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फ़लस्तीन: धन की क़िल्लत से, दो लाख लोग खाद्य अभाव के कगार पर

गाज़ा में UNRWA जबालिया वितरण केंद्र में एक फ़लिस्तीनी शरणार्थी महिला अपना भोजन सहायता पैकेज प्राप्त करते हुए.
© UNRWA/Mohamed Hinnawi
गाज़ा में UNRWA जबालिया वितरण केंद्र में एक फ़लिस्तीनी शरणार्थी महिला अपना भोजन सहायता पैकेज प्राप्त करते हुए.

फ़लस्तीन: धन की क़िल्लत से, दो लाख लोग खाद्य अभाव के कगार पर

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने गुरूवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि धन की भारी क़िल्लत के कारण, दो लाख से अधिक फ़लस्तीनियों को मिलने वाली सहायता में कटौती करने के लिए विवश होना पड़ सकता है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने गुरूवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि धन की भारी क़िल्लत के कारण, दो लाख से अधिक फ़लस्तीनियों को मिलने वाली सहायता में कटौती करने के लिए विवश होना पड़ सकता है.

यूएन खाद्य सहायता एजेंसी ने घोषणा की कि दान-दाता अगर धन की इस कमी को पूरा नहीं करते हैं तो, फ़लस्तीनी इलाक़ों में एजेंसी से सहायता पाने वाले लोगों की 60 प्रतिशत संख्या को, जून में खाद्य सहायता नहीं मिल पाएगी.

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एजेंसी ने ये भी कहा है कि उसे इन हालात में पश्चिमी तट और ग़ाज़ा में, अगस्त तक अपने अभियान पूरी तरह से स्थगित करने पड़ेंगे.

फ़लस्तीन में WFP के प्रतिनिधि और देश निदेशक समीर अब्देलजाबेर ने कहा, "निराशाजनक समय में तत्काल उपायों की ज़रूरत होती है."

“हमारे पास सीमित संसाधनों पर ही बोझ बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सबसे कमज़ोर हालात वाले परिवारों की ज़रूरतें पूरी हो सकें. ये लोग खाद्य सहायता के अभाव में भुखमरी के गर्त में धँस जाएंगे.

कठिन विकल्प

एजेंसी को इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों में, वर्ष 2023 के अन्त तक जीवन-रक्षक सहायता जारी रखने के लिए तत्काल 5 करोड़ दस लाख डॉलर की रक़म की आवश्यकता है.

समीर अब्देलजाबेर ने कहा, ”ये बेहद कठिन विकल्प हैं, मगर हमने तमाम मौजूद संसाधनों का भरपूर सदुपयोग करने के लिए, पहले ही सभी उपाय इस्तेमाल कर लिए हैं.

"हम दान-दाताओं से वर्षों से लगातार प्राप्त हो रहे समर्थन के लिए उनके आभारी हैं, लेकिन ज़रूरतें बढ़ रही हैं, और मौजूदा संसाधन इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं."

कम संसाधन, ज़रूरतें ज़्यादा

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा कि ग़ाज़ा और पश्चिमी तट क्षेत्रों में रहने वाले बेहद कमज़ोर हालात वाले परिवारों को, बढ़ती असुरक्षा, बिगड़ती अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के संयुक्त प्रभावों ने, अत्यधिक मुश्किलों में धकेल दिया है. गुज़र-बसर की बढ़ती लागत, खाद्य असुरक्षा को भी बढ़ा रही है.

खाद्य क़ीमतों में तेज़ उछाल और निरन्तर अस्थिरता के कारण, बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही है, जिसके कारण 18 लाख 40 हज़ार फ़लिस्तीनी लोग खाद्य असुरक्षित हैं, जोकि कुल आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा है.

एजेंसी का कहना है, "हम सरकारी दान दाताओं और निजी क्षेत्र से इस कठिन समय में, WFP को अपना समर्थन जारी रखने का आग्रह करते हैं."

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) फ़लस्तीनी परिवारों को, ग़रीबी और कठिन परिस्थितियों के बीच, अपने बच्चों के स्वस्थ पालन-पोषण में मदद मुहैया कराता है.
WFP

मानवाधिकारों पर जोखिम

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने, इस सप्ताह गाज़ा में युद्धक गतिविधियों में आई तेज़ी पर, गुरूवार को गहन चिन्ता व्यक्त की है. इन गतिविधियों में इसराइली हवाई हमलों में कम से कम 12 आम फ़लस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी हैं.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा पुष्ट आँकड़ों के अनुसार, गाज़ा में 9 मई से लेकर कुल 25 फ़लस्तीनी जन मारे गए हैं जिनमें छह बच्चे और चार महिलाएँ हैं. कुछ अन्य लोग घायल भी हुए हैं. मारे गए लोगों में फ़लस्तीनी चरमपंथी संगठन - इस्लामिक जिहाद मूवमेंट (PIJ) के तीन वरिष्ठ सदस्य भी बताए गए हैं.

समाचारों के अनुसार, गाज़ा में फ़लस्तीनी चरमपंथियों ने, मंगलवार के इसराइली हवाई हमले के जवाब में, बुधवार को इसराइल में 460 से अधिक रॉकेट दागे हैं. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने व आम लोगों की मौतों पर रोक लगाने की पुकार लगाई है.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने सभी पक्षों से तनाव कम करने के लिए उपाय करने और सभी मौतों की त्वरित और पारदर्शी जाँच कराने का आग्रह किया है, जिनमें विशेष रूप से आम नागरिकों की मौतें भी शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को कहा कि महासचिव ने गाज़ा और इसराइल में बढ़ते तनाव पर गहरी चिन्ता के साथ, नज़र रखे हुए हैं.