल दिया है.
रवांडा में युद्धापराधों की जाँच कर रहे संयुक्त राष्ट्र ट्राइब्यूनल ने गुरूवार को कहा है कि दुनिया के सबसे वांछित जनसंहार भगोड़ों में से एक – फ़ुलजेंस काईशेमा को, दो दशक से भी ज़्यादा समय तक फ़रार रहने के बाद, गिरफ़्तार कर लिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि नफ़रत भरी बोली व सन्देश (Hate speech), ख़तरे की एक घंटी है, और यह जितनी ज़ोर से बजती है, जनसंहार का ख़तरा उतना ही प्रबल होता जाता है. उन्होंने 'रवांडा में 1994 में तुत्सी समुदाय के विरुद्ध हुए जनसंहार की स्मृति में, अन्तरराष्ट्रीय चिन्तन दिवस' के सिलसिले में शुक्रवार को, यूएन महासभा में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह चेतावनी दी.