FAO: लातीनी अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र में बढ़ती भुखमरी से निपटने के लिए, कार्रवाई बढ़ाने की पुकार

ग्वाटेमाला के एक स्कूल में बच्चे भोजन करते हुए.
© Pep Bonet/NOOR for FAO
ग्वाटेमाला के एक स्कूल में बच्चे भोजन करते हुए.

FAO: लातीनी अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र में बढ़ती भुखमरी से निपटने के लिए, कार्रवाई बढ़ाने की पुकार

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने बुधवार को कहा है कि लातीनी अमेरिका और कैरीबियाई देशों को, भोजन अभाव, निर्धनता और विषमता के बढ़ते स्तरों का सामना करने के लिए कार्रवाई तेज़ करनी होगी.

यूएन एजेसी के अनुसार वर्ष 2019 और 2021 के दरम्यान, इस क्षेत्र में भोजन अभाव का सामना करने वाले लोगों की संख्या में 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई, और ये संख्या, 5 करोड़ 65 लाख तक पहुँच गई.

खाद्य असुरक्षा की ये चिन्ताजनक स्थिति इस तथ्य के बावजूद उत्पन्न हुई है कि लातीनी अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र, दुनिया का सबसे विशाल नैट खाद्य निर्यात क्षेत्र है.

इतना ही नहीं, वर्ष 2015 में समाप्त हुए दशक के दौरान, इस क्षेत्र ने, भोजन अभाव व निर्धनता को कम करने में, अन्य क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया था.

दशकों की प्रगति पर जोखिम

खाद्य और कृषि संगठन के मुखिया क्यू डोंगयू ने, भोजन अभाव और निर्धनता का मुक़ाबला करने के प्रयासों में एक दशक की प्रगति को पलट जाने से रोकने की अपील करते हुए, लातीनी अमेरिक व कैरीबियाई देशों के समुदाय (CELAC) से, कैरीबियाई क्षेत्र में खाद्य आपूर्ति का विस्तार करने का आग्रह किया है, जहाँ स्वस्थ ख़ुराकें महंगी हैं.

उन्होंने कहा कि निरन्तर निर्धनता और बढ़ती असमानताएँ, ग्रामीण आबादियों के सर्वाधिक प्रभावित करती हैं, विशेष रूप में महिलाओं, युवजन और अन्य निर्बल हालात वाले व्यक्तियों को.

यूएन एजेंसी के प्रमुख ने मध्य अमेरिका में भी जल ढाँचे और खाद्य उत्पादन में और ज़्यादा संसाधन निवेश करने का आग्रह किया है, जहाँ सूखा और प्रवासन ने, उत्पादकों के लिए अतिरिक्त चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं.

वाजिब हिस्सा

क्यू डोंगयू ने संगठन की मदद की पेशकश करते हुए दोहराया कि लातीनी अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र के देशों के नेताओं के लिए, विषमता से निपटना कितना अहम है, जिसे दुनिया में सबसे ज़्यादा विषमता वाला महाद्वीप माना जाता है. ऐसा करने के लिए नेताओं ने 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी, बढ़ती खाद्य असुरक्षा और मुख्य खाद्य उत्पादों, उर्वरकों और अन्य कृषि उत्पादों की बढ़की क़ीमतों के, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का सामना करने के लिए, तत्काल सामूहिक कार्रवाई की भी आवश्यकता है.

एजेंसी के महानिदेशक क्यू डोंगयू ने कहा कि इसके अतिरिक्त तमाम देशों को जलवायु परिवर्तन और जैवविविधता की कमी,  घटते वनों और पानी की क़िल्लत के संकटों का सामना करने के लिए आपस में सहयोग करना चाहिए.

अनिश्चित वातावरण

एजेंसी ने कहा है कि वैश्विक खाद्य मूल्य सूचकांक ने अलबत्ता हाल के महीनों में, मुख्य खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में गिरावट का रुख़ दिखाया है जिससे कुछ राहत तो मिली है, मगर पुनर्बहाली अभी स्थापित होनी है.

सूचकांक में और ज़्यादा चुनौतियों का अनुमान भी व्यक्त किया गया है, क्योंकि दुनिया भर की कृषि खाद्य प्रणालियाँ अभी जोखिमों व अनिश्चितताओं का सामना करती रहेंगी, जिनमें जलवायु संकटों और आर्थिक मन्दियों से उबरन वाले देश भी शामिल हैं.