ग़ाज़ा में जनसंहार की रोकथाम के लिए, दक्षिण अफ़्रीका के 9 प्रस्तावित उपाय
दक्षिण अफ़्रीका ने, फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में बड़े पैमाने पर आम लोगों की हत्याओं को रोकने के लिए, गुरूवार को संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत – ICJ में, इसराइल पर फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ जनसंहार करने का आरोप लगाया गया है. इसराइल ने इस आरोप को "आधारहीन" बताकर, इसका ज़ोरदार खंडन किया है. दक्षिण अफ़्रीका ने न्यायालय से, इसराइल को, ये नौ प्रावधान तत्काल लागू करने के आदेश दिए जाने पर विचार करने का अनुरोध किया है...
(1) इसराइल देश, फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में और उसके ख़िलाफ़ अपने सैन्य अभियानों को तुरन्त निलम्बित कर देगा.
(2) इसराइल देश यह सुनिश्चित करेगा कि उसके निर्देशन, समर्थन या प्रभाव में काम करने वाली कोई भी सैन्य या अनियमित सशस्त्र इकाइयाँ, और उसके नियंत्रण, निर्देश या प्रभाव के अधीन कोई भी संगठन या व्यक्ति, ऊपर बिन्दु (1) में उल्लिखित सैन्य अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करें.
(3) दक्षिण अफ़्रीका गणराज्य और इसराइल देश, जनसंहार के अपराध की रोकथाम और सज़ा पर कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों के अनुसार, फ़लस्तीनी लोगों के सम्बन्ध में जनसंहार को रोकने के लिए अपनी शक्ति के भीतर सभी उचित उपाय करेंगे.
(4) इसराइल देश, जनसंहार के अपराध की रोकथाम और सज़ा पर कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों के अनुसार, फ़लस्तीनी लोगों को इस कन्वेंशन द्वारा एक संरक्षित समूह मानते हुए, जनसंहार, विशेष रूप से कन्वेंशन के अनुच्छेद-II के दायरे में किसी भी और सभी कृत्यों को करने से बचेगा. इनमें ये गतिविधियाँ या कृत्य प्रमुख हैं:
(ए) समूह के सदस्यों की हत्याएँ करना;
(बी) समूह के सदस्यों को गम्भीर शारीरिक या मानसिक नुक़सान पहुँचाना;
(सी) जानबूझकर समूह पर जीवन की ऐसी स्थितियाँ थोपना जो उसके सम्पूर्ण या आंशिक रूप से भौतिक विनाश के लिए बनाई गई हों; और
(डी) समूह के भीतर बच्चों के जन्मों को रोकने के इरादे से उपाय लागू करना.
(5) इसराइल देश, उपरोक्त बिन्दु (4)(सी) के अनुसार, फ़लस्तीनी जन के सम्बन्ध में, प्रतिबन्धों और/या निषेधों के प्रासंगिक आदेशों को रद्द करने सहित, निम्न लिखित परिस्थितियाँ उत्पन्न होन से रोकने के लिए,अपनी शक्ति के भीतर सभी उपाय करने से बचेगा और उठाएगा:
(ए) लोगों का उनके घरों से निष्कासन और जबरन विस्थापन;
(बी) इनका अभाव होने से रोकना:
(i) पर्याप्त भोजन और पानी तक पहुँच;
(ii) मानवीय सहायता तक पहुँच, जिसमें पर्याप्त ईंधन, आश्रय, कपड़े, स्वच्छता और स्वच्छता तक पहुँच शामिल है;
(iii) चिकित्सा सामग्री और सहायता; और
(सी) ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी जीवन का विनाश.
(6) इसराइल देश फ़लस्तीनी जन के सम्बन्ध में, यह सुनिश्चित करेगा कि उसकी सेना, साथ ही कोई भी अनियमित सशस्त्र इकाइयाँ या व्यक्ति जो इसके द्वारा निर्देशित, समर्थित या अन्यथा प्रभावित हो सकते हैं; और कोई भी संगठन और व्यक्ति जो इसके अधीन हो सकते हैं, वो इसके नियंत्रण, निर्देशन, या प्रभाव, ऊपर (4) और (5) में वर्णित कोई भी कार्य नहीं करें या जनसंहार करने के लिए प्रत्यक्ष और सार्वजनिक रूप से उकसाने, जनसंहार करने की साज़िश, जनसंहार करने का प्रयास, या जनसंहार में संलिप्तता में संलग्न नहीं हों, और अगर वो ऐसी किसी गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो उनके ख़िलाफ़ जनसंहार के अपराध की रोकथाम और सज़ा पर कन्वेंशन के अनुच्छेद I, II, III और IV के अनुसार, कार्रवाई हो और दंडित किए जाने के लिए क़दम उठाए जाएँ.
(7) इसराइल देश विनाश को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करेगा और जनसंहार के अपराध की रोकथाम और दंड पर कन्वेंशन के अनुच्छेद II के दायरे में, कृत्यों के आरोपों से सम्बन्धित साक्ष्य के संरक्षण को सुनिश्चित करेगा; उस हद तक कि, इसराइल, उक्त साक्ष्यों के संरक्षण और प्रतिधारण को सुनिश्चित करने में सहायता करने के लिए तथ्य-खोज मिशनों, अन्तरराष्ट्रीय शासनादेशों और अन्य निकायों द्वारा ग़ाज़ा तक पहुँच हासिल करने से इनकार नहीं करेगा या अन्यथा प्रतिबन्धित करने का कार्य नहीं करेगा.
(8) इसराइल, इस आदेश को प्रभावी करने के लिए किए गए सभी उपायों पर, एक सप्ताह के भीतर, और उसके बाद ऐसे नियमित अन्तराल पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा जैसा कि न्यायालय आदेश देगा, जब तक कि न्यायालय इस मामले पर, अन्तिम निर्णय नहीं दे देता है.
(9) इसराइल, ऐसी किसी भी कार्रवाई कार्रवाई करने से बचेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जाए, जिससे विवाद बढ़ जाए या अदालत के समक्ष विवाद लम्बा खिंच जाए या इसे हल करना अधिक कठिन हो जाए.