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इसराइल

ग़ाज़ा में यूएन एजेंसियाँ, इसराइल के हवाई हमलों के बावजूद सहायता प्रयास जारी रखे हुए हैं, जिनमें स्कूल खोला जाना भी शामिल है.
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ग़ाज़ा में इसराइल के हवाई हमलों के बावजूद, सहायता प्रयास जारी

संयुक्त राष्ट्र और उसकी सहयोगी मानवीय सहायता एजेंसियाँ, ग़ाज़ा पट्टी में हाल के कथित इसराइली हवाई हमलों के बावजूद, अपने सहायता प्रयासों को तेज़ कर रहे हैं. ख़बरों के अनुसार गुरूवार (30 अक्टूबर) को तथाकथित "पीली रेखा" के पास के इलाक़े में भी, इसराइल के कुछ हमले हुए, जिनमें कुछ लोगों हतातत होने की ख़बरें हैं.

दो साल के भीषण युद्ध में, ग़ाज़ा का अधिकतर हिस्सा, बुरी तरह तबाह हो गया है.
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ग़ाज़ा: युद्धविराम के कमज़ोर होने की ख़बरों के बीच मानवीय सहायता तेज़

ग़ाज़ा में सहायता दल, विशाल आबादी की तत्काल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपना काम तेज़ी से करने की कोशिश कर रहे हैं, जहाँ लाखों लोग अब भी विस्थापित हैं और क्षतिग्रस्त इमारतों व अस्थाई ठिकानों में शरण लिए हुए हैं. वहीं, इसराइली सेना व हमास के बीच फिर से शुरू हुई लड़ाई की ख़बरों से, युद्धविराम के पटरी से उतरने का ख़तरा भी मंडरा रहा है.

उत्तरी ग़ाज़ा में विनाश का मंज़र.
© UNRWA

ग़ाज़ा: इसराइल, चार 'जनसंहारक कृत्यों' को अंजाम देने के लिए ज़िम्मेदार - स्वतंत्र आयोग

क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में तथाकथित मानवाधिकार उल्लंघन मामलों की जाँच कर रहे स्वतंत्र आयोग ने कहा है कि इसराइल ने ग़ाज़ा में ‘चार जनसंहार कृत्यों’ को अंजाम दिया है, जबकि इसराइली नेताओं ने जनसंहार के लिए उकसाने का काम किया है. आयोग प्रमुख ने मंगलवार को यूएन महासभा की समिति के समक्ष अपनी नवीनतम रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए यह जानकारी दी है.

ग़ाज़ा में तमाम अस्पताल बुरी तरह ध्वस्त हुए हैं. तबाही का मलबा हटाने में भी वर्षों का समय लगेगा.
© WHO

ग़ाज़ा युद्धविराम एक 'जीवन रेखा' मगर वहाँ के अस्पताल अब भी जर्जर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में युद्धविराम की नाज़ुक स्थिति के बावजूद, वहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर अवस्था में है, जहाँ लाखों लोग अब भी तत्काल चिकित्सा और मानवीय ज़रूरतों का सामना कर रहे हैं.

ग़ाज़ा में दो वर्ष की भीषण इसराइली बमबारी में, असीम नुक़सान हुआ है.
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ग़ाज़ा युद्धविराम समझौता, शान्ति के लिए दुर्लभ अवसर व रास्ता

मध्य पूर्व के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष उप-समन्वयक रमीज़ अलअकबरोव ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि ग़ाज़ा युद्धविराम व्यापक इसराइल-फ़लस्तीन टकराव के सबसे विनाशकारी चरणों में से एक को समाप्त करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है. यह बैठक ग़ाज़ा में नाज़ुक हालात में युद्धविराम जारी रहने और दो वर्षों के युद्ध में हुई भीषण तबाही के माहौल में बढ़ती मानवीय सहायता ज़रूरतों के बीच हुई है. ग़ाज़ा के कुछ इलाक़ों में भुखमरी और अकाल के हालात हैं.

द हेग स्थित अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई का एक दृश्य.
© ICJ/Wendy van Bree

ICJ: इसराइल, क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में सहायता पहुँचने देने के लिए बाध्य

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने कहा है कि इसराइल को फ़लस्तीनी क्षेत्रों पर "क़ाबिज़ शक्ति" के रूप में अपनी ज़िम्मेदारियों को, यह सुनिश्चित करके निभाना होगा कि फ़लस्तीनी क्षेत्रों में सहायता सामग्री निर्बाध रूप से प्रवाहित हो और क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में सेवाएँ दे रही यूएन व अन्य मानवीय एजेंसियों के अधिकारों का सम्मान किया जाए.

फ़लस्तीन में ज़ैतून की खेतीबाड़ी, आजीविका और विरासत का हिस्सा है.
© Agricultural Development Association – PARC

पश्चिमी तट में ज़ैतून की कटाई के दौरान इसराइली बाशिन्दों की हिंसा में 'तेज़ वृद्धि' पर चिन्ता

यूएन मानवाधिकार कार्यालय - OHCHR ने, इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में ज़ैतून (Olive) की कटाई का अहम मौसम शुरू होते ही, फ़लस्तीनी किसानों के विरुद्ध इसराइली बाशिन्दों और सुरक्षा बलों की हिंसा व प्रतिबन्धों में ख़तरनाक वृद्धि होने की चेतावनी दी है.

ग़ाज़ा में दो वर्षों की भीषण बमबारी में इमारतें 6 करोड़ से भी अधिक मलबे में तब्दील हो गई हैं.
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ग़ाज़ा: यूएन टीमें, 6 करोड़ टन मलबा साफ़ करने और सहायता प्रयासों में सक्रिय

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वह ग़ाज़ा में युद्धविराम की नई प्रतिबद्धताओं से उत्साहित है मगर संगठन ने चेतावनी भी दी है कि हाल के समय में हुई हिंसा से नाज़ुक प्रगति को नुक़सान पहुँचने का ख़तरा है, क्योंकि इस युद्धग्रस्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मलबा हटाने की परियोजना के साथ-साथ, पुनर्वास प्रयास धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ रहे हैं.