वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

अकाल

अफ़ग़ानिस्तान के बदख़शाँ प्रान्त के एक गाँव में, एक परिवार, संयुक्त राष्ट्र से मिली सहायता की बदौलत भोजन ग्रहण करते हुए.
© WFP/Sadeq Naseri

‘भुखमरी की भयंकर ख़ामोशी - गगनभेदी व निरन्तर मौजूद’

संयुक्त राष्ट्र की अकाल रोकथाम और सहायता समन्वयक रीना ग़ेलानी ने गुरूवार को कहा है कि भुखमरी के कारण धीरे-धीरे लोगों को मौत के मुँह में धकेल रहे अकाल के जोखिम को, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिए लाल रेखा समझा जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी के शब्दों में कहा कि युद्धरत पक्ष, खाद्य अभार को, जान-बूझकर युद्ध के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

यमन में हिंसक टकराव और आर्थिक संकट के कारण, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का स्तर बहुत उच्च रहा है.
© WFP/Mohammed Awadh

यमन: खाद्य सुरक्षा में मामूली बेहतरी, मगर लाखों लोग अब भी भुखमरी में

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने शुक्रवार को एक नई रिपोर्ट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि यमन में सरकार के नियंत्रण वाले इलाक़ों में, इस वर्ष के पहले पाँच महीनों के दौरान, खाद्य सुरक्षा की स्थिति में मामूली बेहतरी हुई है, मगर गम्भीर कुपोषण अब भी बढ़ोत्तदरी जारी है.

सिंडी मैक्केन, नवम्बर 2022 में लाओस में यूएन खाद्य राहत एजेंसी के राहत प्रयासों के दौरान.
© WFP/Lee Sipaseuth

​भूख संकट से निपटने के लिए, सहायता धनराशि जुटाना है प्राथमिकता, WFP की नई प्रमुख

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि अमेरिका की सिंडी मैक्केन ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए एक बेहद अहम क्षण में संगठन की बागडोर सम्भाली है. यूएन एजेंसी के अनुसार, हिंसक टकराव, जलवायु परिवर्तन और बढ़ती उर्वरक क़ीमतों के कारण अभूतपूर्व स्तर पर लोगों को भूख संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके मद्देनज़र सहायता धनराशि का तत्काल प्रबन्ध किया जाना एक प्राथमिकता है.

सोमालिया में एक महिला, अपने कुपोषित बच्चे के साथ.
© UNICEF/Mark Condren

सोमालिया: ‘अकाल से बाल-बाल बचा है देश मगर...’

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता समन्वय कार्यालय (OCHA) ने मंगलवार को कहा है कि सोमालिया में, फ़िलहाल तो पूर्ण स्तर वाले अकाल को टाल दिया गया है, मगर खाद्य अभाव व भुखमरी की आपदा, अभी दूर नहीं हुई है.

इथियोपिया में विस्थापितों के लिये बनाए गए एक शिविर में रहने के लिये पहुँची एक महिला.
© UNFPA Ethiopia/Paula Seijo

हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में सूखा: महिलाओं व लड़कियों की मदद के लिये 11.3 करोड़ डॉलर की अपील

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने बुधवार को कहा है कि हॉर्न अफ़्रीका क्षेत्र में सूखा - समुदायों को प्रभावित कर रहा है, मगर महिलाओं व लड़कियों को अस्वीकार्य स्तर की बहुत भारी क़ीमत अदा करनी पड़ रही है. यूएन जनसंख्या कल्याण एजेंसी ने क्षेत्र की सूखा प्रभावित महिलाओं व लड़कियों की ज़रूरतें पूरी करने की ख़ातिर, 11 करोड़ 37 लाख डॉलर की रक़म जुटाने की अपील भी जारी की है.

यूनिसेफ सोमालिया कुपोषित बच्चों को पोषण संबंधी हस्तक्षेप सेवाएं प्रदान करता है.
UNICEF/Ismail Taxta

सोमालिया: गम्भीर कुपोषण का शिकार बच्चों के लिये अभूतपूर्व संकट

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सोमालिया में गम्भीर कुपोषण का शिकार हज़ारों लड़कों व लड़कियों पर मौत का जोखिम मंडरा रहा है. इसके मद्देनज़र, यूनीसेफ़ ने दानदाताओं से देश में ज़रूरतमन्द समुदायों तक राहत पहुँचाने के लिये अपना समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया है.

सोमालिया में युद्ध व सूखा के हालात के कारण, देश के अनेक हिस्सों में खाद्य सामान की भारी क़िल्लत हो गई है.
© WFP/Kevin Ouma

‘भुखमरी की सूनामी’ से, बहुत से अकाल पड़ने की आशंका

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में बताया है कि संघर्ष जनित अकालों और व्यापक दायरे वाली खाद्य असुरक्षा के जोखिम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सुरक्षा परिषद से इन आपस में गुँथे हुए संकटों का सामना करने और प्रभावित क्षेत्रों में टिकाऊ शान्ति स्थापना की दिशा में काम करने का आग्रह किया है.

सोमालिया के मोगादीशु के एक अस्पताल में कुपोषण का शिकार एक बच्चा.
© UNICEF/Omid Fazel

सोमालिया: अकाल का जोखिम बढ़ा, यूएन एजेंसियों की 'गम्भीर मोड़' की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के उच्च स्तरीय समन्वय फ़ोरम ने आगाह किया है कि सोमालिया एक ऐसे अति गम्भीर मोड़ पर पहुँच गया है जहाँ लाखों लोग अकाल के तत्काल जोखिम का सामना कर रहे हैं.

इथियोपिया में एक महिला अपने एक वर्ष के बच्चे के साथ जो गम्भीर कुपोषण का शिकार है.
© UNICEF/Ismail Taxta

वैश्विक भुखमरी संकट, प्रति मिनट, एक बच्चे को धकेल रहा है गम्भीर कुपोषण में

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने चेतावनी भरे अन्दाज़ में कहा है कि वैश्विक भुखमरी संकट, हर एक मिनट में एक बच्चे को गम्भीर कुपोषण में धकेल रहा है जिससे उन बच्चों के अस्तित्व के लिये जोखिम बढ़ रहा है. यूएन बाल एजेंसी की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब कुछ देशों के नेता, जी7 सम्मेलन के लिये तैयारियाँ कर रहे हैं.