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UNEP: शहरों को रिकॉर्ड गर्मी से बचाने हेतु, प्रकृति आधारित समाधानों की ज़रूरत

ताप लहर के दौरान ठंडा रहना बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वयस्कों की तुलना में, उनके शरीर का तापमान नियंत्रित करना कठिन होता है.
© Unsplash/Andrew Seaman
ताप लहर के दौरान ठंडा रहना बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वयस्कों की तुलना में, उनके शरीर का तापमान नियंत्रित करना कठिन होता है.

UNEP: शहरों को रिकॉर्ड गर्मी से बचाने हेतु, प्रकृति आधारित समाधानों की ज़रूरत

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने कहा है कि दुनियाभर में बढ़ती गर्मी व ताप लहरों की स्थिति से निपटने के उपाय प्रकृति में ही मौजूद हैं, और भविष्य में उच्च तापमान से होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए, शहरी प्रशासन को प्राकृतिक समाधानों में निवेश शुरू कर देना चाहिए. 

हाल के सप्ताहों में, दुनिया भर में तापमान बढ़ गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका से लेकर चीन तक, अनेक देशों में, झुलसा देने वाली तापलहर चल रही है.

रोम के कोलोसियम जैसी जगहों पर, पारा रिकॉर्ड 40 डिग्री सैल्सियस तक पहुँच गया, जिससे पर्यटक गर्मी में तप गए. 

मराकेश में तापमान 46.8 डिग्री सैल्सियस के चौंकाने वाले स्तर तक पहुँच गया. 

बीजिंग ने लगातार 28वें दिन, 35 डिग्री सैल्सियस से ऊपर तापमान दर्ज कर, एक चिन्ताजनक कीर्तिमान स्थापित किया. और फ़ीनिक्स में, अमेरिका के अधिकांश दक्षिणी हिस्से में गर्मी का गुबार जमने के कारण, लगभग 50 साल पुराना तापमान का रिकॉर्ड टूट गया.

जैसे-जैसे दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ रहा है, रिकॉर्ड-तोड़ ताप लहरें, और आम होने का अनुमान है, जिससे शहरों में व्यवधान होने की आशंका है, जो अपने पीछे मौतों के निशान छोड़ जाती है. 

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ख़ासतौर पर तापमान वृद्धि के प्रति सम्वेदनशील शहरों में पेड़ लगाकर, जल निकायों को बहाल करके व अन्य प्राकृतिक समाधानों के ज़रिए, ताप लहरों को कुछ सबसे बुरे प्रभावों को रोका जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के उद्योग और अर्थव्यवस्था प्रभाग के उप निदेशक स्टीवन स्टोन ने कहा है, "प्राकृतिक दुनिया में तापमान कम करने के कई टिकाऊ व किफ़ायती तरीक़े मौजूद हैं. कई नगर पालिकाओं को इसका ऐहसास होना शुरू हो गया है, जो जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली तीव्र गर्मी से निपटने दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है."

चेतावनी पर ध्यान देना ज़रूरी

ग्रीस में कोर्फू द्वीप के उत्तर-पूर्वी इलाक़े के जंगलों में आग का कहर.
UN News/Katy Dartford

जलवायु विशेषज्ञ, लम्बे समय से बढ़ते तापमान और मानव स्वास्थ्य के लिए बढ़ते ख़तरों की चेतावनी दे रहे हैं. जलवायु परिवर्तन पर 2022 के अन्तर सरकारी पैनल की रिपोर्ट में अनियंत्रित तापमान वृद्धि का गम्भीर परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है - जिसमें बढ़ती तापलहरें, गर्मी का लम्बा मौसम और ठंड का सिकुड़ता मौसम, आम होते जा रहे हैं.

शहर, जहाँ 55 प्रतिशत मानवता रहती है, विशेष रूप से गर्मी से प्रभावित हो सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहर, आम तौर पर 5°C से 9°C अधिक गर्म होते हैं क्योंकि कंक्रीट की इमारतें और फुटपाथ, सूरज की रोशनी को सोखकर, विकिरणित करते हैं. लोगों, कारों और मशीनरी की सघनता से भी तापमान में वृद्धि होती है.

अगर 2050 तक, मानवता गम्भीरता से जलवायु-परिवर्तनकारी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं घटाती, तो लगभग 1,000 शहरों में गर्मियों में तापमान, औसतन 35˚°C तक पहुँचेगा, जो वर्तमान संख्या से लगभग तीन गुना अधिक है. 

इस उच्च तापमान के सम्पर्क में आने वाली शहरी आबादी 800 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, जो सदी के मध्य तक एक अरब 60 करोड़ तक पहुँचने की अपेक्षा है.

तीव्र गर्मी अक्सर घातक होती है. ‘नेचर मेडिसिन जर्नल’ के एक नए अध्ययन में पाया गया कि केवल योरोप में ही, साल 2022 के दौरान, गर्मी के मौसम में ताप सम्बन्धित बीमारियों से 61 हज़ार से अधिक लोगों की मौतें हुईं, जिनमें से अनेक मौतें शहरों में हुई थीं.

UN-Habitat की प्रमुख वैश्विक ताप अधिकारी एलेनी माइरिविली ने कहा, "उचित जागरूकता, संसाधन उपयोग और जवाबी कार्रवाई से, गर्मी से होने वाली बीमारियों व मौतों को रोका जा सकता है, जिनमें से अनेक कार्रवाइयाँ, शहरी स्तर पर लागू की जा सकती हैं." 

उन्होंने बताया कि शहरों में तीव्र गर्मी की शुरुआती चेतावनी जारी करके व शीतलन केन्द्र खोलकर, गर्मी से जुड़े ख़तरों को कम किया जा सकता है. साथ ही हरित स्थानों और प्रकृति में "मौलिक वृद्धि” की जा सकती है.

प्राकृतिक उपाय

UNEP के आँकड़ों से पता चलता है कि केवल शहर की सड़कों पर पेड़ लगाने से 7 करोड़ 70 लाख लोगों को गर्म दिनों में 1 डिग्री सैल्सियस की राहत मिल सकती है. सामान्य धूप वाले एक दिन में, एकमात्र पेड़ भी कई सौ लीटर पानी सोख सकता है, जिसका प्रभाव 24 घंटे चलने वाले दो घरेलू एयर कंडीशनरों के बराबर होगा.

शहरी वन और बड़े पार्क भी, गर्म हवा को ज़मीनी स्तर से ऊपर उठाकर और ठंडी हवा फैलाकर, अपनी सीमा से लगभग 1 किमी दूर तक शीतलन लाभ प्रदान करते हैं. हरे स्थानों को परस्पर जोड़ने से पवन गलियारे बनते हैं जो स्थानीय तापमान को घटाने में सहायक होते हैं.

इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में झीलों, नहरों, तालाबों और आर्द्रभूमि जैसे जल निकायों को संरक्षित करने से महत्वपूर्ण ठंडक प्राप्त हो सकती है.

ग्रीस की राजधानी एथेंस में, बढ़ते तापमान और आस-पास के जंगलों में लगी आग से बुरी तरह प्रभावित शहर के अधिकारी, शहर के केन्द्र तक जाने वाले, 24 किमी के हरे-भरे शीतलन गलियारे की सिंचाई के लिए, रोमन-युग के जलसेतु का उपयोग कर रहे हैं.

यह प्राकृतिक समाधान विशेष रूप से अहम इसलिए भी हैं, क्योंकि ये जलवायु परिवर्तन में योगदान किए बिना तापमान को कम करने में मदद देते हैं. यह एयर कंडीशनिंग के बिल्कुल विपरीत है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक शक्तिशाली स्रोत है. 

शहरों में प्रकृति, प्राकृतिक आवासों का आपसी सम्पर्क व सहनसक्षमता बढ़ाने एवं जैव विविधता का समर्थन करने में मदद करती है, जोकि वर्ष 2022 में अपनाए गए वैश्विक जैव विविधता ढाँचे के अनुरूप है.

विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक समाधानों के साथ-साथ, शहरों को जलवायु संकट से बचने के लिए ख़ुद को ठंडा रखने के अन्य उपाय भी खोजने होंगे. इनमें नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बदलाव, इमारतों में निष्क्रिय शीतलन शामिल करना, और सड़कों व गर्मी से बचाने वाली इमारतों में परिवर्तन करना शामिल है.

UNEP स्थानीय सरकारों के लिए दिशानिर्देश विकसित कर रहा है, जो इस वर्ष के अन्त में जारी किए जाएंगे, ताकि गर्मी प्रतिरोधी विकल्प निर्मित किए जा सकें और शहरों के भीतर प्रकृति के लाभों तक समान पहुँच सुनिश्चित हो सके.

UNEP ने, the Heat Action Platform पर Arsht-Rock के साथ भी साझेदारी की है, जो शहर के अधिकारियों के लिए अत्यधिक गर्मी के मानवीय एवं आर्थिक प्रभावों को कम करने का एक उपाय है.

विशेषज्ञों का कहना है कि शहरों को भविष्य की चरम गर्मी से निपटने की योजना बनानी शुरू कर देनी चाहिए. 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, इस वर्ष जून, रिकॉर्ड पर सबसे गर्म महीना रहा. 

यूनेप के कुशल, जलवायु-अनुकूल शीतलन पर वैश्विक संगठन, Cool Coalition के अनुसार, अत्यधिक तापमान से पहले से ही, प्रति वर्ष 50 लाख लोगों की मौत हो जाती है. ऐसे में, गर्मी से सम्बन्धित मौतों में बढ़ोत्तरी होना सम्भव है.

यूनेप के स्टीवन स्टोन ने कहा, "यह एक वैश्विक चुनौती है जो अरबों लोगों को प्रभावित करती है. वास्तविकता यह है कि, हमें अपने शहरों को रहने योग्य बनाए रखने के लिए, वास्तविक समय में कार्रवाई करने की आवश्यकता है."

यह लेख पहले यहाँ प्रकाशित हुआ.