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पाकिस्तान: बाढ़ के नुक़सान से उबरने में मदद के लिए, वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में व्यापक सुधारों का आग्रह

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, पाकिस्तान में 2022 के दौरान भीषण बाढ़ से हुई भारी तबाही में, मदद की पुकार लगाने वाले जिनीवा सम्मेलन में शिरकत करते हुए. (9 जनवरी 2023)
UN Photo/Violaine Martin
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, पाकिस्तान में 2022 के दौरान भीषण बाढ़ से हुई भारी तबाही में, मदद की पुकार लगाने वाले जिनीवा सम्मेलन में शिरकत करते हुए. (9 जनवरी 2023)

पाकिस्तान: बाढ़ के नुक़सान से उबरने में मदद के लिए, वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में व्यापक सुधारों का आग्रह

जलवायु और पर्यावरण

पाकिस्तान में गत वर्ष की गर्मियों में आई भीषण बाढ़ से हुई भारी तबाही का सामना करने में मदद के लिये अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को प्रोत्साहित करने के यूएन नेतृत्व वाले प्रयास सोमवार को जिनीवा में भी जारी रहे, जहाँ यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में, विकासशील देशों के पक्ष में व्यापक सुधार किए जाने का आग्रह किया.

यूएन प्रमुख ने, सोमवार को जिनीवा में जलवायु सहनशील पाकिस्तान पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों से कहा, “अगर हानि और विध्वंस के बारे में कोई सन्देह है तो पाकिस्तान जाकर देखें...

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जलवायु परिवर्तन का विनाश वास्तविक है.”

“बाढ़ों, सूखों से लेकर तूफ़ानों और मूसलाधार बारिशें होने तक. और जैसाकि सदैव देखने को मिलता है, जो देश जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे कम ज़िम्मेदार हैं, उन्हें ही सबसे पहले तबाही का सामना करना पड़ता है.”

करोड़ों लोग प्रभावित

पाकिस्तान में 2022 की गर्मियों में मुख्य रूप से सिन्ध और बलोचिस्तान में आई भीषण बाढ़ से लगभग 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जिसे देश की सबसे विशाल जलवायु आपदा बताया गया है.

आरम्भिग आपात घोषणा के कई महीनों बाद आज भी, बाढ़ के पानी में बहुत कम उतार आया है. बढ़ते पानी से बचने के लिए जिन लगभग 80 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा, उनके लिए अभी ये आपदा ख़त्म होने से बहुत दूर है.

इस बाढ़ में 1,700 से ज़्यादा लोगों की मौत भी हो गई है.

त्रासदीपूर्ण क्षति

22 लाख से ज़्यादा घर तबाह हुए हैं, साथ ही 13 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाएँ, 44 लाख एकड़ फ़सलें, और 8 हज़ार से ज़्यादा लम्बी सड़कें व अन्य अहम ढाँचे तबाह हो गए हैं. इनमें लगभग 440 पुल भी शामिल हैं.

यूएन महासचिव ने कहा कि पाकिस्तान में वर्ष 2022 के जून में शुरू हुई मानसूनी वर्षा से उफनी असाधारण बाढ़ के कारण,  समुदायों की मदद करने की लागत लगभग हर तरीक़े से प्रभावित हुई है, जोकि लगभग 16 अरब डॉलर से ज़्यादा होगी. इसके अलावा दीर्घ अवधि के लिये इससे भी अधिक की दरकार होगी.

यूएन प्रमुख ने, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के साथ एक संयुक्त प्रैस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान को समुचित सहायता प्राप्त हो, ये एक न्याय का सवाल है, ना केवल एकजुटता का केवल एक रुख़ मात्र.

उन्होंने कहा कि ये सम्मेलन उस प्रक्रिया की शुरुआत भर है. कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन बढ़ोत्तरी पर हैं, ऐसे में ये देखकर गहन हताशा होती है कि वैश्विक नेतागण, इस जीवन-मृत्यु की आपादा को, ज़रूरत के अनुसार कार्रवाई और निवेश नहीं दे रहे हैं.

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पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के जैकोबाबाद इलाक़े में, 3 नवम्बर 2022 को, 15 वर्षीय सुगरा अपने भाई के साथ, जिनका घर बाढ़ में तबाह हो गया.
© UNICEF/Bashir
पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के जैकोबाबाद इलाक़े में, 3 नवम्बर 2022 को, 15 वर्षीय सुगरा अपने भाई के साथ, जिनका घर बाढ़ में तबाह हो गया.

बुनियादी ग़लतियों में सुधार

यूएन प्रमुख ने पाकिस्तान जैसे विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने के लिए ज़्यादा सहनशील बनाने में मदद की ज़रूरत को दोहराते हुए ज़ोर दिया कि अन्तरराष्ट्रीय बैंकिंक प्रणाली में, एक बुनियादी ग़लती को ठीक करने के लिए सुधार की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान जलवायु अराजकता व नैतिक रूप से दिवालिया हो चुकी एक वैश्विक वित्त प्रणाली की दोहरी मार झेल रहा है. ये व्यवस्था मध्य आय वाले देशों को प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध सहनक्षमता के विकास में संसाधन निवेश की ख़ातिर, क़र्ज़ राहत और रियायती धन सहायता से वंचित करती है.”

“और इसलिए, हमें विकासशील देशों को क़र्ज़ राहत तक पहुँच आसान करने और उन्हें सर्वाधिक ज़रूरत की स्थिति में, रियायती वित्तीय सहायता तक पहुँच बनाने के लिए रचनात्मक रास्ते बनाने होंगे.”

पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में यूनीसेफ़ के फ़ील्ड मुखिया प्रेम चन्द, सहायता सामग्री ले जाने में एक 11 वर्षीय लड़की की मदद करते हुए.
UNICEF/Arsalan Butt
पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में यूनीसेफ़ के फ़ील्ड मुखिया प्रेम चन्द, सहायता सामग्री ले जाने में एक 11 वर्षीय लड़की की मदद करते हुए.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के साथ ही खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने बताया कि उनके देश को, इस समय पहले से कहीं ज़्यादा, अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता की ज़रूरत किसलिए है.

शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, “हमें बाढ़ से गहन रूप से प्रभावित 3 करोड़ 30 लाख लोगों को, उनका भविष्य वापिस लौटाना होगा.”

“उनके परिवारों को आत्म निर्भर बनना होगा और उन्हें जीवन में फिर से सक्रिय होने के साथ-साथ, अपनी आजीविकाएँ अर्जित करन में समर्थ बनना होगा.”

गहन परिवर्तन

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के प्रशासक अख़िम स्टीनर ने जलवायु परिवर्तन द्वारा दरपेश वैश्विक ख़तरे के स्तर और विकासशील देशों में जलवायु अनुकूलन की ख़ातिर धनराशि का प्रबन्ध करने की ज़रूरत को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, “पूर्व की तरफ़ देखें – ऑस्ट्रेलिया में असाधारण बाढ़ों की घटनाएँ; पश्चिम में कैलीफ़ोर्निया में चरम मौसम की घटनाएँ देखें, योरोप की तरफ़ देखें और लोग आश्चर्यचकित हैं कि सर्दियों में बर्फ़ कहाँ ग़ायब हो गई, हम सघन व विशाल रूप से बदलते दौर में जीवन जी रहे हैं.”

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की संयुक्त प्रैस वार्ता देखने के लिए नीचे क्लिक करें: