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यमन: खाद्य सुरक्षा में मामूली बेहतरी, मगर लाखों लोग अब भी भुखमरी में

यमन में हिंसक टकराव और आर्थिक संकट के कारण, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का स्तर बहुत उच्च रहा है.
© WFP/Mohammed Awadh
यमन में हिंसक टकराव और आर्थिक संकट के कारण, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का स्तर बहुत उच्च रहा है.

यमन: खाद्य सुरक्षा में मामूली बेहतरी, मगर लाखों लोग अब भी भुखमरी में

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने शुक्रवार को एक नई रिपोर्ट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि यमन में सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में, इस वर्ष के पहले पाँच महीनों के दौरान, खाद्य सुरक्षा की स्थिति में मामूली बेहतरी हुई है, मगर गम्भीर कुपोषण अब भी बढ़ोत्तदरी जारी है.

यमन में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी और मानवीय सहायता संयोजक डेविड ग्रेसली ने कहा है, “संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने वर्ष 2022 के दौरान, खाद्य असुरक्षा की बदतर स्थिति को कुछ बेहतर बनाने में हमने प्रगति हासिल की थी."

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"मगर ये प्रगति बहुत नाज़ुक बनी हुई है, और यमन में लगभग एक करोड़ 70 लाख लोग, खाद्य असुरक्षित हैं.”

यमन में आठ वर्षों से सघन युद्ध की स्थिति की निकट निगरानी कर रहीं तीन यूएन एजेंसियों की एक नई रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, वर्ष 2022 की इसी अवधि यानि पहले पाँच महीनों की तुलना में, गम्भीर रूप से कुपोषित लोगों की संख्या में, वर्ष 2023 में वृद्धि हुई है.

इससे अत्यन्त गम्भीर भुखमरी को ख़त्म करने के लिए, और ज़्यादा धन की ज़रूरत का संकेत मिलता है.

खाद्य अभाव के कारक

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन – FAO, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और यूनीसेफ़ की इस रिपोर्ट के अनुसार, यमन दुनिया भर में सबसे ज़्यादा खाद्य असुरक्षित स्थानों में से एक बना हुआ है. इस स्थिति के लिए युद्ध और आर्थिक पतन, मुख्य कारक हैं.

रिपोर्ट में दिखाया गया है कि यमन के लोगों को लगातार ध्यान व सहायता की दरकार है क्योंकि लाखों लोग अब भी भुखमरी की चपेट में हैं.

यूएन एजेंसियों ने आगाह किया है कि खाद्य असुरक्षा के प्रमुख कारकों से निपटने के लिए, तुरन्त कुछ ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो, स्थिति और भी बदतर हो सकती है.

यह नई रिपोर्ट दिखाती है कि सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में, जनवरी से मई 2023 के दरम्यान, लगभग 32 लाख लोगों को, गम्भीर खाद्य असुरक्षा के बढ़े हुए स्तरों का सामना करना पड़ा.

रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है जून से दिसम्बर 2023 की अवधि में, गम्भीर खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 39 लाख पर पहुँच सकती है.

इनमें से लगभग 28 लाख लोगों के, भुखमरी के संकट स्तर में धकेल दिए जाने की सम्भावना है.