वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कुपोषण

गुआटेमाला ऐसे देशों में है जहाँ, कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या, दुनिया भर में सर्वाधिक है.
© UNICEF/Daniele Volpe

दुनिया भर में, 33.3 करोड़ बच्चे, चरम निर्धनता में

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ और विश्व बैंक की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में लगभग 33 करोड़ 30 लाख बच्चे, चरम निर्धनता में जीवन जी रहे हैं, और हर छह में से औसतन एक बच्चे को, प्रतिदिन $2.15 से भी कम रक़म पर गुज़र-बसर करनी पड़ती है.

एक सूडानी परिवार सूडान के साथ चाड सीमा के करीब एक शरणार्थी शिवर में आश्रय लेते हुए.
© WFP/Eloge Mbaihondoum

सूडान: युद्ध, भूख और बीमारियों से पीड़ित, बच्चों की एक पीढ़ी का भविष्य दाँव पर

मानवीय राहत मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने चिन्ता जताई है कि सूडान में हिंसक टकराव और भूख का संकट, देश को तबाह कर सकता है और बच्चों की एक पूरी पीढ़ी का भविष्य दाँव पर लगा है. 

दक्षिण सूडान के युनिटी स्टेट में बाढ़ के कारण फ़सलें बर्बाद होने से किसानों को नुक़सान हुआ है. (फ़ाइल)
© WFP/Gabriela Vivacqua

भरपेट भोजन के अभाव से जूझ रहे हैं 73.5 करोड़ लोग, नई यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि वर्ष 2019 के बाद से अब तक, 12.2 करोड़ अतिरिक्त लोग भूख की चपेट में आए हैं. वर्ष 2022 में सात करोड़ से अधिक लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिला, जिसकी वजह कोविड-19 महामारी, बार-बार आने वाले मौसमी व्यवधान और हिंसक टकराव बताई गई है.

फ़ास्ट फूड रेस्तराँ में भोजन.
Unsplash/Christopher William

खाद्य वस्तुओं के आक्रामक प्रचार से बच्चों को बचाने के लिए नए दिशानिर्देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों को खाद्य वस्तुओं के प्रचार या मार्केटिंग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से नीतियाँ तैयार करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इन दिशानिर्देशों में व्यापक स्तर पर ऐसे अनिवार्य उपायों को अपनाने पर बल दिया गया हैजिनसे सभी उम्र के बच्चों में संतृप्त वसा, ट्रांस फ़ैटअत्य़धिक चीनी या नमक के इस्तेमाल से तैयार किए गए भोजन और ऐल्कॉहॉल-रहित पेय पदार्थों के आक्रामक प्रचार को रोका जा सके.

हेती की राजधानी पोर्तओ-प्रिन्स में हिंसा के कारण विस्थापित महिला एक पार्क में अपने कपड़े धो रही है.
© UNICEF

गम्भीर संकटों से जूझ रहे हेती के लिए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) की अध्यक्ष लाचेज़ारा स्टोएवा ने कहा है कि अनेक संकटों से जूझ रहे हेती को मौजूदा हालात से उबारने के लिए केवल शब्द पर्याप्त नहीं है और तत्काल, अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की जानी होगी. 

देश में चल रही हिंसा के परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में सूडान में 20 लाख से अधिक लोगों के भूख से मरने की आशंका है.
© WFP/Peter Louis

खाद्य असुरक्षा से सर्वाधिक प्रभावित, 18 ‘हॉटस्पॉट’ में भूख संकट गहराने की आशंका

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) ने सोमवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी की है कि दुनिया के 22 देशों में फैले हुए 18 क्षेत्रों में भूख की समस्या बद से बदतर हो जाने की आशंका है. यूएन एजेंसियों ने इन 18 क्षेत्रों को खाद्य असुरक्षा के नज़रिये से हॉटस्पॉट क़रार दिया है.  

यमन में हिंसक टकराव और आर्थिक संकट के कारण, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का स्तर बहुत उच्च रहा है.
© WFP/Mohammed Awadh

यमन: खाद्य सुरक्षा में मामूली बेहतरी, मगर लाखों लोग अब भी भुखमरी में

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने शुक्रवार को एक नई रिपोर्ट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि यमन में सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में, इस वर्ष के पहले पाँच महीनों के दौरान, खाद्य सुरक्षा की स्थिति में मामूली बेहतरी हुई है, मगर गम्भीर कुपोषण अब भी बढ़ोत्तदरी जारी है.

सूखे की परिस्थितियों के कारण सोमालिया में बड़ी संख्या में लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं.
© UNHCR/Samuel Otieno

हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में विनाश टालने के लिए, सात अरब डॉलर की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र में करोड़ों लोग, अनेकानेक संकटों से जूझ रहे हैं और इन हालात में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा हाथ पर हाथ धर कर बैठने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता है.

मलावी में चक्रवाती तूफ़ान फ़्रैडी से प्रभावित इलाक़ों में से एक में, यूनीसेफ़ प्रतिनिधि की यात्रा के दौरान, बच्चों की खेलकूद में शिरकत..
©UNICEF Malawi/2023

मलावी: पाँच लाख बच्चों पर, कुपोषण का जोखिम, UNICEF

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने मलावी में लगभग 65 लाख लोगों की मदद करने के लिए, क़रीब 8.8 करोड़ डॉलर की रक़म जुटाने की अपील जारी की है. इनमें लगभग पाँच लाख 73 हज़ार लड़के व लड़कियाँ, कुपोषण के जोखिम में हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के कन्दाहार में, यूनीसेफ़ समर्थित एक सचल स्वास्थ्य केन्द्र में, महिलाएँ और बच्चे अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए.
© UNICEF/Salam Al-Janabi

अफ़ग़ानिस्तान: संकट का, बच्चे भुगत रहे हैं ख़मियाज़ा: यूनीसेफ़

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के प्रतिनिधि फ़्रान ऐक्विज़ा ने आगाह किया है कि देश की लगभग 90 फ़ीसदी आबादी निर्धनता के कगार पर है और इसका ख़मियाज़ा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. यूनीसेफ़ प्रतिनिधि ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि लोग यह भूल गए हैं कि अफ़ग़ानिस्तान, बाल अधिकारों का एक संकट है.